स्काॅटलैंड का राष्ट्रीय स्मारक
स्काॅटलैंड का राष्ट्रीय स्मारक | |
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National Monument of Scotland नैशनल माॅन्युमेन्ट ऑफ़ स्काॅटलैण्ड | |
सामान्य विवरण | |
अवस्था | अधूरा |
प्रकार | जनसाधारण स्मारक(राष्ट्रीय स्मारक) |
स्थान | कैल्टन पहाड़ी, एडिनबर्ग |
शहर | साँचा:ifempty |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
निर्माणकार्य शुरू | १८२६ |
निर्माण सम्पन्न | १८२९ |
शुरुआत | साँचा:ifempty |
ध्वस्त किया गया | साँचा:ifempty |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | चार्ल्स राॅबर्ट कौकरेल और विलियभ हेनरी प्लेफ़ेयर |
मुख्य ठेकेदार | मेस्सर्स व़िल्लियम व़ाॅलस ऐंड सन्स |
स्काॅटलैन्ड का राष्ट्रीय स्मारक(साँचा:lang-en; नैश्नल माॅन्युमेन्ट ऑफ़ स्काॅटलैन्ड) स्काॅटलैंड के एडिनबर्ग में कैल्टन पहाड़ी पर नेल्सन स्मारक के निकट स्थित एक अधनिर्मित संरचना है जिसे नेपोलियाई युद्धों में मारे गए स्काॅटियाई सिपाहियों की यादगार के तौर पर बनाया गया था।
कैल्टन पहाड़ी के उपर स्थित इस स्मारक की संरचना को १८२३-२६ के बीच चार्ल्स राॅबर्ट कौकरेल और विलियभ हेनरी प्लेफ़ेयर द्वारा तईयार किया गया था। इसे योजनानुसार एथेन्स के पार्थेनन की तर्ज़ पर बनाया जाना था। इसी सिल्सिले में १८२६ में शुरू हुए निर्माणकार्य को १८२९ में निधी के आभाव के कारण बंद करना पड़ा। इसकी इसी दुर्भाग्यपूर्ण इतिहास के कारण इसे प्रायः स्काॅटलैंड और एडिनबर्ग के अपयश या कलंक एवं स्काॅटलैंड की गौरव और गरीबी(प्राइड ऐंड पोवर्टी ऑफ़ स्काॅटलैंड) एवं ऐसे ही अन्य कई दुष-उपनामों से संबोधित किया जाता है।
पृष्ठभूमी
नेपोलियाई युद्धों मेअं मारे गए स्काॅटियाई सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक की मांग पहली बार १८१६ में ही हाइलैन्ड सोसाइटी ऑफ़ स्काॅटलैंड(स्काटलैंड की हाइलैंड्स समाज मंडल) द्वारा कर दी गई थी। प्राथमिक योजना के अनुसार, एडिनबर्ग के द माउण्ड को स्मारक निर्माण के लिये चुना गया था, जिसे बाद में कैल्टन पहाड़ी के पक्ष में अस्वीकृत कर दिया गया।[१] जनवरी १८२२ में एक प्रास्ताव रखा गया की कुल £४२,००० की लागत से 'एथेन्स के पार्थेनॅन की एक प्रतिकृती को ही राष्ट्रीय स्मारक के रूप में कैल्टन पहाड़ी पर खड़ा किया जाए' इस प्रस्ताव को एडिनबर्ग के संभ्रांत वर्ग के कई लोगों का सकारात्मक समर्थन मिला, जैसे की सर वाॅल्टर स्काॅट, लाॅर्ड हेन्री काॅकबर्न और लाॅर्ड फ़्रांसिस जेफ़्री[२] जुलाई १८२२ में स्काॅटलैंड के राष्ट्रीय स्मारक के लिये योगदानकर्ताओं की शाही संगत(राॅयल असोसियेशन ऑफ़ कन्ट्रिब्यूटर्स टू द नैशनल माॅन्युमेन्ट ऑफ़ स्काॅटलैंड) को संसदीय अधीनियम द्वारा गठित किया गया। आगले ही महीने बड़े धूम धाम से इस स्मारक का शिलान्यासन समारोह किया गया। प्राथमीक आवेदन के सोल्लह महीने बाद केवल £१६,००० की राषी ही संयोजी जा सकी, जिसमें से £१०,००० को संसदीय अनुदान के रूप में लिया गया था। आखिरकार, १८२६ में इस स्मारक को साधिकार प्राप्त हुआ और इसपर काम शुरू किया गया। इसपर मेस्सर्स व़िल्लियम व़ाॅलस ऐंड सन्स नामक कंपनी को काम करने के लिये चुना गया था।[२] इस भवन की योजना में प्राथमिक तौर पर अनेक तलधरों(भूतलीय कब्रिस्तान) को बनाने की भी योचना थी, ताकी वहां महत्वपूर्ण एवं नामचीन स्काॅट हस्तिसों को दफ़्नाया जा सके। ऐसा संकल्प भी लिया या था की इस स्थल को स्काॅटलैंड में, जर्मनी के वालाहाॅल्ला(यह जर्मनी में स्थित एक स्मारकीय भवन है जहां जरमनियाई इतिहास के सारे महत्वपूर्ण लोगों की समाधियां, मूर्तियां और कब्रें हैं) की तर्ज़ पर स्काॅटियाई वालाहाॅल्ला के रूप में बनाया जाएगा।[२][३]
