सद्दाम समुद्र तट

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गाँव
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Countryभारत
राज्यकेरल
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Languages
 • OfficialMalayalam, English
समय मण्डलIST (यूटीसी+5:30)

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सद्दाम समुद्र तट भारत के केरल राज्य के मलप्पुरम जिले में एक मछली पकड़ने वाला गांव है। इस गांव का नाम पूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के नाम पर है जो 1991 के खाड़ी युद्ध के दौरान एकजुटता के दर्शाता है। इस समुद्र तट नाम सद्दाम रखने का सुझाव कुवैत में काम करने वाली नौकरानियों द्वारा दिया गया था।

व्युत्पत्ति

इस समुद्र तट का नाम टीपू सुल्तान समुद्र तट था जब मैसूर के राजा टीपू सुल्तान ने 18 वीं सदी के दौरान ब्रिटिश औपनिवेशिक ताकतों के खिलाफ एक आक्रामक रुख लिया था। [१] 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद, ग्रामीणों ने इस गाँव का नाम बदने का फैसला किया ताकि इराकी नेता सद्दाम हुसैन के साथ एकजुटता व्यक्त किया जा सके। ग्रामीण जिनमे ज्यादातर लोग मुस्लिम थे ऊन्होने सद्दाम और संयुक्त राज्य अमेरिका की नीतियों 'के खिलाफ उसकी लड़ाई से प्रेरित होने का दावा किया। [२]

इतिहास

यह तटीय गाँव तब समाचारों में आया जब इसने अपने तट का नाम इराकी नेता सद्दाम हुसैन के नाम पर रखा। तब से इस क्षेत्र के ग्रामीण सद्दाम और उनके 'साम्राज्यवाद विरोधी' रुख की अपनी प्रशंसा के बारे में विशेष रूप से मुखर रहे हैं। [२] संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में जब इराक पर आक्रमण हुआ तब इसकी यहाँ बहुत ज्यादा निंदा हुई। 2003 में जब "सद्दाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे" का नाम बदल कर "बगदाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे" रखा गया तब कुछ सद्दाम प्रशंसकों ने इस इसके तट पर एक झंडा लगाया था जिसपर लिखा था "सद्दाम तट पर आपका स्वागत है"। [३]

2003 के खाड़ी युद्ध

बगदाद के आक्रमण के दौरान इस गांव में कई अमेरिकी और ब्रिटिश विरोधी प्रदर्शनों को देखा। इन देशों में बनाये गए सामानों का आम तौर पर बहिष्कार किया गया और यहां तक कि समुद्र में फेंक दिया। बहुत सारे ग्रामीण जो खाड़ी देशों में काम करने गए थे उन्हें खाड़ी युद्ध के कारण अपनी नौकरी छोडनी पड़ी एवं गाँव वापस आना पड़ा इसके कारण पश्चिम देशों के प्रति उनमे नाराजगी का भाव आ गया। [४] सद्दाम के बड़े बड़े पोस्टर, इराकी झंडे के साथ स्थानीय लोगों द्वारा सड़क के किनारे लगा दिए गए जो यहाँ के लोगों ने विरोध स्वरूप लगाया था। [२]

नवंबर 2006 में जब सद्दाम हुसैन को मौत की सजा दी गयी तब ग्रामीणों एक विरोध रैली निकला था जिसमे अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के खिलाफ नारे लगाये गए। करीब पचास लोग जिसमे महिलाये एवं बच्चों शामिल थे उन्होंने मार्च में भाग लिया था। [५]

सद्दाम समर्थक

30 दिसंबर, 2006 को जब सद्दाम हुसैन को मौत की सजा दी गयी तब सद्दाम हुसैन के गुस्साए हुए समर्थक में समुद्र तट पर एकत्रित हुए और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के खिलाफ नारे लगाए एवं इस घटना को "क्रूर" बताया [६]

संस्कृति

सद्दाम बीच गांव एक मुख्य रूप से मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है। हिंदु यहाँ एक अपेक्षाकृत छोटी संख्या में मौजूद हैं। इसलिए इस इलाके की संस्कृति मुस्लिम परंपराओं पर आधारित है। यहाँ कई पुस्तकालय हैं जो मस्जिदों से जुडी हैं एवं इस्लामी अध्ययन का समृद्ध स्रोत हैं। इस क्षेत्र के हिन्दू अल्पसंख्यक उनके मंदिरों में विभिन्न त्योहारों के द्वारा अपनी समृद्ध परंपराओं का निर्वाह करते रहता है। [७]

परिवहन

सद्दाम बीच गांव को परापणअन्गादी शहर के माध्यम से भारत के अन्य भागों को जोड़ा जाता है।

सन्दर्भ

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