शुभ सुख चैन

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शुभ सुख चैन, आजाद हिन्द फौज का राष्ट्र गान था। यह हिन्दी या हिन्दुस्तानी में है। यह गान रवीन्द्र नाथ ठाकुर द्वारा रचित 'भारत भाग्य बिधाता' नामक बांग्ला कविता पर आधारित था। जब १९४३ में सुभाष चन्द्र बोस, जर्मनी से हटकर दक्षिणपूर्व एशिया में आ गए तब मुमताज हुसैन और आबिद हसन सफरानी के साथ मिलकर यह गान रचा।

गान

शुभ सुख चैन की बरखा बरसे , भारत भाग है जागा
पंजाब, सिन्ध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा
चंचल सागर, विन्ध्य, हिमालय, नीला जमुना गंगा
तेरे नित गुण गाएँ, तुझसे जीवन पाएँ
हर तन पाए आशा।
सूरज बन कर जग पर चमके, भारत नाम सुभागा,
जय हो! जय हो! जय हो! जय जय जय जय हो!॥


सब के दिल में प्रीत बसाए, तेरी मीठी बाणी
हर सूबे के रहने वाले, हर मज़हब के प्राणी
सब भेद और फ़र्क मिटा के, सब गोद में तेरी आके,
गूँथें प्रेम की माला।
सूरज बन कर जग पर चमके, भारत नाम सुभागा,
जय हो! जय हो! जय हो! जय जय जय जय हो!॥


शुभ सवेरे पंख पखेरे, तेरे ही गुण गाएँ,
बास भरी भरपूर हवाएँ, जीवन में रूत लाएँ,
सब मिल कर हिन्द पुकारे, जय आज़ाद हिन्द के नारे।
प्यारा देश हमारा।
सूरज बन कर जग पर चमके, भारत नाम सुभागा,
जय हो! जय हो! जय हो! जय जय जय जय हो!॥

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें