सोवियत संघ

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सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ
Союз Советских Социалистических Республик
सोयूज़ सोवेत्स्किख़ सोत्सियालिस्तिचेस्किख़ रेस्पुब्लिक
रूसी सो.सं.स.ग.|
 
पार-कॉकस सो.सं.स.ग.|
 
यूक्रेनी सो.स.ग.|
 
बेलारूसी सो.स.ग.|
1922–1991
सोवियत संघ का ध्वज|Flag सोवियत संघ का|राजचिह्न
राष्ट्रिय ध्येय
Пролетарии всех стран, соединяйтесь!
प्रोलेतारी व्सेख़ स्त्रान, सोएदिन्याइतेस​!
हिंदी: दुनिया के मज़दूरों, एक हो जाओ!
राष्ट्रगान
"इन्तरनासियोनाल"
(१९२२–१९४४)
"सोवियत संघ का राष्ट्रगान"
(१९४४–१९९१)
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ
राजधानी मॉस्को
भाषाएँ रूसी, बहुत सी अन्य
धार्मिक समूह नास्तिकता
शासन संघ,
मार्क्सवाद-लेनिनवाद, साम्यवादसाँचा:ns0
महासचिव
 -  1922 - 1952 जोसेफ़ स्टालिन (पहला)
 -  1991 व्लादिमीर इवाशको (अंतिम)
राष्ट्राध्यक्ष
 -  1922 - 1938 मिख़ाइल कालिनिन (पहला)
 -  1998 - 1991 मिख़ाइल गोरबाचोफ़​ (अंतिम)
सरकारी अध्यक्ष
 -  1922 - 1924 व्लादिमीर लेनिन (पहला)
 -  1991 इवान सिलायेव (अंतिम)
विधायिका सर्वोच्च सोवियत
 -  उच्च सदन संघीय सोवियत
 -  निम्न सदन राष्ट्रीयताओं का सोवियत
ऐतिहासिक युग प्रथम विश्वयुद्ध के अंत से शीत युद्ध
 -  स्थापना संधि ३० दिसम्बर 1922
 -  संघ का खंडन २६ दिसम्बर 1991
क्षेत्रफल
 -  1991 २,२४,०२,२०० किमी ² साँचा:nowrap
जनसंख्या
 -  1991 est. २९,३०,४७,५७१ 
साँचा:nbspघनत्व १३.१ /किमी ²  (३३.९ /वर्ग मील)
मुद्रा सोवियत रूबल (руб) (SUR)
इंटरनेट टीएलडी .su
दूरभाष कूट +7
पूर्ववर्ती
अनुगामी
रूसी सो.सं.स.ग.
पार-कॉकस सो.सं.स.ग.
यूक्रेनी सो.स.ग.
बेलारूसी सो.स.ग.
रूस
जॉर्जिया
युक्रेन
मोल्दोवा
बेलारूस
आर्मीनिया
अज़रबैजान
काज़ाख़स्तान
उज़बेकिस्तान
तुर्कमेनिस्तान
किरगिज़स्तान
ताजिकिस्तान
एस्टोनिया
लातविया
लिथुआनिया
२१ दिसम्बर १९९१ में ग्यारह गणतंत्रों ने अल्मा-अता में मिलकर घोषित किया कि स्वतन्त्र राज्यों का राष्ट्रमंडल बनने से सोवियत संघ अब अस्तित्व में नहीं रहा। बारहवाँ गणतंत्र जॉर्जिया भी प्रेक्षक के रूप में मौजूद था।

Assigned on 19 सितंबर 1990, existing onwards.
एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया की सरकारें मानती है कि वे कभी सोवियत संघ का वैध भाग ही नहीं थे।
रूस इन तीनों को सोवियत संघ का वैध अंश मानता है और इन सरकारों के कथन को अवैध मानता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और बहुत सी अन्य पश्चिमी सरकारों ने इन तीनों का द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ में विलय कभी नहीं स्वीकारा, इसलिए उन्हें सोवियत संघ का वैध अंश नहीं मानते।

