शासनप्रमुख

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शासनप्रमुख, शासनाध्यक्ष या सरकारप्रमुख, एक जातिवाचक शब्द है, जिसका उपयोग, किसी संप्रभु राज्य (जिसे सामान्यतः "देश" कहा जाता है) की कार्यकारी शाखा के प्रमुख अथवा उसके उपाधिकारी के लिए किया जाता है। व्यावहारिक तौरपर, सरकरप्रमुख, किसी देश, संघाधीन राज्य या स्वशासित क्षेत्र की सरकार के मुखिया, अर्थात् कार्यपालिका के प्रमुख को कहा जाता है, अमूमन जिसके निर्देशानुसार सरकार कार्य करती है। यह पद राष्ट्रप्रमुख के पद से भिन्न होता है, जोकि किसी देश का वैधिक प्रमुख होता है, हालाँकि कई देशों में, विशेष तौरपर अध्यक्षीय प्रणालियों और तानाशाहियों में, राष्ट्रप्रमुख तथा शासनप्रमुख, का कार्यभार, एक ही पदाधिकारी के ऊपर होता है। तथा कई देशों में इन दोनों पदों को पूणतः विभक्त रखा जाता है, जबकि कुछ प्रणालियों में शासनप्रमुख के कुछ शक्तियों और कार्यभार को राष्ट्रप्रमुख के विवेकाधीन रखा गया है। शासनप्रमुख की शक्तियाँ, अधिकार, नियुक्ति-प्रक्रिया और सरकार के अन्य अंगों से संबंध, विभिन्न देशों में, शासन-प्रणाली और प्रशासनिक संरचना, विधि-विधान और ऐतिहासिक परंपरा के आधार पर, भिन्न होती हैं। अमूमन, शासनप्रमुखगण, कैबिनेट, मंत्रिपरिषद अथवा सचिवगण के परिषद् के प्रमुख होते हैं, जिनपर सरकार के विभिन्न विभागों का कार्यभार होता है। शासनप्रमुखगण पर विएना संविधि द्वारा विशेष राजनयिक प्रतिरक्षा भी निहित होती है।

अधिकांश संसदीय गणराज्यों में, और विशेषतः, वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली से प्रभावित व्यवस्थाओं में, शासनप्रमुख और राष्ट्रप्रमुख के पदों और अधिकारों को पूणतः विभक्त रखा जाता है, और शासनप्रमुख को आम तौरपर "प्रधानमंत्री" कहा जाता है। वहीँ, अध्यक्षीय गणराज्यों में राष्ट्रप्रमुख तथा शासनप्रमुख, दोनों का कार्यभार एक ही व्यक्ति को दिया जाता है, जिसे "राष्ट्रपति" कहा जाता है। कुछ गणराज्यों में, राष्ट्रपति के अधीन एक अतिरिक्त पदाधिकारी होता है, तथा कार्यकारी शक्तियां दोनों पर विभिन्न मात्रा में निहित होती है। इन्हें अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली कहा जाता है। ऐसी व्यवस्था श्रीलंका और फ्रांस में देखि जा सकती है। वर्त्तमान समय में अधिकांश राजतंत्र, वेस्ट्मिन्स्टर व्यवस्था (या उसके सामानांतर व्यवस्था) का पालन करती हैं, परंतु सऊदी अरब, वैटिकन सिटी, संयुक्त अरब अमीरात, इत्यादि तथा पूर्वतः अधिकांश निरंकुश राजतंत्रों में शासनप्रमुख के तौरपर एक "प्रधानमंत्री" अथवा उसी के सामान एक अधिकारी को शासन सँभालने हेतु नियुक्त तो किया जाता है, परंतु उसे शासक द्वारा कभी भी इच्छानुसार पद से हटाया जा सकता है, अतः वह पूर्णतः शासक के नियंत्रण में कार्य करता है।

विभिन्न राजनैतिक पद्यति

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

  • Jean Blondel & Ferdinand Muller-Rommel Cabinets in Western Europe (ISBN 0-333-46209-2)
  • WorldStatesmen (click on each country)