सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति | |
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Born | सुधा कुलकर्णी साँचा:birth date and age |
Citizenship | भारतीय |
Alma mater | BVB College of Engineering Indian Institute of Science |
Occupation | Chairperson, Infosys Foundation, Writer (Marathi/Kannada/English) |
Employer | साँचा:main other |
Organization | साँचा:main other |
Agent | साँचा:main other |
Notable work | साँचा:main other |
Opponent(s) | साँचा:main other |
Criminal charge(s) | साँचा:main other |
Spouse(s) | नारायणमूर्तिसाँचा:main other |
Partner(s) | साँचा:main other |
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प्रारंभिक जीवन- सुधा कुलकर्णी मूर्ति
सुधा कुलकर्णी मूर्ति का जन्म डॉ। आर.एच. कुलकर्णी और विमला कुलकर्णी के लिए कर्नाटक के शिगगाँव में हुआ था। सुधा मूर्ति ने B.V.B कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई किया था। उसने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और तत्कालीन कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री देवराज उर्स से स्वर्ण पदक प्राप्त किया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में एम.ई. उसने प्रथम स्थान पर आने के लिए भारतीय इंजीनियर्स संस्थान से स्वर्ण पदक प्राप्त किया
व्यक्तिगत जीवन
पुणे में टेल्को में काम करने के दौरान, वह अपनी आत्मा साथी श्री नारायण मूर्ति से मिलीं और उन्होंने शादी कर ली। उनके दो बच्चे हैं अक्षता और रोहन। वह इंफोसिस फाउंडेशन की सफलता के लिए स्तंभ हैं। वह अभी भी कंपनी बनाने के लिए अपने पति के साथ जुड़ी हुई है। प्रसिद्ध संगणक क्षेत्र के व्यावसायिक और इन्फोसिस इस प्रसिद्ध संस्था के सह संस्थापक एन.आर.नारायणमूर्ती ये उनके पति है। वे कॅलटेक (अमेरिका) इस प्रसिद्ध कंपनी के वैज्ञानिक श्रीनिवास कुळकर्णी इनकी और जयश्री कुळकर्णी-देशपांडे (प्रसिद्ध अमेरिकन व्यावसायिक गुरुराज देशपांडे की पत्नी) इनकी बहन है। सुधा मूर्ती ने नौ से ज्यादा उपन्यास लिखे है। उनके नाम पर अनेक कथासंग्रह हैं। शैक्षणिक अर्हता बी.वी. ब. कॉलेज ऑफ इंजिनीअरिंग यहाँ से बी. ई इलेक्ट्रिकल पदवी प्राप्त की। इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ सायन्स यहाँ से एम. ई. (संगणक शास्त्र) कॉम्प्युटर सायन्स इस विषय में एम्. टेक. यह पदवी प्राप्त की है। काम का अनुभव सुधा मूर्ती मराठी, कन्नड और अंग्रेज़ी भाषा में लिखती है। सुधा मूर्ती ने संगणक वैज्ञानिक और अभियंता से अपने करिअर की शुरुआत की। टेल्को इस कंपनी में चुनी गई वह पहली महिला अभियंत्या थी। पुणे, मुंबई और जमशेदपूर यहाँ उन्होंने काम किया। ख्राईस्ट कॉलेज यहाँ उन्होंने प्राध्यापिका के पद पर काम किया। बंगलोर विश्वविघालय में वे अभ्यागत प्राध्यापिका के रूप में काम कर रही हैं। इन्फोसिस इस संस्था के कार्य में उनका विशेष सहभाग है। इस संस्था की विश्वस्त के रूप में वे कार्यरत है।
सामाजिक योगदान वह विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल लेखिका है। १९ इन्फोसिस फौंडेशन इस एक सामाजिक कार्य करनेवाली संस्था की निर्मिती में उनका सक्रिय सहभाग था। वह इस संस्था की सह-संस्थापिका भी है।इन्फोसिस फौंडेशन के माध्यम से मूर्ती इन्होंने समाज के विविध क्षेत्राें में विकास काम को प्रोत्साहन दिया। कर्नाटक सरकार की सभी पाठशालाओं में उन्होंने संगणक और ग्रंथालय उपलब्ध करा दिए है। मूर्ती क्लासिकल लायब्ररी ऑफ इंडिया इस नाम का ग्रंथालय उन्होंने हार्वर्ड विश्वविघालय शुरू किया है। कर्नाटक के ग्रामीण भाग में और बैंगलोर शहर और परिसरात उन्होंने लगभग१०,००० शौचालये संस्था के माध्यम से बांधी है। तमिलनाडू और अंदमान यहाँ सुनामी के समय उन्होंने विशेष सेवाकार्य किया। महाराष्ट्र में हुए सूखे से ग्रस्त भागाें के लोगों को भी संस्था ने मदद की थी।
पुरस्कार और सम्मान इ.स.१९९५ साल में उत्तम शिक्षक पुरस्कार (बेस्ट टीचर अवोर्ड ) इ.स.२००१ साल में ओजस्विनी पुरस्कार इ.स. २००६ - भारत सरकारने पद्मश्री पुरस्कार देकर गौरवान्वित किया। इ.स. २००६ साहित्य क्षेत्रा में योगदान के लिए आर. के. नारायण पुरस्कार श्री राणी-लक्ष्मी फाऊंडेशन की ओर से १९ नवंबर, इ.स. २००४ को राजलक्ष्मी पुरस्कार. इ.स. २०१० - एम.आय.टी.कॉलेज की ओर से भारत अस्मिता राष्ट्रीय पुरस्कार. सामाजिक काम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान सत्यभामा विश्वविघालय सम्माननीय डॉक्टरेट पदवी. संदर्भ प्रकाशित साहित्य
प्रकाशित साहित्य
- अस्तित्व
- आजीच्या पोतडीतील गोष्टी
- आयुष्याचे धडे गिरवताना
- द ओल्ड मॅन अॅन्ड हिज गॉड (अंग्रेजी)
- बकुळ
- गोष्टी माणसांच्ता
- जेन्टली फॉल्स द बकुला (अंग्रेजी)
- डॉलर बहू (इंग्रजी), (मराठी)
- तीन हजार टाके (मूळ इंग्रजी, ’थ्री थाउजंड स्टिचेस’; मराठी अनुवाद लीना सोहोनी)
- थैलीभर गोष्टी
- परिधी (कन्नड) [1]
- परीघ (मराठी)
- पितृऋण
- पुण्यभूमी भारत
- द मॅजिक ड्रम अॅन्ड द अदर फेव्हरिट स्टोरीज (अंग्रेजी)
- महाश्वेता (कन्नड व अंग्रेजी)
- वाइज अॅन्ड अदरवाइज (अंग्रेजी), (मराठी)
- सामान्यांतले असामान्य
- सुकेशिनी
- हाउ आय टॉट माय ग्रँडमदर टु रीड अॅन्ड अदर स्टोरीज (अंग्रेजी)