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो 1922 से 1991 तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से 1990 तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। यह दुनिया का सबसे बड़ा देश था, जो २२,४०२,२०० वर्ग किलोमीटर (८,६४९,५०० वर्ग मील) में फैला था और ग्यारह समय क्षेत्रों में फैला था। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र ( Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था।

नाम उत्पत्ति

शब्द "सोवियत" एक रूसी शब्द है जिसका अर्थ है परिषद, असेंबली, सलाह और सद्भाव।

भूगोल, जलवायु और पर्यावरण

यहा की जलवायु ठंडी व पर्यावरण सम्पन्न क्षेत्र हैा यहा मौसम यूरोपीय देशों के समान हैा

इतिहास

स्थापना

सोवियत संघ की स्थापना की प्रक्रिया 1917 की रूसी क्रान्ति के साथ शुरू हुई जिसमें रूसी साम्राज्य के ज़ार (सम्राट) को सत्ता से हटा दिया गया। व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया लेकिन फ़ौरन ही वह बोल्शेविक-विरोधी श्वेत मोर्चे (White movement) के साथ गृह युद्ध में फँस गई। बोल्शेविकों की लाल सेना ने गृह युद्ध के दौरान ऐसे भी कई राज्यों पर क़ब्ज़ा कर लिया जिन्होनें त्सार के पतन का फ़ायदा उठाकर रूस से स्वतंत्रता घोषित कर दी थी। दिसम्बर 1922 में बोल्शेविकों की पूर्ण जीत हुई और उन्होंने रूस, युक्रेन, बेलारूस और कॉकस क्षेत्र को मिलकर सोवियत संघ की स्थापना का ऐलान कर दिया।[१]

संक्षिप्त इतिहास

अप्रैल 1917: लेनिन और अन्य क्रान्तिकारी जर्मनी से रूस लौटे।

अक्टूबर 1917: बोल्शेविकों ने आलेक्सान्द्र केरेंस्की की सत्ता को पलटा और मॉस्को पर अधिकार कर लिया।

1918 - 20: बोल्शेविकों और विरोधियों में गृहयुद्ध

पोलैण्ड से युद्ध
पोलैंड से शांति संधि, नई आर्थिक नीति, बाजार अर्थव्यवस्था की वापसी, स्थिरता।
रूस, बेलारूस और ट्रांसकॉकेशस (१९३६ से जॉर्जिया, अर्मेनिया, अजरबेजान) क्षेत्रों का मिलन; सोवियत संघ की स्थापना।
जर्मनी ने सोवियत संघ को मान्यता दी।
सोवियत संघ में प्रोलिटैरिएट तानाशाही के तहत नया संविधान लागू। लेनिन की मृत्यु। जोसेफ स्टालिन ने सत्ता संभाली।

१९३३: अमेरिका ने सोवियत संघ को मान्यता दी।

१९३४: सोवियत संघ लीग ऑफ नेशंस में शामिल हुआ।

अगस्त १९३९: द्वितीय विश्वयुद्ध आरम्भ हुआ।

जून १९४१: जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया।

१९४३: स्टालिनग्राद के युद्ध में जर्मनी की हार।

१९४५: सोवियत सैनिकों ने बर्लिन पर कब्जा किया। याल्टा और पोट्सडैम सम्मेलनों के जरिए जर्मनी को विभाजित कर पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी का निर्माण। जापान का आत्मसमर्पण और दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति।

१९४८-४९: बर्लिन नाकेबंदी।h पश्चिमी सेनाओं और सोवियत सेनाओं में तनातनी।

१९४९: सोवियत संघ ने परमाणु बम बनाया। चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता दी।

१९५०-५३: कोरियाई युद्ध ; सोवियत संघ और पश्चिम के संबंधों में तनाव।

मार्च १९५३: स्टालिन की मृत्यु। निकिता ख्रुश्चेव कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के प्रथम सचिव बने।

