शंकर नाग
शंकर नाग | |
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जन्म | होन्नावर, कर्नाटक |
कार्यकाल | 1977 से 1990 तक |
ऊंचाई | 5'11" |
जीवनसाथी | अरुंधती नाग |
बच्चे | काव्या |
माता-पिता |
सदानंद नागरकट्टे आनंदी |
संबंधी | अनंत नाग (भाई) |
वेबसाइट http://www.shankarnag.in/ |
शंकर नाग (साँचा:lang-kn) (9 नवम्बर 1954 - 30 सितम्बर 1990) जिनका वास्तविक नाम शंकर नागरकट्टे (ಶಂಕರ್ ನಾಗರಕಟ್ಟೆ) था, एवं उनके बड़े भाई अनंत नाग (ಅನಂತ್ ನಾಗ್) कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्द कलाकार एवं निर्देशक थे। उन्होंने प्रसिद्द उपन्यासकार आर. के। नारायण (ಆರ್.ಕೆ.ನಾರಾಯನ್) की लघुकथाओं पर आधारित टेलीविजन धारावाहिक मालगुडी डेज़ (ಮಾಲ್ಗುಡಿ ಡೇಸ್) में भी निर्देशन एवं अभिनय किया था। इन के अलावा, वह सक्रिय रूप से कन्नड़ थिएटर गतिविधियों में भी शामिल थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मराठी फिल्म "22 जून 1897" में सह-लेखन किया था।
प्रारंभिक कैरियर
शंकर नाग का जन्म 9 नवम्बर 1954 को कर्नाटक में हुआ था (जन्मस्थल उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर तालुक के मल्लपुर ग्राम (कुमटा के निकट) में)। औपचारिक शिक्षा पूरी करने के बाद, शंकर मुंबई चले गए। मुंबई में वह मराठी थिएटर की ओर आकर्षित हो गए और वे नाटकीय गतिविधियों में पूरी तरह शामिल हो गए। संयोग से एक नाटक के पूर्वाभ्यास के दौरान ही उनकी मुलकात अपनी भावी-पत्नी अरुंधती (ಅರುಂಧತಿ) से हुई।
इसके बाद शंकर नाग कर्नाटक आ गए। उनके बड़े भाई अनंत नाग पहले ही अपने आप को एक कलाकार के रूप में स्थापित कर चुके थे और उन्होंने शंकर को अपनी फिल्मों में काम करने को कहा. उन्हें गिरीश कर्नाड द्वारा कालजयी फिल्म ओन्दानोंदु कालादल्ली (Ondanondu Kaladalli) में भाड़े के सैनिक की भूमिका का प्रस्ताव मिला जो कि बहुत कुछ अकीरा कुरोसावा (Akira Kurosawa) की श्रेष्ठ कृति सेवेन समुराई पर आधारित थी। कलाकार के रूप में उनकी पहली फिल्म को दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इस प्रकार से उनका फ़िल्मी कैरियर प्रारंभ हो गया जिसके दौरान 12 वर्षों में ही (1978 से 1990) उन्होंने लगभग 90 कन्नड़ फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई, इसके अतिरिक्त (अपने भाई अनंत नाग के साथ ) "मिन्चिना ओटा" (चोरी की कन्नड़ फिल्म का एक दुर्लभ उदाहरण), "जन्म जन्मदा अनुबंध" एवं "गीता" (इन दोनों ही का संगीत दक्षिण भारतीय संगीतज्ञ इलयाराजा द्वारा दिया गया) जैसी फिल्मों का का सह-निर्माण एवं निर्देशन किया।
बाद के दिन
व्यावसायिक फिल्म निर्माताओं ने शंकर नाग की प्रतिभा को पहचाना और उन्होंने खालिस मसाला फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। अपने दाढ़ी ना बनाये चेहरे, सुस्पष्ट अकड़, काली आखों और एक रूखी आवाज़ के साथ शंकर एक गैर परंपरागत हीरो दिखते थे। हालांकि उन्होंने कभी मार्शल आर्ट नहीं सीखी फिर भी उन्होंने कराटे किंग की उपाधि अर्जित कर ली। उनकी लोकप्रिय फिल्मों में ऑटो राजा, गीता, एस पी संगलियाना एवं मिन्चिना ओटा जैसी फ़िल्में शामिल हैं।
1980 में जनता पार्टी के साथ भी जुड़ गए।
निर्देशक के रूप में पहली फिल्म
