सालंग सुरंग
बघलान प्रान्त की ओर से सालंग सुरंग का प्रवेशद्वार | |
अवलोकन | |
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भौगोलिक स्थिति | अफ़्गानिस्तान में हिन्दू कुश पर्वत |
निर्देशांक | साँचा:coord |
मार्ग | हिन्दू कुश पर्वत में स्थित सालंग दर्रे में पारवन और बघलान प्रान्तों के मध्य में उत्तर-दक्षिण दिशा में |
संचालन | |
खुली | 1964 |
वाहन प्रतिदिन | 7 से 10 हज़ार |
तकनीकी जानकारी | |
लम्बाई | 2.67 किमी |
सर्वोच्च ऊँचाई | 3,400 मीटर |
निम्नतम ऊँचाई | 3,400 मीटर |
सुरंग निकासी | 7 मीटर |
चौड़ाई | 7 मीटर |
सालंग सुरंग (साँचा:lang-prs तुनेल-ए-सलंग, साँचा:lang-ps द सलंग तुनेल) एक 2.6 किमी लम्बी सुरंग है जो अफ़्गानिस्तान में हिन्दू कुश पर्वत में स्थित सालंग दर्रे में पारवान और बघलान प्रान्तों के मध्य में स्थित है। इसका निर्माण सोवियत संघ द्वारा 1960 के दशक में किया गया था और इसका उपयोग राजधानी काबुल को अफ़्गानिस्तान के उत्तरी नगरों से जोड़ने के लिए किया जाता है। अभी इस सुरंग का निर्माण और सुधार किया जा रहा है। प्रतिदिन सात से दस हज़ार वाहन इस सुरंग से होकर गुजरते हैं।[१]
सालंग सुरंग एकमात्र मार्ग है जो उत्तर-दक्षिण दिशा में वर्षभर खुला रहता है। इसे नवम्बर 1982 में घटित एक विनाशकारी अग्निकाण्ड और बहुत सी हिमस्खलन की घटनाओं के लिए भी जाना जाता है। फ़रवरी 2010 में घटित एक हिमस्खलन में 172 लोग परोक्ष या अपरोक्ष रूप से मारे गए थे।
अवलोकन
यह सुरंग अफ़्गानिस्तान में उत्तर-दक्षिण भागों को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग है जिसके कारण यात्रा का समय 72 घण्टे से घटकर 10 घण्टे हो जाता है और मार्ग लगभग 300 किमी कम हो जाता है। यह सुरंग लगभग 3,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और 2.6 किमी लम्बी है। सुरंग की चौड़ाई और ऊँचाई 7 मीटर हैं।[२]
1955 में, अफ़्गानिस्तान और सोवियत संघ ने सालंग सड़क को विकसित करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह सुरंग 1964 में खुली और इसके कारण वर्षभर देश के उत्तरी भागों से काबुल को जोड़ने वाला मार्ग उपलब्ध हुआ। यह सुरंग 1973 तक विश्व की सबसे ऊँची सड़क सुरंग थी, जब अमेरिका के रॉकी पर्वतों में आइज़नहावर स्मारक सुरंग का निर्माण हुआ जो इस सुरंग से थोड़ी ऊँची और लम्बी है।
2010 में प्रतिदिन लगभग 16,000 वाहन इस सुरंग से होकर गुजर रहे थे। एक अन्य प्रतिवेदन के अनुसार यह सुरंग केवल 1,000 वाहन प्रतिदिन के अनुसार तैयार की गई थी पर अब इसे प्रतिदिन सात से दस हज़ार वाहनों का भार वहन करना पड़ रहा है।
दुर्घटना
2002 हिमस्खलन
बन्द पड़े इस सुरंग को खोला गया तो उसके कुछ सप्ताह बाद ही हिमस्खलन के कारण सैकड़ों लोग इसमें दब गए। जिसमें से अधिकतर लोगों को निकाल लिया गया। जुलाई 2004 से यह दो तरफा यातायात के लिए खुल गया।
2009 हिमस्खलन
जनवरी 2009 में आए इस हिमस्खलन के कारण 10 लोगों की मौत हो गई।[३]
2010 हिमस्खलन
10 फरवरी 2010 में हुए हिमस्खलन में 160 लोगों की मौत हो गई और 84 लोग घायल हुए। रास्ता बन्द होने के कारण कई गाड़ियाँ रास्ते से हट कर पहाड़ के दूसरे ओर नाली में गिर गए। इस घटना में अधिकतर लोगों की जान ठण्ड में रहने और साँस न लेने के कारण गई।[४]
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ U.S.-Pakistan dispute chokes Afghan supply route Retrieve 4 June 2012.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
बाहरी कड़ियाँ
Wikimedia Commons has media related to सालंग सुरंग.साँचा:preview warning |
- World's highest road tunnels (अंग्रेज़ी)
- Photos of Salang Tunnel avalanche (अंग्रेज़ी)
- Photos of road to Salang Tunnel (अंग्रेज़ी)