सोग्याल रिनपोछे
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सोग्याल रिनपोछे Sogyal Rinpoche | |
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धर्म | तिब्बती बौद्धधर्म |
पाठशाला | Dzogchen, Nyingma |
उपसंप्रदाय | साँचा:br separated entries |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
निधन | साँचा:br separated entries |
शांतचित्त स्थान | साँचा:br separated entries |
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बच्चे | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
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माता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पद तैनाती | |
उपदि | रिनपोछे |
धार्मिक जीवनकाल | |
गुरु | Jamyang Khyentse Chökyi Lodrö, Dudjom Rinpoche, Dilgo Khyentse Rinpoche, Nyoshul Khen Rinpoche |
पुनर्जन्म | Tertön Sogyal |
शिष्य | Patrick Gaffney, Christine Longaker, Charles Tart, Arabella Churchill, Matteo Pistono |
वेबसाइट | www.rigpa.org |
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सोग्याल रिनपोछे (Sogyal Rinpoche ; བསོད་རྒྱལ་ / बसोद रग्यल) (जन्म: 1947) तिब्बत के न्यिंगमा सम्रदाय के एक जोगछेन लामा हैं। वे पिछले ३० से अधिक वर्षों से यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और एशिया में घूमघूमकर धार्मिक शिक्षा दे रहे हैं। [१] वे 'रिग्पा' नामक आध्यात्मिक संगठन के संस्थापक भी हैं जो विश्व के २३ से अधिक देशों के १०० से अधिक बौद्ध केन्द्रों का अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क है। उन्होने 'द तिबतन बुक ऑफ लिविंग ऐण्ड डाइंग' नामक एक पुस्तक भी लिखी है जो सर्वाधिक विक्रय होने वाली पुस्तकों में सम्मिलित है। यह पुस्तक विश्व के ५६ देशों की ३० भाषाओं में छप चुकी है।[२]