समय प्रबंधन

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साँचा:ambox साँचा:asbox भिन्न-भिन्न कार्यों को करने के लिए लगाये गए समय और उनको करने के क्रम को सोच-विचार कर व्यवस्थित करना समय प्रबंधन (Time management) कहलाता है। समुचित समय प्रबंधन से दक्षता मिलती है, उत्पादकता बढ़ती है और कार्य सही समय पर पूरे होते हैं।

समय प्रबंधन के लिए स्वयं का मूल्यांकन करें. एक डायरी में रोज की बातें लिखें. इससे आपको पता चलेगा कि आप कितना समय उपयोगी कार्य को देते हैं और कितना समय अनुपयोगी और बेकार कामों को देते हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए योजना बनाएं अर्थात प्लॉनिंग करें और उसके अनुसार ही समय पर कार्यों का निष्पादन करें. इसके लिए एक डायरी में किए जाने वाले कार्यों को लिखें यानि सूची बनाएं और जैसा आपने तय किया है उसके अनुसार उसी क्रम और समय के अनुसार अपने कार्यों को करते जाएं. योजना बनाते समय आपको अपने कार्यो की प्राथमिकता स्वयं ही तय करना होगा कि किस काम को पहले करना है और किस काम को बाद में करना है। काम करने के दौरान उस कार्य का आंकलन भी करते जाए कि जैसा आपने सोचा था वैसा ही काम हो रहा है कि नहीं. समय प्रबंधन का यह मतलब नहीं है कि आप गल्तियां नहीं करेगें. यदि आपसे गल्ती हो जाती है तो उसे तत्काल सुधार कर आगे बढ़े. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप गल्तियों भरा काम करें वरन इसका आश्य है कि आप काम समय पर करें और सहीं काम करें. काम करने के दौरान अपने कार्य का आंकलन करने से आप में किसी भी कार्य को सही तरीके से और सही समय में करने का पूर्वानुमान करने की दक्षता बढ़ेगी और अगली बार जब भी आप दूसरा काम करेगें आपका आत्मविश्वास और बेहतर होता जाएगा. यहां याद रखे कि आलस्य समय प्रबंधन का घोर दुश्मन है। यदि काम के दौरान आप आलस्य करते है या थोड़ा लापरवाह हो जाते हैं तो आपकी बनी बनाई योजना धराश्यी हो सकती है। इसलिए किसी भी कार्य को पूरा मन लगाकर और सतर्कतापूर्वक करें. एक भी गल्ती आपके कार्य में बाधा बन सकती है या उसे विपरीत दिशा में ले जा सकती है।

कैसे करें समय का सदुपयोग?

1.समय सारणी(Time Table) बनाने का महत्व

अपने समय को सही ढंग से उपयोग करने के लिए एक पक्की समय सारिणी यानी टाइम टेबल बना लें। जैसे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए निर्धारित समय दिए जाते हैं। यदि हमें अपने मन में याद नहीं रहता तो बेशक उसे किसी कागज़ या अपने मोबाइल में लिख के रख सकते हैं। ताकि हमारा सारा काम समय पे पूर्ण हो सके।

2. खाली समय का प्रयोग करना

ज़रूरी नहीं है कि हम हर समय काम में ही जुटे हों। यदि काम से छुट्टी हो या कई दिन ऐसे होते हैं जब हमारे पास कुछ जरूरी काम नहीं होता। उन दिनों को और खाली समय का सदुपयोग करना भी बहुत ज़रूरी होता है। टीवी देख कर या कोई खेल खेलकर भी मनोरंजन करना ज़रूरी है परन्तु ध्यान रखें कि हम उस सारे खाली समय को मनोरंजन में ही ना निकल दें।

3.रात को जल्दी सो कर सुबह जल्दी उठने का महत्व

रात की अच्छी नींद पूरे दिन के ऊर्जा का स्रोत होती है। अच्छी नींद का होना बहुत ही ज़रूरी है। अगर हम अच्छे से सोएंगे तभी अगले दिन ताज़ा दिमाग के साथ अपने समय का अच्छे से उपयोग कर पाएंगे। इसलिए यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि सोने में समय व्यर्थ होता है, बल्कि सात से आठ घंटे सोने से शरीर और दिमाग दोनों तंदरुस्त रहते हैं और हम बाकी जागते हुए समय का सदपयोग कर सकते हैं।

4. सोशल मीडिया पर समय की बर्बादी ना करना

देखा जाए तो विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग उनकी पढ़ाई और करियर पर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए जितना हो सके हमें कम से कम सोशल मीडिया एप्स का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग दिन भर मोबाइल के साथ चिपके रहते हैं। इससे ना केवल आपका समय बर्बाद होता है बल्कि यह आपकी आंखों और स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। इसलिए सोशल मीडिया का निर्धारित प्रयोग करके भी आप अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं।[१]

बाहरी कड़ियाँ

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