शंकर ने मिन्चिना ओटा के साथ फिल्म निर्देशन शुरू किया। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित सात राज्य पुरस्कार जीते। और फिर उनके द्वारा निर्देशित फिल्मों की एक श्रृंखला सी आ गयी। जन्म जन्मदा अनुबंध, गीता, एक्सीडेंट (जिसने कई राज्य एवं राष्ट्रीय पुरस्कार जीते), ओंडू मुत्तीना कथे (इसमें डॉ॰ राजकुमार मुख्य भूमिका में थे) आदि इसी श्रृंखला की फ़िल्में थीं।
मालगुडी डेज़
शंकर के लिए सिनेमा ही रचनात्मकता की सीमा नहीं थी। वे थिएटर और टेलीविजन में भी उतना ही डूबे थे। मालगुडी डेज़ टीवी पर शंकर की कृति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। भूमंडलीकरण से पहले, दूरदर्शन भारत का एकमात्र प्रसारक था। स्वयं कार्यक्रमों का निर्माण करने के अतिरिक्त दूरदर्शन निजी निर्माताओं को भी टीवी धारावाहिकों का निर्माण करने के लिए आमंत्रित करता था। शंकर ने पद्म राग फिल्म्स के बैनर तले आर. के. नारायण की लघु कथा संग्रह पर आधारित मालगुडी डेज़ के निर्देशन का प्रस्ताव स्वीकार किया। इस धारावाहिक में प्रसिद्द अभिनेता विष्णुवर्धन एवं अनंत नाग भी दिखाई दिए। मास्टर मंजूनाथ, जिसने शरारती स्वामी की भूमिका निभाई, एक प्रचलित नाम बन गया।
इसका संगीत एवं नाक से निकली गयी आवाज़ "तानाना ताना ना ना" की रचना एल. वैद्यनाथन ने की। इस धारावाहिक की शूटिंग अगुम्बे, जिला शिमोगा, कर्नाटक में की गयी। शंकर ने उसी वर्ष स्वामी नाम का दूसरे धारावाहिक का निर्देशन प्रारंभ कर दिया। मालगुडी डेज़ को भारतीय टेलीविजन के इतिहास में दर्ज बेहतरीन धारावाहिकों में से एक का दर्ज़ा दिया जाता है।
यह उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक दिनों में उन्होंने डीडी 1-कन्नड़ पर परिचय नामक कार्यक्रम के प्रस्तोता के रूप में भी कार्य किया था।
एक व्यस्त स्टार होते हुए भी शंकर ने रंगमंच के लिए हमेशा समय निकाला. यह लगभग उनकी दूसरी प्रवत्ति थी। वास्तव में उन्होंने कन्नड़ अप्रवीण रंगमंच को एक प्रकार की व्यावसायिक व्यावहारिकता दिलवाई. उन्होंने अपनी पत्नी के साथ संकेत नाम के एक अप्रवीण रंगमंच समूह की स्थापना की जो अभी तक नाटकों का निर्माण करता है। कन्नड़ में उनका प्रथम निर्देशकीय प्रयास गिरीश कर्नाड कृत अंजू मल्लीगे था। उन्होंने बैरिस्टर, संध्या छाया जैसी अन्य प्रस्तुतियों का निर्माण जारी रखा। कुछ समय के लिए टी एन नरसिम्हन भी उनसे जुड़ गए जो नोडी स्वामी नाविरोधू हीगे के लेखक एवं सह-निर्देशक थे और जिसमें स्वयं उनके अलावा उनकी पत्नी अरुंधती नाग तथा रमेश भट ने भी भूमिका निभाई. इन दोनों ने आटा बोम्बट का निर्देशन भी किया। शंकर की अंतिम रचना थी नाग मंडला, जो की गिरीश कर्नाड का एक नाटक था। उन्होंने सुरेन्द्र नाथ के साथ भी सह-निर्देशन किया था।
मृत्यु
शंकर नाग की मृत्यु दावनगेरे क़स्बे के निकट ग्राम अनागोडू में एक कार दुर्घटना में 30 सितम्बर 1990 की सुबह हुई जब वे अपनी पत्नी अरुंधती नाग एवं पुत्री काव्या के साथ फिल्म जोकुमारास्वामी की शूटिंग के लिए धारवाड़ जा रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद, कन्नड़ फिल्म उद्योग वास्तव में गिरावट की खाई में चला गया।
