श्रीधर या मुरलीधर(रीतिग्रंथकार कवि)
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
रीतिकाल के रीतिग्रंथकार कवि हैं।
- रीति काल को श्रंगार काल भी कहा जाता है क्योंकि इस काल में श्रंगार रस की प्रधानता रही थी|