श्रीरंगम गोपलारत्नम
श्रीरंगम गोपालरत्नम(1939 - 16 मार्च 1993) एक तेलुगु गायक है। वह कुचिपुड़ी, यक्षगान, जवाली और येनकी पटलु के प्रचार में प्रतिष्ठित है। उनका जन्म वरदाचारी और सुभद्रम्मा विजयनगरम जिले के पुष्पगिरी में हुआ था। उन्होंने कविरायरायन जोगा राव और डॉ श्रीपदा पिनकापानी के तहत संगीत का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने 1956 में संगीत में डिप्लोमा किया था। उन्होंने हरिकथा को बाल कौतुक के रूप में दिया। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के भक्ति रंजनी कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लिया था। वह धुन अन्नमाचार्य की रचनाओं के लिए तय की गई थी । उन्होंने आर्टिस्ट, ऑल इंडिया रेडियो, गवर्नमेंट म्यूज़िक कॉलेज, हैदराबाद के प्रिंसिपल, प्रोफेसर और डीन तेलुगु यूनिवर्सिटी के रूप में पद संभाले हैं। उन्होंने 1979 और 1980 के बीच महाराजा गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ म्यूज़िक एंड डांस, विजयनगरम की प्रिंसिपल के रूप में काम किया है। श्रीरंगम के प्रसिद्ध कन्नड़ फिल्म का गीत कृष्णण कोयलिना करे फिल्म 'सुभाषशास्त्री' (1966) पूरे 5 दशक बाद भी पूरे कर्नाटक में लोकप्रिय है।
पुरस्कार
- 1992 में उन्हें राष्ट्रपति पद पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[१]
- वह अस्थाना विदुषी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम थी ।
- उनके शिष्यों ने कार्नाटिक गायक याद्या और कई अन्य लोगों को बुलाया।