सुमित्रा महाजन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
सुमित्रा महाजन
Sumitra Mahajan.jpg

पद बहाल
5 जून 2014 – मई 2019
पूर्वा धिकारी मीरा कुमार
उत्तरा धिकारी ओम बिड़ला

पद बहाल
1988 – मई 2019
उत्तरा धिकारी शंकर लालवानी
चुनाव-क्षेत्र इन्दौर

जन्म साँचा:br separated entries
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी जयन्त महाजन
बच्चे 2 बेटे
निवास इंदौर, मध्य प्रदेश
साँचा:center
As of 22 सितम्बर, 2006
Source: लोकसभा द्वारा प्रकाशित पृष्ठ का पुरालेख

सुमित्रा महाजन (जन्म: १२ अप्रैल १९४३) भारतीय राजनेत्री एवं भारत के सोलहवीं लोकसभा की अध्यक्ष हैं। वे इस पद पर आसीन होने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। वे भारत के इन्दौर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सोलहवीं लोक सभा में सांसद हैं। वे इंदौर से लगातार वर्ष १९८९,१९९१, १९९६, १९९८, १९९९, २००४, २००९ एवं २०१४ में आठवीं बार सांसद बनी।[१] इन्दौर में वे 'सुमित्रा ताई' (सुमित्रा दीदी) के नाम से प्रसिद्ध हैं।[२]

व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा

उनका जन्म महाराष्ट्र के चिपलून में १२ अप्रैल १९४३ को उषा और पुरुषोतम साठे के घर में हुआ। उनका विवाह २९ जनवरी १९६५ में इंदौर के जयंत महाजन के साथ हुआ। उन्होने इन्दौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय[ट १] से स्नातकोत्तर और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की।[४]

राजनीतिक जीवन

सुमित्रा महाजन ने १९८९ के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया। इससे पहले इंदौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से वो लगातार तीन विधान सभा चुनाव हार चुकी थीं।[५] सुमित्रा महाजन २००२ से २००४ तक केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में शामिल थीं। उन्हें मानव संसाधन, संचार तथा पेट्रोलियम मंत्रालय का काम दिया गया था। वो प्रथम महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनावों में पराजित नहीं हुई। वो आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला सांसद हैं।[ट २][७][५]

लोक सभा अध्यक्ष

सुमित्रा महाजन ने ५ जून २०१४ को लोक सभा अध्यक्ष के लिए नामांकन भरा।[८][९] ६ जून २०१४ को वो निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुनी गई।[१०] यह पहली बार है कि भारतीय जनता पार्टी का कोई सांसद लोक सभा अध्यक्ष बना।[११]

उद्धरण

टिप्पणियाँ

  1. पहले इसका नाम इंदौर विश्वविद्यालय था। इसे बाद में बदलकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कर दिया गया।[३]
  2. सामान्यतः लगातार लोक्सभा चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी राज्य की राजनीति में आ जाते हैं और राज्य के मुख्यमंत्री बन जाते हैं।[६][५]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