१९५३: सोवियत संघ ने अपना पहला हाइड्रोजन बम बनाया।

१९५५: वारसॉ की संधि

१९५६: सोवियत सेना ने हंगरी के विद्रोह को कुचलने में मदद की।

१९५७: पहला अंतरिक्ष यान स्पूतनिक धरती की कक्षा में पहुंचा। चीन की पश्चिम से बढ़ती नजदीकियों ने दोनों कम्युनिस्ट देशों में दूरियां पैदा कीं।

१९६०: सोवियत संघ ने अमेरिका का जासूसी जहाज U2 गिराया।

१९६१: यूरी गागारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति (मानव) बने।

१९६२: क्यूबा में सोवियत मिसाइल पहुंची।

१९६३: सोवियत संघ ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ परमाणु संधि की। अमेरिका और सोवियत संघ में हॉट लाइन स्थापित।

१९६४: ख्रुश्चेव की जगह लियोनिड ब्रेजनेव ने संभाली।

१९६९: सोवियत और चीनी सेनाओं का सीमा पर विवाद।

१९७७: नए संविधान के तहत ब्रेजनेव राष्ट्रपति चुने गए।

१९८२: ब्रेजनेव का निधन। केजीबी प्रमुख यूरी आंद्रोपोव ने सत्ता संभाला।

१९८२: आंद्रोपोव का निधन। कोन्सटांटिन चेरनेंको ने सत्ता संभाली।

मिखाइल गोर्बाचेव कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव बने। खुलेपन और पुनर्निर्माण की नीति की शुरुआत की।
चरनोबिल परमाणु दुर्घटना। उक्रेन और बेलारूस के बड़े क्षेत्र विकिरण से प्रभावित।

1987: सोवियत संघ और अमेरिका में मध्यम दूरी की परमाणु मिसाइलों को नष्ट करने पर समझौता।

गोर्बाचेव राष्ट्रपति बने। कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में निजी क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलने पर सहमति।

1989: अफगानिस्तान से सोवियत सेनाओं की वापसी।

कम्युनिस्ट पार्टी में एक पार्टी की सत्ता खत्म करने पर मतदान। येल्तसिन ने सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ी।

अगस्त 1991: रक्षा मंत्री दिमित्री याजोव, उप राष्ट्रपति गेनाडी यानायेव और केजीबी प्रमुख ने राष्ट्रपति गोर्बाचेव को हिरासत में लिया। तीन दिन बाद ये सभी गिरफ्तार। येल्तसिन ने सोवियत रूस कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगाया। उक्रेन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। उसके बाद कई अन्य देशों ने खुद को स्वतंत्र घोषित किया।

सितम्बर 1991: 'कांग्रेस ऑफ पीपल्स डिप्यूटीज' ने सोवियत संघ के विघटन के लिए वोट डाला।

8 दिसम्बर 1991: रूस, उक्रेन और बेलारूस के नेताओं ने 'कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट' बनाया।

25 दिसम्बर 1991: गोर्बाचेव ने पद से इस्तीफा दिया। अमेरिका ने स्वतंत्र सोवियत राष्ट्रों को मान्यता दी।

26 दिसम्बर 1991: रूसी सरकार ने सोवियत संघ के कार्यालयों को संभाला।

क्रांति और नींव

गणराज्यों का एकीकरण

शीत युद्ध

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पूर्वी यूरोप में अपने नियंत्रण के अधीन देशों के साथ सोवियत संघ ने एक साम्यवादी सैन्य मित्रपक्ष बनाया, जिसे वारसॉ संधि गुट (Warsaw Pact) के नाम से जाना जाता है। इसके विपक्ष अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का गुट था। दोनों विपक्षियों के बीच शीत युद्ध जारी रहा जिसमें दोनों में सीधी लड़ाई तो कभी नहीं हुई, लेकिन दोनों परमाणु हथियारों और मिसाइलों से लैस हमेशा विध्वंसकारी परमाणु युद्ध छिड़ जाने की संभावना के साये में रहे।

