स्नेल का नियम

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स्नेल का नियम तरंगों के अपवर्तन से सम्बन्धित एक सूत्र (फॉर्मूला) है जो आपतन कोण तथा अपवर्तन कोण के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है।[१] यह नियम निम्नलिखित है-

आपतन कोण तथा अपवर्तन कोण के ज्याओं का अनुपात दोनों माध्यमों में तरंग के फेज वेगों (phase velocities) के अनुपात के बराबर या दोनों माध्यमों के अपवर्तनांकों के अनुपात के व्युत्क्रम के बराबर होता है।[२]

दूसरे शब्दों में,

<math>\frac{\sin\theta_1}{\sin\theta_2} = \frac{v_1}{v_2} = \frac{n_2}{n_1}</math>

यहाँ प्रत्येक कोण <math>\theta</math> दोनों माध्यमों की सीमारेखा के अभिलम्ब के सापेक्ष मापा जाता है। <math>v</math> दोनों माध्यमों में प्रकाश का वेग है, <math>n</math> दोनों माध्यमों के अपवर्तनांक को अभिव्यक्त करता है।

सन्दर्भ

  1. David Michael Harland (2007). "Cassini at Saturn: Huygens results स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।". p.1. ISBN 0-387-26129-Xस्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. साँचा:cite web

इन्हें भी देखें

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