साँचा:आज का आलेख अक्टूबर २०१८
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कैथरीन मैन्सफील्ड (१४ अक्टूबर, १८८८ - ९ जनवरी, १९२३) न्यूज़ीलैण्ड मूल की अत्यधिक ख्यातिप्राप्त आधुनिकतावादी अंग्रेजी कहानीकार थी। बैंकर पिता तथा अपेक्षाकृत संकीर्ण स्वभाव वाली माता की पुत्री कैथरीन नैसर्गिक रूप से ही स्वच्छंद स्वभाव वाली हुई। परंपरागत रूप से स्त्रियों का अनिश्चित भविष्य वाला जीवन उसमें आरंभ से ही विद्रोह का बीज-वपन करते रहा। अपने जीवन को अपेक्षित मोड़ न दे पाने के कारण उसका स्वभाव असंतुलित और जीवन अव्यवस्थित होते रहा। आरंभ में जीवन की कठोरताओं ने उसकी रचनाओं को भी कटुता तथा तीखे व्यंग्य से पूर्ण बनाया। काफी समय तक वह जीवन में उत्तमता एवं व्यवस्था के औचित्य को स्वीकार नहीं कर पायी। काफी बाद में चेखव के प्रभाव से उसने लेखन के साथ लेखक के जीवन में भी अच्छाई का महत्व समझा। उनकी अनेक सफलतम कहानियाँ वहीं लिखी गयीं। मिस ब्रिल, दि स्ट्रेंजर (अजनबी), दि डॉटर्स ऑफ दि लेट कर्नल (दिवंगत कर्नल की बेटियाँ), एट द बे (खाड़ी के किनारे), हर फर्स्ट बॉल (उसका पहला नाच), द गार्डन पार्टी आदि कैथरीन के यश को तेजोद्दीप्त करने वाली इसी दौर की कहानियाँ हैं विस्तार में...