स्टालिन की मृत्यु के बाद विभिन्न साम्यवादी नेताओं में सर्वोच्च नेता बनने की खींचातानी हुई और निकिता ख़्रुश्चेव​ सत्ता में आये। उन्होंने स्टालिन की सबसे सख़्त​ तानाशाही नीतियों को पलट दिया। सोवियत संघ अंतरिक्ष अनुसंधान में सबसे आगे निकल गया। 1957 में उसने विश्व का सबसे पहला कृत्रिम उपग्रह स्पुतनिक पृथ्वी के इर्द-गिर्द कक्षा में पहुँचाया। 1961 में सोवियत वायु-सैनिक यूरी गगारिन पृथ्वी से ऊपर अंतरिक्ष में पहुँचने वाला सबसे पहला मानव बना। 1962 में क्यूबाई मिसाइल संकट में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच बहुत गंभीर तनाव बना और वे परमाणु प्रलय की दहलीज़ पर पहुँच गए, लेकिन किसी तरह यह संकट टल गया। 1970 के दशक में सोवियत-अमेरिकी संबंधों में तनाव कम हुआ लेकिन 1979 में जब सोवियत संघ ने अफ्गानिस्तान में हस्तक्षेप करते हुए वहाँ अपनी फ़ौज भेजी तो सम्बन्ध बहुत बिगड़ गए।

स्टालिन और द्वितीय विश्वयुद्ध

1924 लेनिन की मृत्यु हुई और जोसेफ़ स्टालिन सत्ता में आया। उसने सोवियत संघ में ज़बरदस्त औद्योगीकरण करवाया और केंद्रीय आर्थिक व्यवस्था बनाई। कृषि और अन्य व्यवसायों का सामूहिकीकरण किया गया, यानि खेत किसानों की निजी संपत्ति न होकर राष्ट्र की संपत्ति हो गए और उनपर किसानों के गुट सरकारी निर्देशों पर काम करने लगे। इसी केंद्रीकृत अर्थव्यवस्था को द्वितीय विश्वयुद्ध में जंग लड़ने के लिए प्रयोग किया गया जिस से सोवियत संघ की जीत हुई। स्टालिन ने अपने शासनकाल में साम्यवादी पार्टी के बहुत से सदस्यों और नेताओं को अलग करके मरवाया और सोवियत संघ के कई समुदायों पर भी अत्याचार किया।

द्वितीय विश्वयुद्ध में शुरू में तो जर्मनी और सोवियत संघ में एक संधि थी जिसके अंतर्गत उन्होंने पोलैंड को आपस में बाँट लिया था और क्रॅसि इलाक़ा सोवियत संघ को मिल गया। लेकिन 1941 में जर्मनी ने पलट कर सोवियत संघ पर हमला कर दिया। इस से सोवियत संघ मित्रपक्ष शक्तियों (ऐलाइड शक्तियों) के गुट में संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन का साथ हो गया और जर्मनी के विरुद्ध लड़ा। जर्मनी-सोवियत युद्ध बहुत ही भयंकर था और इसमें 2.1 करोड़ सोवियत लोगों की मृत्यु हुई। लेकिन अंत में सोवियत संघ विजयी हुआ और पूर्वी यूरोप के बहुत से देश (जैसे कि पोलैंड, हंगरी, चेकोस्लोवेकिया, रोमानिया, बुल्गारिया और पूर्वी जर्मनी) पर उसका नियंत्रण हो गया।

ख्रुश्चेव युग

स्थिरता का युग

सोवियत संघ की विघटन के कारण

1917 की बोल्शेविक क्रांति की सफलता के साथ ही रूस में साम्यवादी शासन की स्थापना हुई जिसने विश्व में सर्वा हारा क्रांति का नारा दिया और पूंजीवाद की समाप्ति की बात की | अतः जन्म से ही पूंजीवादी राष्ट्रों ने इसे अपना शत्रु माना, इस तरह सोवियत संघ आरंभ से ही अनेक शत्रुओं से गिर गया |

