स्ट्रेपसिराइनी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:taxonomyसाँचा:taxonomyसाँचा:taxonomyसाँचा:taxonomyसाँचा:taxonomy
स्ट्रेपसिराइनी
Strepsirrhini
Temporal range: 63–0 Ma
<div style="position:absolute; height:100%; left:0px; width:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "["।px; padding-left:5px; text-align:left; background-color:साँचा:period color; background-image: linear-gradient(to right, rgba(255,255,255,1), rgba(254,217,106,1) 15%, rgba(254,217,106,1));">PreꞒ

साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar साँचा:fossil range/bar

इयोसीन–वर्तमान
Suborder Strepsirrhini.jpg
स्ट्रेपसिराइनी क्लेड की ८ सदस्य जातियाँ
Scientific classification
उपगण

अडैपिफ़ोर्मीस
लीमरिफ़ोर्मीस
† = विलुप्त

Extant strepsirrhine range with fossil sites.png
वर्तमान जीवित स्ट्रेपसिराइनी जातियों का वितरण (हरे रंग में); विलुप्त जातियों के जीवाश्म वितरण (लाल में)

स्ट्रेपसिराइनी (Strepsirrhini) या गिली-नाक नरवानर (dry-nosed primates) नरवानर गण (प्राइमेट) का एक क्लेड है जिसमें सभी लीमररूपी नरवानर शामिल हैं, जैसे कि माडागास्कर के लीमर, अफ़्रीका के गलेगो और पोटो, और भारतदक्षिणपूर्वी एशिया के लोरिस

स्ट्रेपसिराइनी नरवानर गण के दूसरे प्रमुख क्लेड, हैप्लोराइनी (Haplorhini) से काफ़ी भिन्न होते हैं। इनका मस्तिष्क छोटा होता है। इनकी नाकें गीली रहती हैं, जब की हैप्लोराइनी नाकें बाहर से अधिकतर शुष्क होती हैं। इनकी सूंघने की शक्ति बहुत प्रखर होती है और आँखों में एक प्रतिबिम्बी व्यवस्था के कारण यह रात में देख पाने में अधिक सक्षम होते हैं (यही कारण भी है कि इनकी आँखे रात में चमकती हुई नज़र आती हैं)। इनमें विटामिन सी बना सकने वाला प्रकिण्व (एन्ज़ाइम) होता है और वे यह आवश्यक रसायन स्वयं बना लेते हैं, जबकि हैप्लोराइनी क्लेड के प्राणियों में यह नहीं रहा जिस कारणवश उन्हें विटामिन-सी युक्त भोजन खाने की आवश्यकता होती है।[१] कई स्ट्रेपसिराइनी प्राणियों के जबड़ों के सामने के निचले दांत कंघी जैसी व्यवस्था में होते हैं जिनसे वे अपने बाल सँवार सकते हैं। वर्तमान में अस्तित्व रखने वाली अधिकतर जातियाँ निशाचरी (रात्रि को सक्रीय) हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