सरदलपट्टी
सरदलपट्टी | |
— गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | बिहार |
ज़िला | सीतामढी |
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, उर्दू एवं बज्जिका |
साँचा:collapsible list | |
आधिकारिक जालस्थल: http://sitamarhi.bih.nic.in/ |
सरदलपट्टी भारत में बिहार राज्य के ऐतिहासिक सीतामढी जिलान्तर्गत एक महत्वपूर्ण गाँव है। निकटस्थ शहर एवं जिला मुख्यालय सीतामढी से यह गाँव 25 किलोमीटर पूर्व तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 104 पर स्थित रधाउर मोड़ से 3 किलोमीटर उत्तर अवस्थित है। सघन आबादी वाले इस कृषिप्रधान गाँव में बज्जिका बोली जाती है लेकिन शिक्षा का माध्यम हिंदी है। लगभग 1 वर्गकिलोमीटर क्षेत्र वाले इस छोटे से गाँव की वर्तमान जनसंख्या लगभग 800 है।
अवस्थिति
भारत के बिहार प्रांत से गुजरनेवाले राष्ट्रीय राजमार्ग 104 पर स्थित इस गाँव की अक्षांश एवं देसांतर स्थिति 26०37' उत्तर एवं 85०30' पूर्व में है। ईस्वी सन 1860 में अंग्रेजों द्वारा पहली बार तैयार किए गए नक्शे में गाँव का प्रचलित नाम सरदलपट्टी, थाना- परिहार दिया गया है। सरदलपट्टी के उत्तर में नरफोड़ा एवं परसंडी, दक्षिण में लरुआरी, पूर्व में पिपड़ा खुर्द और पश्चिम में टोला बिसनपुर पड़ोसी गाँव हैं। गाँव का स्थानीय बाजार परिहार एवं रधाऊर मोड़ है। सरदलपट्टी ग्राम पंचायत सुरसंड विधान सभा क्षेत्र एवं सीतामढी संसदीय क्षेत्र में पड़ता है।
शिक्षा, कृषि एवं व्यवसाय
गाँव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में आठवीं स्तर तक तथा उच्च विद्यालय परिहार में १०वीं कक्षा तक पढाई का साधन मौजूद होने के बावजूद लोगों में शिक्षा का स्तर मध्यम है। खेती ज्यादातर लोगों के जीविका का मुख्य स्रोत है जबकि कुछ लोग नौकरी पेशा हैं। गाँव की जमीन उपजाऊ है जिसमें धान, गेहूँ, मक्का के अतिरिक्त अन्य खाद्यान्न एवं दलहन तथा तिलहन का अच्छा उत्पादन होता है। सघन जनसंख्या एवं खेतों का आकार छोटा होने से कृषि का व्यवसायिक रूप नहीं दिखाई देता लेकिन ईंख, मिर्च आदि उगाकर लोग आर्थिक मदद प्राप्त कर लेते हैं। सिंचाई के लिए निजी नलकूप या इंद्रदेव की कृपा पर लोग निर्भर हैं। बाढ प्रभावित होने के बावजूद निजी क्षेत्रों में वागबानी तथा वानिकी का अच्छा विकास हुआ है और गाँव में पर्याप्त हरियाली है। आम, लीची, सीसम आदि के पेड़ खूब दिखाई देते हैं।
जनजीवन एवं सुविधाएँ
- अधिवास: २००१ की जनगणना अनुसार गाँव की आबादी ---- है, जिसमें --- पुरूष और --- स्त्रियाँ हैं। लगभग १ किमी² क्षेत्रफल वाले इस गाँव में करीब १०० परिवार बसते हैं जिनमें सभी हिंदू हैं। नौकरीपेशा अथवा अस्थायी मजदूरी करनेवाले कई लोग बाहर निवास करते हैं। राजीव गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अधीन गाँव को पूर्णतः विद्युतीकृत किया जा चुका है लेकिन उपभोक्ताओं की संख्या बहुत कम है। महत्वपूर्ण स्थलों पर सौरऊर्जा से रात्रि प्रकाश व्यवस्था की गयी है। निजी आवश्यकताओं के लिए लोग बिजली के अलावे मिट्टीतेल पर भी निर्भर है। कुछ संपन्न परिवारों को छोड़ अधिकांश घरों में भोजन के लिए लकड़ी या उपले से जलावन की जरुरतें पूरी होती हैं।
- दूरसंचार एवं बैंकिंगः दूरभाष संचार के लिए बीएसएनएल का मोबाईल तथा लैंडलाइन सेवा के अतिरिक्त एयरटेल तथा रिलायंसमोबाईल सर्विस का अच्छा नेटवर्क है। इंटरनेट के लिए बीएसएनएल ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराती है। डाक सेवाओं के लिए गाँव में डाकघर (पिन कोड- ८४३३२४) है जहाँ डाक बचत योजनाएं एवं धन निकासी एवं जमा सुविधा मिल जाती है। बैंकिंग सेवाओं के लिए परिहार में भारतीय स्टेट बैंक एवं सीतामढी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कार्यरत है।
कैसे पहुँचे
गाँव से गुजरने वाली पक्की सड़क परिहार को रधाउर मोड़ से जोड़ती है। राष्ट्रीय राजमार्ग 104 से रधाउर मोड़ होकर गुजरने वाली सवारी गाड़ियाँ आवागमन का सबसे अच्छा साधन है। जिला मुख्यालय सीतामढी तथा प्रखंड मुख्यालय परिहार जाने के लिए गाँव से दैनिक सवारी गाड़ी उपलब्ध है। नज़दीकी रेलवे स्टेशन सीतामढी है जो पूर्व मध्य रेलवे के दरभंगा-नरकटियागंज रेलखंड पर पड़ता है। गाँव से रेलवे स्टेशन की दूरी 25 किलोमीटर पश्चिम है। देश के विभिन्न हिस्सों में मधुबनी, दरभंगा तथा नरकटियागंज होते हुए हर रोज दस जोड़ी सवारी गाड़ियाँ यहाँ से गुजरती हैं। दिल्ली के लिए लिच्छवी एक्सप्रेस जाती है। सीतामढी से आने-जाने वाली गाड़ियों की जानकारी इंडियारेलइन्फो डॉट काम पर मिल सकती है। वायु सेवा के लिए निकटस्थ हवाई अडडा 160 किलोमीटर दूर पटना में है।