सिटिजन केन
सिटिजन केन | |
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फिल्म सिटिजन केन का एक दृश्य | |
निर्देशक | ऑर्सन वेल्स |
निर्माता | ऑर्सन वेल्स |
पटकथा |
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अभिनेता |
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संगीतकार | बरनार्ड हरमैन |
छायाकार | ग्रेग टोलैन्ड |
संपादक | रॉबर्ट वाइज |
स्टूडियो | मरकरी थिएटर |
वितरक | आरकेओ रेडियो पिक्चर्स |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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समय सीमा | 119 मिनट |
देश | संयुक्त राज्य अमेरिका |
भाषा | अंग्रेजी |
लागत | $839,727 |
कुल कारोबार | $1.6 मिलियन |
सिटिजन केन विश्व की महानतम फिल्मों में शुमार है। इस फिल्म का निर्देशन अमेरिकी फिल्म निर्देशक ऑर्सन वेल्स ने किया था। सिटिजन केनर्सन वेल्स द्वारा निर्देशित पहली फीचर फिल्म है। इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद इसे ऑस्कर पुरस्कार के लिए नौ श्रेणियों में नामांकित किया गया और इसे सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए ऑस्कर पुरस्कार मिला। इस फिल्म के बेजोड़ शिल्प, छायांकन में नूतन प्रयोग और कथ्य को प्रभावशाली ढंग से रखने की वजह से दुनिया भर में सराहना मिली। ब्रिटिश फिल्म संस्थान की पत्रिका साइट एंड साउंड के सर्वेक्षण और मतसंग्रह में ये फिल्म सन 2012 तक पहले पायदान पर रही। बेहतरीन फिल्म होने के बावजूद पहले प्रदर्शन में ये फिल्म बुरी तरह से नाकाम रही। कोई वितरक इस फिल्म को हाथ लगाने को भी तैयार नहीं था। इसके पीछे वजह थी इसकी कहानी। इस फिल्म की कहानी उस जमाने के अमेरिकी मीडिया मुगल विलियम रैंडॉल्फ हर्स्ट के जीवन पर आधारित थी। जिस तरह आज दुनिया भर में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया मुग़ल रुपर्ट मर्डोक़ को जाना जाता है, उसी तरह इस सदी की शुरुआत में अमेरिकी मीडिया किंग हर्स्ट की तूती बोलती थी। 1863 में जन्मे हर्स्ट ने महज़ 24 साल की उम्र में अपने पिता से 'द सन फ्रांसिस्को एक्ज़ामिनर' नाम के अखबार का कार्यभार लिया था। लेकिन थोड़े ही वर्षों बाद के उसने न्यूयॉर्क के अख़बार 'द न्यूयॉर्क जर्नल' का भी अधिग्रहण कर लिया और अपने प्रतिद्वंदी अखबारों से सर्कुलेशन को लेकर बेहद निचले स्तर की लड़ाई लड़ी थी। उसने अमेरिका के लगभग सभी प्रमुख शहरों में करीब 30 अखबारों और पत्रिकाओं का एक प्रकाशन समूह खड़ा किया जो उन दिनों दुनिया में सबसे विशाल था। हर्स्ट ने मानवीय मूल्यों और पत्रकारिता के सिद्धांतों की कभी परवाह नहीं की। कहते हैं यलो जर्नलिज्म यानी पीत पत्रकारिता की शुरुआत उसने ने ही की थी।[१]
जैसी कि उम्मीद थी, हर्स्ट ने इस फिल्म का जोरदार विरोध किया। उसने इस फिल्म का अपने अखबारों से पूरी तरह बायकॉट किया और यहां तक कि उसके विज्ञापन भी छापने से मना कर दिया। कहते हैं उसने फिल्म को उस समय आठ लाख पाउंड में खरीदने का ऑफर रखा था, लेकिन वेल्स ने इसे ठुकरा दिया।[२]
कहानी
इस फिल्म की कहानी के केन्द्र में है अमेरिकी मीडिया मुगल चार्ल्स पॉस्टर केन। फिल्म की शुरुआत केन की मृत्यु के दृश्य से होती है। केन ज़ानादू नामक अपने आलीशान महल में बिस्तर पर लेता है, उसके मुहं से एक शब्द निकलता है-रोज़बड और वो निष्प्राण हो जाता है। इसके बाद समाचार रील में केन की जीवनी और शानदार उपलब्धियां दिखाई जाती हैं। केन के मृत्यु के समाचार की खबर से दुनिया भर के अखबार पट जाते हैं। समाचार रील का निर्माता जेरी थाम्प्सन नाम के संवाददाता को रोजबड का रहस्य तलाशने की जिम्मेदारी देता है।[३]
खोजी पत्रकार केन के निकटवर्ती लोगों से मिलता है और उनसे बातचीत करता है। इन भेंटवार्ताओं से जेरी को पता चलता है कि लोगों के विचार केन की सामाजिक छवि से मेल नहीं खाते। जेरी की तहकीकातों से दर्शकों को केन के निजी जीवन, उसकी शानदार उपलब्धियाों का पता चलता है। केन कैसे एक साधारण से अखबार से कारोबार शुरू करके अमेरिका की मीडिया का बेताज बादशाह बन जाता है। राष्ट्रपति की भतीजी से शादी, राजनीति में बढ़ती अभिरुचि, व्हाइट हाउस की ओर बढ़ते कदम, एक ओपेरा गायिका से विवाहेतर संबन्ध, तलाक, फिर शादी और अंत में एकाकी मृत्यु तक की जीवन यात्रा में हम एक ऐसे व्यक्ति की कहानी देखते हैं जिसके पास पैसों से खरीदी जा सकने वाली हर वस्तु थी लेकिन उसके जीवन में खुशी नहीं थी। वह अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर नितांत अकेला हो जाता है, यहां तक कि वो ओपेरा गायिका जिसके लिए वो अपने जीवन का सबकुछ दांव पर लगा देता है, वो भी उसे अकेला छोड़कर चली जाती है।