स्टालिन के शासन में तानाशाही का कठोर एवं उग्र रूप दिखाई पड़ा, जिसके तहत साम्यवाद विरोधियों का दमन किया गया और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया | लोगों के आवागमन, समाचार पत्रों एवं लेखकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया | इस तरह सोवियत संघ की पहचान जनतंत्र का आनंद करने वाले शासक के रूप में हुई | शासन प्रणाली ने लोक भावना पर आवरण डाल दिया, इतना ही नहीं साम्यवादी शासन की स्थापना के समय यह कहा गया कि सर्वहारा की तानाशाही स्थापित होगी, किंतु व्यवहारिक स्तर पर सर्वहारा पर तानाशाही स्थापित हुई | सोवियत संघ के एक दल और सरकार में बैठे लोगों की तानाशाही स्थापित हुई | दल और सरकार में कोई अंतर नहीं रह गया, दल एवं शासन प्रणाली जनसमर्थन खोने लगा |

स्टालिन के शासनकाल में स्थापित कठोर तंत्र साम्यवादी शासन की कमजोरियों को उद्घाटित करने लगा, वस्तुतः पूर्वी यूरोपीय देशों में जहां साम्यवादी शासन मौजूद था वहां पर भी जनता अपने राजनीतिक आर्थिक संरचना से असंतुष्ट थी, और जब सोवियत संघ में साम्यवादी शासन की कठोरता के प्रति विरोध बढ़ने लगा तो पूर्वी यूरोप के देशों में भी साम्यवादी शासन के प्रति अविश्वास बढ़ने लगा और जन विद्रोह हुआ |

सोवियत संघ की आर्थिक कमजोरी भी उसके विघटन का कारण बनी वस्तुतः दयनीय व बढ़ते कमजोर देशों को आर्थिक सहायता देने एवं शीत युद्ध में शक्ति प्रदर्शन के कारण सोवियत संघ की आर्थिक दशा कमजोर हो गई |दरअसल आधारभूत ढांचे के विकास, नवीनीकरण के स्थान पर सोवियत धनराशि शीत युद्ध के साधनों पर खर्च की जाने लगी | अतः 1980 तक आते-आते इसकी आर्थिक वृद्धि दर में भारी गिरावट आई | प्रतिस्पर्धा रहित आर्थिक संरचना के कारण उत्पादन में कमी, उपभोक्ता वस्तुओं का अभाव, मूल्य वृद्धि जैसी समस्याएं बढ़ी और असंतोष बढ़ने लगा | इसी दौर में गोरबाचेफ ने शासन संभाला और सुधारवादी नीतियों की घोषणा की, जिसका परिणाम सोवियत संघ के विघटन के रूप में सामने आया |

विघटन

अफगानिस्तान में सोवियत नियंत्रण के विरुद्ध उपद्रव और गृह युद्ध लगातार जारी रहे और अन्ततः 1989 में सोवियत सेनाएँ वहाँ से बिना अपना लक्ष्य पूरा किये लौट आईं। देश में आर्थिक कठिनाइयाँ बनी रहीं और विदेशी संबधों में भी पेचीदगियाँ रहीं। अंतिम सोवियत नेता मिख़ाइल गोरबाचोफ़​ ने देश में ग्लास्नोस्त (glasnost) नामक राजनैतिक खुलेपन की नई नीति और पेरेस्त्रोइका (perestroika) नामक आर्थिक ढाँचे को बदलने की नीति के अंतर्गत सुधार करने की कोशिश की लेकिन विफल रहे। दिसम्बर 1991 में उनकी विचारधारा के विरुद्ध राज्यविप्लव (coup d'état) की कोशिश हुई लेकिन वह कुचली गई। इस घटना के बाद सोवियत संघ टूट गया और उसके 15 गणतंत्र सभी स्वतन्त्र देशों के रूप में उभरे। अंतर्राष्ट्रीय संधियों में रूस को सोवियत संघ के उत्तराधिकारी देश की मान्यता दी गई।

विदेशी मामलों

संगठन

प्रारंभिक सोवियत विदेश नीतियां (1 9 1 9 -1 9 3 9)

द्वितीय विश्व युद्ध युग (1 9 3 9 -1 9 45)

शीत युद्ध युग (1 945-199 1)

