श्रीत्रिपुराम्बाशाम्भवीमहाप्रपत्ति
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (मई 2019) साँचा:find sources mainspace |
श्रीत्रिपुराम्बाशाम्भवीमहाप्रपत्ति देवी त्रिपुरसुन्दरी एवं श्री विद्या की उपासना से सम्बन्धित एक संस्कृत लघुकाव्य है। त्रिपुरसुन्दरी को परा शक्ति, ललिता, पराम्बा, श्रीदेवी आदि के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में श्रीविद्या की उपासना भोग और मोक्ष दोनों को देने वाली मानी जाती है। यह सात्विक मार्ग की प्रधानता वाला शाक्त सम्प्रदाय है।
स्रोत
श्रीत्रिपुराम्बाशाम्भवीमहाप्रपत्ति पचास श्लोकों में निबद्ध एक स्तुतिपरक रचना है जिसके रचयिता श्रीमन्महामहिम विद्यामार्तण्ड श्रीभागवतानंद गुरु माने गए हैं। इसमें मुख्यतः वसन्ततिलका नामक वर्णिक छंद का प्रयोग हुआ है जिसके चार चरण होते हैं एवं प्रत्येक चरण में चौदह वर्ण होते हैं। प्रथम, द्वितीय एवं अंतिम श्लोक को शार्दूलविक्रीडित छंद में लिखा गया है जिसके प्रत्येक चरण में उन्नीस वर्ण होते हैं। इसे तिमिरहरणतन्त्र से उद्धृत किया गया है।
विषय
इस लघु काव्य में पराम्बा देवी की स्तुति का महत्व बताया गया है तथा अन्य देवताओं की अपेक्षा उनकी श्रेष्ठता का महत्व भी वर्णित है। इसमें श्री चक्र सम्बन्धी कुछ रहस्यों को भी प्रकाशित किया गया है तथा उसमें स्थित देवशक्तियों का भी उल्लेख है। इसमें त्रिपुरसुन्दरी को ही इस संसार की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश का कारण बताते हुए सभी ऊर्जाओं के मूल स्रोत के रूप में प्रतिपादित किया गया है। इसमें प्रकृति एवं पुरुष के मध्य एकता को सिद्ध करते हुए देवी की स्तुति की गई है।
गुण, जिसमें सत्त्व, रजस् एवं तमस् सम्मिलित हैं, उन्हें भी आगम ग्रंथों में त्रिपुर कहा गया है। उनका स्रोत होने से श्रीदेवी को त्रिपुराम्बा कहा जाता है। शैव दर्शन एवं शाक्त मतावलंबियों के अनुसार देवी को शाम्भवी भी कहते हैं। उनके प्रति अनन्य भक्ति और पूर्ण निष्ठा से शरणागति की प्रक्रिया को महाप्रपत्ति समझा जाता है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- श्रीत्रिपुराम्बाशाम्भवीमहाप्रपत्तिः (संस्कृत विकिस्रोत)
- [Shri Tripuramba Shambhavi Maha Prapatti https://archive.org/details/wg597/mode/2up श्रीत्रिपुराम्बाशाम्भवीमहाप्रपत्तिः] (सम्स्कृत पाठ एवं हिन्दी व्याख्या सहित)