संकटा देवी मंदिर लखीमपुर खीरी
संकटा देवी मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
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त्यौहार | नवरात्रि |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | लखीमपुर खीरी |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
देश | भारत |
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संकटा देवी मंदिर, लखीमपुर खीरी शहर का पौराणिक संकटा देवी मंदिर करीब एक हजार साल से अधिक पुराना है। शहर के बीच स्थित यह मंदिर देवी भक्तों की श्रद्धा का केंद्र है। शहर के चार शक्ति पीठों में संकटा देवी मंदिर का प्रमुख स्थान है। इस मंदिर में माता लक्ष्मी की प्रतिमा है। इनके नाम पर ही शहर का नाम भी लक्ष्मीपुर हुआ, जो बाद में लखीमपुर कहलाया।[१]
मंदिर का इतिहास
ऐसी किवदंती है कि इस मंदिर की स्थापना रुकमणी की इच्छा पर पशुपतिनाथ जाते समय महाभारत युद्ध के बाद श्रीकृष्ण ने की थी। उस दौरान श्रीकृष्ण ने जिन चार शक्तिपीठों की स्थापना की, उनमें यह पहला मंदिर है। कभी इस मंदिर के चारों ओर विशाल सरोवर हुआ करता था जो बाद में समाप्त हो गया। मंदिर का जीर्णोद्धार यहां के तत्कालीन महेवा स्टेट के राजाओं ने समय-समय पर कराया है। आज भी यह मंदिर राज परिवार के संरक्षण में है।[२]
विशेषता
पौराणिक मंदिर होने के कारण इसकी वास्तुकला भी एक हजार साल पुराने मंदिरों जैसी है। इसका विशाल परिसर भक्तों के बैठने के लिए पर्याप्त है। समय-समय पर भक्त यहां पर पूजा अर्चना कर आते हैं। नवरात्रि के दोनों पर्व इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता हैं। इसके अलावा वर्ष में एक बार यहां श्रीमद्भागवत भी होती है।[३]
सन्दर्भ