राजनीति

कम्युनिस्ट पार्टी

सरकार

शक्ति और सुधार का पृथक्करण

न्यायिक प्रणाली

प्रशासनिक विभाग

अर्थव्यवस्था

ऊर्जा

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

परिवहन

जनसांख्यिकी

शिक्षा

जातीय समूह

स्वास्थ्य

भाषा

धर्म

सैन्य

विरासत

संस्कृति

खेल

व्यावसायिक दृष्टिकोण

जीवीकोपार्जित कृषि एवं बागवानी अर्थव्यवस्था:- तीसरी दुनियां में अधिकांश देश कृषि पर निर्भर थे । यहाँ कृषि व्यवसाय नही बल्कि जीवोपर्जन पर आधारित थी । बढ़ती जनसंख्या बक दबाव था और सभी कृषक कच्चे माल के निर्यात में ही लगे थे। इसके अल्पविकसित देशों में निर्यात का राष्ट्र आय में बड़ा भाग था । विदेशों में प्रथमिक वस्तुओं की मांग कम हो जाने पर इन देशों में राष्ट्रीय आय तथा रोजगार पर प्रभाव पड़ता था

डोपिंग

यह भी देखें

संघर्ष

अन्य जानकारी

सर्वेक्षण

लेनिन और लेनिनवाद

स्टालिन और स्टालिनवाद

द्वितीय विश्व युद्ध

शीत युद्ध

पतन

बाहरी कड़ियाँ

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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सोवियत संघ के गणराज्य (१९५६ –१९९१ )
झंडा गणराज्य राजधानी नक्शा सोवियत रूस
1 Flag of Russian SFSR.svg सोवियत रूस मॉस्को
Republics of the Soviet Union
2 Flag of Ukrainian SSR.svg यूक्रेन कीव
3 Flag of Byelorussian SSR.svg बेलारूस मिन्स्क
4 Flag of the Uzbek SSR.svg उज़्बेकिस्तान ताशकंद
5 Flag of Kazakh SSR.svg कज़ाकिस्तान अल्मा-अता
6 Flag of the Georgian Soviet Socialist Republic.svg जॉर्जिया तिबलीसी
7 Flag of Azerbaijan SSR.svg अज़रबैजान बाकू
8 Flag of Lithuanian SSR.svg लिथुआनिया साँचा:ref विल्नियस
9 Flag of Moldavian SSR.svg मॉल्दोविया किशीनेव
10 Flag of Latvian SSR.svg लातविया साँचा:ref रीगा
11 Flag of Kyrgyz SSR.svg किरगिस्तान फ्रुंज़े
12 Flag of Tajik SSR.svg ताजिकिस्तान दुशान्बे
13 Flag of Armenian SSR.svg आर्मीनिया येरेवन
14 Flag of Turkmen SSR.svg तुर्कमेनिया अशख़ाबाद
15 Flag of Estonian SSR.svg एस्टोनिया साँचा:ref ताल्लिन्न
साँचा:note The annexation of the Baltic republics in 1940 was illegal occupation by the current Baltic governments and by a number of Western countries, including the United States, United Kingdom, Canada, Australia and the European Union.[२][३] Their position is supported by the European Union,[४] the European Court of Human Rights,[५] the United Nations Human Rights Council[६] and the United States.[७][८][९][१०] The Soviet Union and the current government of the Russian Federation considered the annexation legal, but officially recognized their independence on September 6, 1991, three months prior to its final dissolution.
  1. World and Its Peoples: Europe स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, pp. 1362, Marshall Cavendish, 2009, ISBN 978-0-7614-7900-0, ... Resistance grew into civil war in which several different movements participated, but the Red Army and the anti-Soviet voluntary White Army were the main combatants ... The declaration of the creation of the Union of Soviet Socialist Republics (USSR, or Soviet Union) was signed on December 30, 1922 ...
  2. The Occupation of Latvia at Ministry of Foreign Affairs of the Republic of Latvia
  3. Estonia says Soviet occupation justifies it staying away from Moscow celebrations - Pravda.Ru साँचा:dead linkसाँचा:cbignore
  4. Motion for a resolution on the Situation in Estonia by the EU
  5. European Court of Human Rights cases on Occupation of Baltic States
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite book
  9. साँचा:cite book
  10. साँचा:cite book