हज

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2008 के हज के दौरान मस्जिद अल-हरम की तीर्थयात्रा

हज (अरबी : حج हज " तीर्थयात्रा"), एक इस्लामी तीर्थयात्रा और मुस्लिम लोगों का पवित्र शहर मक्का में प्रतिवर्ष होने वाला विश्व का सबसे बड़ा जमावड़ा है।[१][२] यह इस्लाम के पांच मूल स्तंभ में से एक है, साथ ही यह एक धार्मिक कर्तव्य है जिसे अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पूरा करना हर उस मुस्लिम चाहे स्त्री हो या पुरुष का कर्तव्य है जो सक्षम शरीर होने के साथ साथ इसका खर्च भी उठा पाने में समर्थ हो।[३] शारीरिक और आर्थिक रूप से हज करने में सक्षम होने की स्थिति को इस्ति'ताह कहा जाता है और वो मुस्लिम है जो इस शर्त को पूरा करता है मुस्ताती कहलाता है। हज मुस्लिम लोगों की एकजुटता का प्रदर्शन होने के साथ साथ उनका अल्लाह (ईश्वर) में विश्वास होने का भी द्योतक है।[४]

यह तीर्थयात्रा इस्लामी कैलेंडर के 12 वें और अंतिम महीने ज़िल हिज्जाह की 8 वीं से 12 वीं तारीख तक की जाती है। इस्लामी कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है इसलिए इसमें, पश्चिमी देशों में प्रयोग में आने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से ग्यारह दिन कम होते हैं, इसीलिए ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हज की तारीखें साल दर साल बदलती रहती हैं। इहरम वो विशेष आध्यात्मिक स्थिति है जिसमें मुसलमान हज को दौरान रहते हैं।

7 वीं शताब्दी से हज इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जीवन के साथ जुड़ा हुआ है,[५] लेकिन मुसलमान मानते हैं कि मक्का की तीर्थयात्रा की यह रस्म हजारों सालों से यानि कि इब्राहीम के समय से चली आ रही है। तीर्थयात्री उन लाखों लोगों के जुलूस में शामिल होते हैं जो एक साथ हज के सप्ताह में मक्का में जमा होते हैं और यहं पर कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं: प्रत्येक व्यक्ति एक घनाकार इमारत काबा के चारों ओर वामावर्त सात बार चलता है जो कि मुस्लिमों के लिए प्रार्थना की दिशा है, अल सफा और अल मारवाह नामक पहाड़ियों के बीच आगे और पीछे चलता है, ज़मज़म के कुएं से पानी पीता है, चौकसी में खड़ा होने के लिए अराफात पर्वत के मैदानों में जाता है और एक शैतान को पत्थर मारने की रस्म पूरा करने के लिए पत्थर फेंकता है। उसके बाद तीर्थयात्री अपने सर मुंडवाते हैं, पशु बलि की रस्म करते हैं और इसके बाद ईद उल-अधा नामक तीन दिवसीय वैश्विक उत्सव मनाते हैं।[६][७][८]

सन्दर्भ

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  3. Berkley Center for Religion, Peace, and World Affairs - Islam स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। See drop-down essay on "Islamic Practices"
  4. Dalia Salah-El-Deen, Significance of Pilgrimage (Hajj) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite book
  7. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; ngeo नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  8. साँचा:cite web