शक्तिमान

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शक्तिमान
लिखित ब्रिज मोहन पांडे
निर्देशित दिनकर जानी
अभिनय मुकेश खन्ना
वैष्णवी महन्त
किटू गिडवानी
सुरेन्द्र पाल
टॉम ऑल्टर
शीर्षक गीत शक्तिमान
मूल देश भारत
भाषा(एं) हिंदी
अंक संख्या 400 से अधिक[१]
निर्माण
निर्माता मुकेश खन्ना
संपादक नासिर हकिम अन्सारी
सिनेमैटोग्राफी मनोज सोनी
प्रसारण
मूल चैनल दूरदर्शन
मूल प्रसारण १३ सितंबर १९९७ – मार्च २००५[१]
शक्तिमान की भूमिका निभाने वाले अभिनेता मुकेश खन्ना

शक्तिमान (साँचा:lang-en) एक भारतीय काल्पनिक सुपरहीरो पर आधारित टेलिविज़न धारावाहिक है। इसे प्रस्तुत मुकेश खन्ना तथा निर्देशित दिनकर जानी ने किया। इसके 400 से अधिक एपिसोड दूरदर्शन नेशनल पर दिखाए गए और एक बार फिर से इस प्रसिद्ध प्रोग्राम का प्रसारण प्रसार भारती ने दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर शुरू किया है, जो 2 अप्रैल 2020 से शाम 8 बजे से किया जा रहा है।[२]

कहानी

कहानी के क्रम के अनुसार कई हजार साल पहले कुछ संतों को, जो अपने आप को सूर्यवंशी कहते थे, को कुंडलिनी शक्तियों का पता चलता है। धीरे धीरे वे लोग अपने शिष्यों को इसकी शिक्षा देते आ रहे थे। इसी तरह एक शिष्य, श्री सत्य (मुकेश खन्ना) से उसके गुरु काफी खुश होते हैं और उसे अपनी और से आगे की शिक्षा भी देने लगते हैं गुरु उसे शरीर छोड़ कर जाने की कला सिखाते हैं। ये बात किसी तरह वज्रबाहू को पता चल जाती है और वो भी ये सब छुप कर देखता रहता है। उसके गुरु एक दिन उसे शक्तिपुंज के बारे में भी बताते हैं, जिसमें काफी शक्ति होती है। एक रात जब गुरु अपना शरीर छोड़ कर विश्व भ्रमण कर रहे होते है तभी वज्रबाहू अपना शरीर छोड़ कर उनके शरीर पर कब्जा कर लेता है और अपना शरीर आग में नष्ट कर देता है। उसके बाद किसी तरह शक्तिपुंज को चुराने की कोशिश करता है, पर श्री सत्य उसे ऐसा करने से रोकने की कोशिश करता है और इसी के चलते शक्तिपुंज के दो टुकड़े हो जाते हैं। एक टुकड़ा वज्रबाहू (किलविश) को मिलता है, वो उसे लेकर भाग जाता है।

वर्तमान से कुछ साल पहले

मेजर रंजीत सिंह (मुकेश खन्ना) अपनी बीवी और छोटे बच्चे के साथ जंगल में डेरा जमाए रहता है। उसे और उसके फौजी साथियों को न दिखने वाले दुश्मनों का पता चलता है। उससे मेजर रंजीत और उसकी बीवी काफी घायल हो जाते हैं और अपने बच्चे की जान बचाने के लिए उसे अपने से दूर कर लेते हैं। वो बच्चा बाद में किसी संत को मिलता है, जो उसे लेकर अपने आश्रम ले आता है। उसका नाम गंगाधर रखा जाता है। वहीं उसे शिक्षा मिलती है और बाद में वो 7 चक्र जागृत करने में भी सफल हो जाता है और बाद में पता चलता है कि उसे पाप के अंत के लिए चुना गया है। पाँच तत्वों की शक्तियों को उसके शरीर से मिलाया जाता है और वो कई सारी शक्तियों के साथ एक शक्तिशाली इंसान बन जाता है।

वर्तमान

पंडित गंगाधर विद्याधर मायाधर ओमकारनाथ शास्त्री अपने आश्रम के जीवन को छोड़ कर शहर में आ जाता है। शहर में आने के बाद वो अपनी शक्तियों से लोगों को बचाने का काम शुरू कर देता है और साथ ही नौकरी के लिए "आज की आवाज" नाम के अखबार को चुनता है और वहीं फॉटोग्राफर की नौकरी करने लगता है। वहाँ उसकी मुलाक़ात गीता से होती है। गीता उसे पहचान नहीं पाती पर उसे लोगों को बचाते हुए देख कर उसका नाम शक्तिमान रख लेती है।

शक्तिमान लोगों की जान बचाने का काम जारी रखता है और किलविश और उसके साथ देने वालों से लड़ते रहता है। धीरे धीरे गीता को शक्तिमान से प्यार हो जाता है और उसे बीच बीच में गंगाधर पर शक भी होता रहता है कि कहीं वो शक्तिमान तो नहीं है, पर बाद में शक हट भी जाता है। हालांकि बाद में उसे पता चल ही जाता है कि गंगाधर ही शक्तिमान है, और शक्तिमान को भी एहसास होता है कि वो गीता से प्यार करने लगा है। किलविश के कारण गीता की मौत हो जाती है, पर शक्तिमान उसे वापस जीवित कर देता है और इस कारण उसके गुरु उसकी सारी शक्ति ले लेते हैं। पर बाद में वे लोग उसे शक्ति वापस भी कर देते हैं।

मेयर रंजन को पता चलता है कि शक्तिमान किसी मरे हुए को जीवित करेगा तो उसकी सारी शक्ति चले जाएगी, इस कारण वो गीता को एक अलग तरीके के जहर से मार देता है। पर शक्तिमान को पता चलता है कि गीता अभी मरी नहीं है, और वो उस जहर का उपाय ढूंढ लेता है और गीता को बचा लेता है। इसके बाद मेयर रंजन कई अलग अलग तरीकों से शक्तिमान को मारने की कोशिश करते रहता है। शक्तिमान को बाद में अपने, अपने पिता और श्री सत्य आदि के बारे में भी बहुत सी जानकारी ज्ञात होती है।

कलाकार

सन्दर्भ

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