सुदीप्त कविराज
सुदीप्त कविराज दक्षिण एशियाई राजनीति व बौद्धिक इतिहास के एक विद्वान है जिनका नाम अक्सर पोस्टकोलोनियल और सबाल्टर्न अध्ययन के संबद्ध में लिया जाता है। ये वर्तमान में कोलम्बिया विश्वविद्यालय के मध्य पूर्वी, दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन विभाग में शिक्षण कर रहे हैं।[१]
शिक्षा
सुदीप्त कविराज कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंसी कॉलेज में राजनीति शास्त्र के एक छात्र थे। इन्होने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से पी.एच.डी. प्राप्त की।[१]
व्यवसाय
ये दक्षिण एशियाई राजनीति व बौद्धिक इतिहास के प्राध्यापक होने के साथ ही कोलम्बिया विश्वविद्यालय के मध्य पूर्वी, दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष है। कोलम्बिया विश्वविद्यालय के साथ जुड़ने से पहले, वह 'स्कूल ऑफ ओरिएण्टल एंड अफ्रीकन स्टडीज़'(लंदन विश्वविद्यालय) के राजनीति विभाग में राजनीति के प्रोफेसर थे।[२] ये जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली में राजनीति शास्त्र के सह - प्राध्यापक भी रह चुके है।[३]
विचारधारा
जवाहरलाल नेहरू और वल्लभ भाई पटेल के बीच के संघर्ष पर अपने विचार प्रकट करते हुए कविराज कहते हैं कि वह "पूंजीवादी विकास की सामान्य दिशा के भीतर दो बिल्कुल अलग रणनीतियों के दृष्टिकोण के बीच का संघर्ष था।"[४]
प्रकाशित पुस्तके
- पॉलिटिक्स इन इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, १९९९, ISBN 0-19-564873-0
- सिविल सोसाइटी : हिस्ट्री एंड पोस्सिबिलिटीस ,Cambridge University Press, २००१, ISBN 0-521-63344-3
- "द इमेजिनरी इंस्टीटूशन्स ऑफ़ इंडिया" ,Permanent Black, २०१०, ISBN 81-7824-357-1
- "द एनचांटमेंट ऑफ़ डेमोक्रेसी एंड इंडिया : पॉलिटिक्स एंड आइडियाज़", Permanent Black, २०१०, ISBN 81-7824-296-6