शिलान्यासन समारोह
इसकी आधार शिला को २७ अगस्त १८२२ को महाराज ज्याॅर्ज (चतुर्थ) की स्काॅटलैंड यात्रा के दौरान स्थापित किया गया था। समारोह की शोभायात्रा का नेत्रित्व, पार्लियामेन्ट स्कवैर, एडिनबर्ग से कैल्टन पहाड़ी तक हैमिल्टन के ड्यूक, ऐलेक्ज़ैन्डर डोगलस ने किया था। इस जुलूस के सामर्थक स्काॅट्स ग्रेऽ और थर्ड ड्रगून्स की तुकड़ियों के जवान थे। और एडिनबर्ग कासल से लोपों की सलामी के बीच स्मरणपट्टिका को लगाया गया था।
निर्माणकार्य का ठहरना
कई संभ्रांत व सम्पन्न लोगों के समर्थन के बावजूद यह परियोजना केवल £१६,००० ही जुटा पाई जबकी उसकी भावी कुल लागत प्रकांड, £४२,००० थी। कई सूत्रों के अनुसार उस समय, एडिनबर्ग के लोक निर्माण क्षेत्रमें काई उछाल इस स्थिती की ज़िम्मेदार है। अर्थात उस समय एडिनबर्ग और उसके पड़ोस में कई सारी परियोजनाएं पारित हो रहीं थी, जिन्हें समर्थन की ज़रूरत थी, और इसी कारण यह परियोजना उतकृष्ट जनभागिदारी हासिल नहीं कर पाई। १८८२ में शिलान्यास के बाद निर्माणकार्य के पहले चरण को शुरू किया गया। यह चरण १८२६ से १८२९ तक जारी रहा, जिस बीच £१३,५००की लागत से, मौजूदा बारह स्तम्भों को खड़ा किया गया। संजोई गई मुद्रा के शेष होते ही समीती के लिये भागिदारी व समर्थन जुटा पाना कठिन हो गया। मजबूरन, इस कार्य को बीच में ही रोकना पड़ा। आगले २०० सालों की तरह आज भी यह ढाँचा वैसी ही अधनिर्मित अवस्था में खड़ा है।[४]
चित्रपट्टिका
राष्ट्रीय स्मारक की विभिन्न कोनों से तस्वीरें
यह स्मारक काॅल्टन पहाड़ी पर स्थित है, जहां इसके अलावा अन्य कई और स्मारक मौजूद हैं, तस्वीरों में दिख रहा टावर नेल्सन स्मासक है।
वावरण
राष्ट्रीय स्मारक का यह ढाँचा वर्गाकार कोशाटक([) रूपी अभिन्यास(layout) में बिछे बारह ईंट-युक्त स्तम्भों से बना है, जिनमें ८ स्तम्भें सीधी रेखा में हैं(कोश्टक की लम्बीवाली रेखा, जिसकी दोनों सिरों से सीधे कोण(९० डिगरी पर) की रेखा में दो-दो स्तंभ खड़े हैं(कोश्टक की दोनो छोटी रेखाओं की जगह पर)। इस पूरे ढाँचे में स्तम्भों पर की सरदल(लिनटेल) भी देखी जा सकती है। यह स्मारक एडिनबर्ग के कैल्टन पहाड़ी के ऊपर आन्य कई स्मारकों के साथ स्थित है। मौजूदा रूप से, यह एक संरक्षित भवन है। काॅल्टन पहाड़ी एडिनबर्ग की युनेस्को विष्व धरोहर स्थलों की सुची में आती है, अतः, अन्य स्मारकों के साथ ही यहां भी सालभर सैलानियों का तांता लगा देखा जा सकता है। यहां से शहर और समुद्र का बेहद खूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है।
पूर्ण करने की योजनाएं
इस पार काम बंद होने के पश्चात समीती एवं इस परियोजना के समर्थकों द्वारा काम पूरा करने के कई प्रस्ताव आए, परंतू कोई भी सफल नहीं हो सका। बाद में २०वी सदी में कई भिन्न प्रकार के प्रस्ताव भेजे गए, इनमें:
- महारानी विक्टोरिया को समर्पित स्मारक (१९०१)
- इंगलैन्ड से सम्मिलन की स्मारक (१९०७)
- नई स्काॅटिश राष्ट्रीय प्रदर्शनी (१९०७)
- स्काॅटिश संसद भवन (१९०८)
- और प्रथम विष्वयुद्ध के शहीदों को समर्पित एक स्मारक (१९१८)
सामिल हैं।
इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को, या तो मुद्रा की कमी या स्थानिय लोगों में उत्साह की कमी के कारण, आज तक संतोशजनक फल नहीं मिल पाया है।[५]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ अ आ इ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite news