स्टिल बर्थ
स्टिल बर्थ
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स्टिलबर्थ को आयुर्वेद में अंतर्गर्भाशयी भ्रूण मृत्यु भी कहा जाता है है। स्टिलबर्थ को अक्सर गर्भावस्था के नुकसान के रूप में परिभाषित किया जाता है। जो गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह के बाद होता है। 20 सप्ताह से पहले होने वाली गर्भ की घटना को आमतौर पर गर्भपात माना जाता है। दुर्भाग्य से, stillbirth काफी सामान्य है। जो लगभग 160 गर्भधारण में से 1 में होता है।
स्टिल बर्थ किसे कहते है?
सीधे तौर पर कहें तो प्रेगनेंसी की 20 सप्ताह पूर्ण होने पर यदि बच्चा पेट में ही मर जाता है। तो इस प्रकार की कंडीशन को स्टिलबर्थ कहते हैं। स्टिलबर्थ को प्रसव से पहले या उसके दौरान बच्चे की मृत्यु के रूप में परिभाषित किया गया है। कई अलग-अलग विकार मृत जन्म का कारण बन सकते हैं, जिनमें प्री-एक्लेमप्सिया और एक्लम्पसिया, मां में मधुमेह, गंभीर जन्म दोष, पोस्टमैच्योरिटी, अज्ञात कारण आदि शामिल हैं।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में वैश्विक मृत जन्म दर प्रति 1,000 कुल जन्मों पर 13.9 थी। यह कुल 72 जन्मों में से 1 के बराबर है, जिसके परिणामस्वरूप एक मृत बच्चा होता है, या हर 16 सेकंड में एक होता है। फिर भी, इस संख्या को कम करके आंका जा सकता है, क्योंकि स्टिलबर्थ को अक्सर कम रिपोर्ट किया जाता है।
स्टिलबर्थ के लक्षण
स्टिलबर्थ बिना लक्षणों के हो सकता है। लेकिन मुख्य बात यह है कि गर्भवती स्त्री भ्रूण की हलचल महसूस नही कर पाती है। stillbirth के सबसे सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं। हालांकि, प्रत्येक महिला अलग-अलग लक्षणों का अनुभव कर सकती है।
भ्रूण की गति रुकना या बच्चे का लात न मारना । स्पॉटिंग या ब्लीडिंग स्टेथोस्कोप या डॉपलर से भ्रूण की धड़कन नहीं सुनाई देती है। अल्ट्रासाउंड पर भ्रूण की कोई हलचल या दिल की धड़कन नहीं देखी जाती है, जिससे यह निश्चित निदान होता है कि बच्चा अभी भी पैदा हुआ है। अन्य लक्षण स्टिलबर्थ से जुड़े हो भी सकते हैं और नहीं भी। यह सभी लक्षण (स्टिलबर्थ ) से संबंधित है । यदि इनमें से किसी प्रकार के लक्षण आपको महसूस होते है। तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
स्टिलबर्थ के कौन-कौन से कारण होते है?
गर्भवती महिलाओं में स्टिलबर्थ के कई सारे कारण हो सकते है। जोकि निम्नलिखित है –
1. जन्म विकार (chromosomal abnormality) – महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान जन्म विकार के चलते मिसकैरेज की संभावना हो सकती है। इसके अतिरिक्त क्रोमोसोमल असामान्यता की वजह से स्टिबर्थ की समस्या होती है। 14 प्रतिशत तक स्टिलबर्थ के मामले जन्म विकार एवं genetic condition के कारण होते हैं।
2. लेबर के समय परेशान – प्रेगनेंसी में डेलेवरी के दौरान तीन में से 1 केश ऐसा भी देखने को मिलता है। कि लेबर पेन से उसको खतरा हो सकता है। क्योंकि प्रीटर्म लेबर, एक से अधिक गर्भ में बच्चे (जुड़वा) और महिला के गर्भ से प्लेसेंटा के हट जाने के कारण गर्भपात जैसी परेशानी होती है। प्रेगनेंसी के 20वीं हफ्ते में या उससे पहले लेबर कॉम्पि्लेशन (labor complication) भी जिम्मेदार होता है।
3. इंफेक्शन – गर्भवती महिलाओं में कुछ ऐसे संक्रमण भी जिम्मेदार होते है। जो stillbirth का कारण बनते हैं। प्रेगनेंसी में यौन संचारित रोगों के कारण इंफेक्शन होने की संभावना होती है। करीब 13 प्रतिशत स्टिलबर्थ के मामले इंफेक्शन की वजह से होते हैं। क्योंकि जब प्रेगनेंसी के समय महिलाओं के अम्बिलिकल कॉर्ड में परेशानी होती है। तो ऐसी स्थिति में शिशु पेट में ही दम तोड देता है।
4. डेलीवरी की डेट आगे बढ़ जाना – कुछ शोध ऐसे भी देखने को मिले हैं। जिसमें यदि डेलीवरी की डेट ओवरी हो जाती है। और प्रेगेनेंसी 42 हफ्ते पार कर जाती है। तो ऐसे में भी स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि यह वह समय होता है। जब भ्रूण को प्लेसेंटा का सहयोग नही मिल पाता है। और प्लेसेंटा की क्षमता कमजोर होने लगती है। इस कारण से सभी डॉक्टर 42 हफ्ते से पहली की डेलीवरी की सलाह देते हैं।
5. चिकित्सीय परिस्थितियां – गर्भवती महिलाओं में बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। जिसके कारण भी स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ जाता है। यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को ऑटो इम्यून जैसी कोई समस्या लुपस, रक्त विकार, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और ओबेसिटी से जुडी दिक्कतें हो । तो बच्चे को गर्भ में खतरा हो सकता है। जो स्टिलबर्थ का कारण बनता है। इनसे संबंधित यदि किसी भी प्रकार की समस्या का गर्भवती महिला सामना करती है। तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। और जांच करवानी चाहिए।
कुछ और भी अन्य कारण हो सकते है। जिनका असर भी महिला की प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। जैसे यदि आप आर्थिक, भावनात्मक, तनाव या कुछ व्यक्तिगत मामलों के चलते परेशानी रहती है। तो इसका प्रभाव भी गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत के ऊपर होता है। ऐसे में भी स्टिलबर्थ होने की संभावना होती है। परंतु ऐसे केश बहुत कम ही देखने को मिलते है।
प्रेगनेंसी के दौरान अधिक पेन किलर (दर्द निवारक) दवाएं लेने या फिर सिगरेट, तम्बाकू या शराब सेवन की आदि है। तो भी stillbirth हो सकती है। ऐसे में स्टिलबर्थ की संभावना अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि आप जो धूम्रपान करती है। उसको गर्भ में पल रहा शिशु सहन नही कर सकता है। जिससे वह गर्भ में ही मर जाता है। इसलिए गर्भवती होने या प्रेगनेंसी प्लानिंग से पूर्व ऐसी किसी भी प्रकार की बुरी आदतों का परित्याग (छोड) देना चाहिए।