श्री राम जानकी संस्कृत महाविद्यालय
श्री राम जानकी संस्कृत महाविद्यालय उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के अकबरपुर के गौरियापुर में स्थित[१] प्रमुख संस्कृत महाविद्यालय है। यह राज्य सरकार से सहायताप्राप्त[२] और सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है।
इतिहास
बद्रीदास
ने वर्ष १९२९ में इस संस्कृत पाठशाला की स्थापना की।
वर्ष १९४६ में श्री राम जानकी धर्म प्रचार समिति का गठन किया गया। २९ जून १९४६ को श्री राम जानकी धर्म प्रचार समिति का निबंधन हुआ। १९४८-१९४९ में महाविद्यालय का अपना निजी भवन हो गया और इसी वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता के साथ अनुदान भी प्राप्त हो गया।
वर्ष १९५७ में सरकार द्वारा निर्धारित "आदर्श संस्कृत विद्यालय योजना " में इस विद्यालय का चयन किया गया। वर्ष १९६६ में यह महाविद्यालय राज्य सरकार द्वारा "ख " वर्ग में घोषित हुआ।
स्थिति
यह संस्कृत महाविद्यालय अकबरपुर ,कानपुर देहात से दक्षिण -पश्चिम दिशा में लगभग ८ किलोमीटर की दूरी पर कानपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के बायीं ओर स्थित ग्राम गौरियापुर में सेंगुर नदी के तट पर स्थित है।
गुरुकुल प्रणाली शिक्षा
इस महाविद्यालय में शिक्षा की गुरुकुल प्रणाली है।
छात्रावास
लगभग ८० छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था।
पाठ्यक्रम
- पूर्व मध्यमा १, २
- उत्तर मध्यमा १, २
- शास्त्री १, २, ३
- आचार्य १, २ [३]
- साहित्य
- नव्य
- वेद
- वेदांत
संरक्षक
देव नारायण दास
प्रबंधन
- अध्यक्ष :
- प्रबंधक : रमाकांत मिश्र
- सचिव : महेंद्र प्रसाद मिश्र
प्रधानाचार्यों की सूची
- लक्ष्मी नारायण चतुर्वेदी (1945-1982)
- रामरूप दास (1982-1984)
- राम औतार अग्निहोत्री (1984-1991)
- गोविन्द दास (1991-1992)
- राम कुमार दास (1992-2002)
- राम औतार अग्निहोत्री (2002-2010)
- वेद नारायण पाण्डेय (2010-जून 2015) [४]
- अरुण कुमार त्रिपाठी (जुलाई २०१५ से अबतक )
चित्र वीथी
सन्दर्भ
- ↑ http://kanpurdehat.nic.in/election/OIC_OfficesKD.pdf स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
2015}}