कलाकार
फिल्म के प्रोड्यूसर मरकरी थियेटर ने इस फिल्म नए कलाकारों को मौका दिया था जिनमें प्रमुख थे:
- ऑर्सन वेल्स
- जोसेफ कॉटेन
- डोरोथी कोमिंगोर
- एवेरे स्लोअन
- रे कॉ़लिन्स
- जॉर्ज कॉलरिस
- एंगेस मूरहेड
- पॉल स्टीवार्ट
- रुथ वैरिक
- एर्सकिन सैनफोर्ड
निर्माण
हॉलीवुड निर्माताओं की ओर से ऑर्सन वेल्स को सन् 1936 में ही फिल्म निर्देशित करने का प्रस्ताव मिल चुका था लेकिन वेल्स अपनी पहली फिल्म को लेकर बहुत सचेत थे और वो अपने पसंदीदा विषय पर फिल्म बनाना चाहते थे। इस क्रम में वेल्स ने वार्नर ब्रदर्स की तीन पटकथाओं को वापस लौटा दिया। इसी बीच लेखक हर्मन जे मैंकिविच ने वेल्स कोे मीडिया मुगल विलियम रैंडॉल्फ हर्स्ट के जीवन पर आधारित फिल्म बनाने का विचार सुझाया। विचार वेल्स को पसंदा आया और फिल्म की कहानी पर शोध और पहले प्रारूप लेखन पर कार्य शुरू हो गया।
ये व्यावसायिक फिल्म होते हुए भी एक अनूठी परियोजना थी इसलिए इस फिल्म के तकरीबन सभी मुख्य पात्रों के लिए नए कलाकारों को चुना गया। ये कलाकार भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना चाहते थे और इस क्रम में सबने इस फिल्म में बेजोड़ अभिनय किया।
तकनीकी तथ्य
सिटिजन केन के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस फिल्म के निर्माण से पहले वेल्स ने निर्देशक जॉन फोर्ड की फिल्म स्टेजकोच चालीस बार देखी। वेल्स ने खुद अपनी डायरी में लिखा कि उन्होंने स्टेजकोच को देखकर और इसके शॉट्स के बारे में तकनीशियनों से सवाल पूछकर-पूछकर फिल्म निर्माण और निर्देशन सीखा। फिल्म के कैमरामैन ग्रेग टोलैंड को वेल्स ने अपनी टीम में नहीं जोड़ा बल्कि ग्रेग खुद उनके दफ्तर में आए और कार्य करने इच्छा जाहिर की। ग्रेग का मानना था कि हॉलीवुड का कोई भी अनुभवी निर्देशक उन्हें वो नहीं करने देता जो वो कैमला के जरिए करना चाहते थे। ग्रेग को मौका मिला और फिर तो ग्रेग ने कमाल ही कर दिया। इस फिल्म के छायांकन ने हॉलीवुड को डीप फोकस, मिज-ओ-सीन और ट्रैकिंग कई नई विधाएं दीं। वेल्स ने तो ग्रेग को दुनिया का महानतम छायाकार कहकर प्रशंसा की।
सम्मान
फिल्म की गुणवत्ता के देखकर लोगों का ये अनुमान था इस फिल्म को सभी नामित श्रेणियों मेों ऑस्कर पुरस्कार मिला लेकिन इस फिल्म के खिलाफ सामुहिक मतदान ने शुभेच्छुओंं के सपनों पर तुषारापात कर दिया। इस फिल्म को मात्र सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए ऑस्कर से संतोष करना पड़ा। हालांकि इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक सर्किल अवार्ड से सम्मानित किया गया और अमेरिका के नेशलन बोर्ड ऑफ रिव्यू ने इसे साल 1941 की सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया।
द्वितीय विश्वयुद्ध की वजह से सिटिजन केन यूरोप में प्रदर्शित नहीं हो सकी। इस फिल्म को फ्रांस में पहली बार 1946 में प्रदर्शित किया गया लेकिन प्रसिद्ध लेखक और विचारक ज्यां-पाल सार्त्र ने फिल्म की ये कहकर आलोचना की कि ये फिल्म फ्लैशबैक तकनीक का सहारा लेकर हमें बीते हुए कल में ले जाती है जबकि फिल्म की कता को वर्तमान में होना चाहिए। लेकिन फिल्म आलोचक आंद्रे बेजिन ने फिल्म के कथानक और नई तकनीक को लेकर फिल्म की जमकर तारीफ की। इसके बाद फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए।
सिटिजन केन को साल 1941 में ऑस्कर सम्मान के लिए कुल 9 श्रेणियों में नामांकित किया गया:[४]
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशन (ऑर्सन वेल्स)
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (ऑर्सन वेल्स)
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा (हर्मन जे मैंकिविच और ऑर्सन वेल्स)
- सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन (पेरी फर्ग्यूशन)
- सर्वश्रेष्ठ छायांकन (ग्रेग टोलैंड)
- सर्वश्रेष्ठ संपादन (रॉबर्ट वाइज)
- सर्वश्रेष्ठ संगीत (बर्नार्ड हरमन)
- सर्वश्रेष्ठ ध्वन्यांकन (जॉन ऐलबर्ग)