सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक | |
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जन्म |
साँचा:birth date and age उलेटोक्पो आल्ची, भारत |
राष्ट्रीयता | भारत |
शिक्षा प्राप्त की |
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर क्रेटेर |
प्रसिद्धि कारण | बर्फ स्तूप, एसईसीओएमएल, लदाग्स मेलोंग, ऑपरेशन न्यू होप |
राजनैतिक पार्टी | न्यू लद्दाख मूवमेंट (NLM) |
पुरस्कार |
ग्लोबल अवार्ड फॉर सस्टेनेबल आर्कीटेक्चर (2017)[१] रोलेक्स अवार्ड फॉर एंटरप्राइज (2016) रियल हीरोज़ अवार्ड (2008) अशोक फेलोशिप फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप (2002)रमन मेग्सेसे अवॉर्ड (2018) |
सोनम वांगचुक (जन्म 1 सितंबर 1966) भारत के एक अभियन्ता, नवाचारी और शिक्षा सुधारक हैं।[२][३][४][५][६][७] वह छात्रों के एक समूह द्वारा 1988 में स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीओएमएल) के संस्थापक-निदेशक भी हैं। संस्थापक छात्रों के अनुसार वो एक ऐसी विदेशी शिक्षा प्रणाली के पीड़ित हैं जिसे लद्दाख पर थोपा गया है। सोनम को एसईसीएमओएल परिसर को डिजाइन करने के लिए भी जाना जाता है जो पूरी तरह से सौर-ऊर्जा पर चलता है, और खाना पकाने, प्रकाश या तापन (हीटिंग) के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं करता।[८][९][१०]
सोनम वांगचुक को सरकारी स्कूल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार, ग्रामीण समुदायों और नागरिक समाज के सहयोग से 1994 में "ऑपरेशन न्यू होप" शुरु करने का श्रेय भी प्राप्त है। सोनम ने बर्फ-स्तूप तकनीक का आविष्कार किया है जो कृत्रिम हिमनदों (ग्लेशियरों) का निर्माण करता है, शंकु आकार के इन बर्फ के ढेरों को सर्दियों के पानी को संचय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।[११][१२][१३] फिल्म थ्री इडियट्स में आमिर खान का किरदार फुंगसुक वांगडू इन्हीं की जिंदगी से प्रेरित था।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- चीन को सबक सिखाने के लिए सोनम वांगचुक ने दिया 'बुलेट नहीं वॉलेट' का मंत्र
- सोनम वांगचुक की अपील से डरा चीन