सर्वानन्द कौल प्रेमी
सर्वानन्द कौल प्रेमी (जन्म: 2 नवम्बर 1924 – मृत्यु: 1 मई, 1990) एक भारतीय कश्मीरी भाषीय कवि, पत्रकार, विद्वान और स्वतंत्रता सेनानी थे। 1990 में कश्मीरी आतंकियों के हाथों इनकी हत्या की गई थी।[१][२][३][४]
शुरूआती जीवन और शिक्षा
सर्वानन्द गोपीनाथ और ओमरावती कौल के बेटे थे। वे अनंतनाग ज़िले शॉफ़-शाली गाँव (प्राचीन संस्कृत नाम: सफ्त-शलेश्वर) से एक कश्मीरी पंडित परिवार थे। प्रेमी के पिता परिवार के सबसे पहला सदस्य थे जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त मिली थी।
निजी जीवन
1948 में उनकी शादी ओमा के साथ हुई थी। उनके 3 बेटे और 4 बेटियाँ पैदा हुए।
मौत
29/30 अप्रैल 1990 की रात के दौरान, तीन नकाबपोश आतंकियों ने प्रेमी के घर में घुसपैठ की। इसके बाद आतंकियों ने उन्हें और उनके बेटे का अपहरण किया था। 1 मई, 1990 को प्रेमी और उनके बेटे के मृत शरीर पाए गए। प्रेमी इतनी बेरहमी से कतल किया गया था क्योंकि उन्होंने कश्मीर में भारतीय राष्ट्रवाद की हिमायत की।
काम
वे चार भाषाओं को पढ़ और लिख सकते थे - हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और कश्मीरी है। फारसी और संस्कृत समझने में भी वे सक्षम थे।
प्रकाशित पुस्तकें
- कलमी प्रेमी
- पयँमी प्रेमी
- रूई जेरी
- ओश त वुश
- गीतांजलि (अनुवाद)
- रुस्सी पादशाह कथा
- पंच छ्दर (काव्यसंग्रह)
- बखती कुसूम
- आखरी मुलाकात
- माथुर देवी
- मिर्जा काक (जीवन और काम)
- मिर्जा चाचा जी वखस
- कश्मीर की बेटी
- भगवद गीता (अनुवाद)
- ताज
- रूपा भवानी