साँचा:आज का आलेख १९ जुलाई २००९
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भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के राजसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानवों द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। ये शैलचित्र लगभग नौ हजार वर्ष पुराने हैं। अन्य पुरावशेषों में प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष भी यहां मिले हैं। भीम बेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त १९९० में राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई २००३ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। ये भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिन्ह हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से सम्बन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका पड़ा। ये गुफायें मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं। इनकी खोज वर्ष १९५७-१९५८ में डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी।
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