सिद्धिदास महाजु

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
सिद्धिदास महाजु
जन्मसाँचा:br separated entries
मृत्युसाँचा:br separated entries
मृत्यु स्थान/समाधिसाँचा:br separated entries

साँचा:template otherसाँचा:main other

सिद्धिदास महाजु (सिद्धिदास अमात्य) नेपालभाषा के महाकवि है। उन्हे नेपालभाषा पुनर्जागरण का चार स्तम्भ मै एक के रूप मै भी लेते है। नेपालभाषा मै आधुनिक कविता एवम्‌ आधुनिक कथा लेखन के सुरुवात मै इनका बडा हात था। उन्हौंने रामायण को नेपालभाषा मै अनुवाद किया था।

व्यक्तिगत जीवनी

इनका जन्म ने॰स॰ ९८७ यंलागा दुतिया दे दिन हुवा था। इनका पिता का नाम लक्ष्मीनारायण महाजु व माता का नाम हर्षलक्ष्मी महाजु था। वेह‌ क्वाछेँ ननि, केल त्वाः, काठमाडौंमै रहते थे। इनका विवाह गंगादेवी/ हाकुनानी से हुवा था। इनका देहान्त ने॰स॰ १०५० कछलागा बालाचह्रे मे हुवा था।

कृति

इनका कृति इस प्रकार है-

  • सज्जन हृदयाभरण
  • सत्यसति
  • सिद्धि रामायण
  • शुकरम्भा संवाद

प्रसिद्ध वाणी

इन के वाणी "भाषा म्वाःसा जाति म्वाइ" (भाषा जीवित रहेगा तो जाति जीवित रहेगा) नेपालभाषा साहित्य का एक बहुत प्रभावशाली वाक्य है। किसी भी जाति, प्रजाति या सभ्यता के अस्तित्व के लिए भाषा अपरिहार्य है। इस वाणी के अनुसार सभ्यता के विकास के मापन के लिए सभ्यता का भाषा साहित्य को मापना अपरिहार्य है।

देखें