शंकर नाग अपने पीछे कई अधूरी परियोजनाएं छोड़ गए जैसे बंगलुरु के पास अपने फार्म में कंट्री क्लब, नंदी हिल्स के लिए रोपवे तथा कम कीमत की भवन निर्माण योजना. हालांकि वे रामकृष्ण हेगड़े के प्रशंसक थे परन्तु वे स्वयं राजनीति में अधिक सक्रिय नहीं थे। लेकिन उनके पास बंगलुरु के लिए एक बड़ा स्वप्न था। अपनी असामयिक मृत्यु से पहले 1990 में उन्होंने बंगलुरु शहर के लिए मेट्रो का प्रस्ताव रखा जैसा कि उन्होंने लन्दन में देखा था। उन्होंने संकेत इलेक्ट्रोनिक्स के नाम से कर्नाटक का प्रथम इलेक्ट्रोनिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो प्रारंभ किया।
प्रवृत फ़िल्मों की सूची
एक निर्देशक के रूप में
- मिन्चिना ओटा 1980
- जन्म जन्मदा अनुबंध - 1980
- गीता - 1980
- नोडी स्वामी नाविरोडू हिगे - 1983
- लालच - 1983
- ऐक्सिडन्ट (1985 फ़िल्म)
- स्वामी (टीवी श्रृंखला) - 1989
- ओंडू मुत्तिना कथे - 1987
- मालगुडी डेज़ (टीवी श्रृंखला) - 1987
- होसा टीर्पू
एक अभिनेता के रूप में
rowspan="5"| 1982 || बेंकि चेंदु || कन्नड़ || ||वर्ष | फिल्म | भाषा | भूमिका | नोट्स |
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1978 | ओंडानोंडू कालादल्ली | कन्नड़ | गांडूगली | |
1979 | आई लव यू | कन्नड़ | नकारात्मक रूप के साथ | |
सीतारामू | कन्नड़ | |||
1980 | मूगना सेदु | कन्नड़ | ||
हदीना कन्नू | कन्नड़ | |||
प्रीति मदु तमाशे नोदु | कन्नड़ | |||
ओंडू हेन्नु आरू कन्नू | कन्नड़ | |||
रुस्तम जोड़ी | कन्नड़ | |||
जन्मा जन्मदा अनुबंध | कन्नड़ | अनंत नाग के साथ स्वयं निर्देशित | ||
1981 | थायिया मादीलल्ली | कन्नड़ | ||
महा प्रचंदरू | कन्नड़ | |||
कारी नाग | कन्नड़ | |||
मिन्चिना ओटा | कन्नड़ | कटते | स्वयं द्वारा निर्देशित | |
हना बालवो जाना बालवो | कन्नड़ | |||
मुनियाना मादरी | कन्नड़ | |||
जीवक्के जीवा | कन्नड़ | अनंत नाग के साथ | ||
गीता | कन्नड़ | |||
भरी बर्जरी बेटे | कन्नड़ | |||
न्याय एलाइड | कन्नड़ | |||
कार्मिक कल्लानल्ला | कन्नड़ | विष्णुवर्धन के साथ | ||
ऑटो राजा | कन्नड़ | |||
अर्चना | कन्नड़ | |||
1983 | नोदी स्वामी नाविरोदु हिगे | कन्नड़ | ||
रक्ता तिलका | कन्नड़ | |||
चंडी चामुण्डी | कन्नड़ | |||
नाग बेकम्मा नागबेकू | कन्नड़ | |||
गेददा मागा | कन्नड़ | |||
1984 | गन्दा भेरुंडा | कन्नड़ | अम्बरीश के साथ | |
उत्सव | हिंदी | सज्जल, एक चोर | ||
अपूर्व संगम | कन्नड़ | डॉ॰ राजकुमार के साथ | ||
बेंकि बिरुगली | कन्नड़ | विष्णुवर्धन के साथ | ||
थालिय भाग्य | कन्नड़ | |||
आशा किरण | कन्नड़ | |||
1985 | मानव दानव | कन्नड़ | ||
परमेशी प्रेम प्रसंगा | कन्नड़ | |||
थायिया कनसु | कन्नड़ | |||
ऐक्सिडन्ट | कन्नड़ | |||
1986 | ना निन्ना प्रीतिसुव | कन्नड़ | ||
रास्ते राजा | कन्नड़ | |||
1987 | अंतिम घट्टा | कन्नड़ | ||
दिगविजय | कन्नड़ | अम्बरीश और श्रीनाथ के साथ | ||
ई (Ee) बंदा अनुबंध | कन्नड़ | |||
लोरी ड्राइवर | कन्नड़ | |||
हुली हेबुल्ली | कन्नड़ | |||
थाई | कन्नड़ | |||
1988 | एसपी (SP) सांगलियाना | कन्नड़ | सांगलियाना | अम्बरीश के साथ |
मिथेलेया सीथेयारू | कन्नड़ | |||
1989 | अन्थिन्था गांडू नन्नल्ला | कन्नड़ | अम्बरीश के साथ | |
थरका | कन्नड़ | |||
सीबीआई (CBI) शंकर | कन्नड़ | |||
1990 | रामराज्यदल्ली रक्षासरू | कन्नड़ | ||
महेश्वर | कन्नड़ | दिनेशबाबू द्वारा निर्देशित | ||
एसपी (SP) सांगलियाना II | कन्नड़ | सांगलियाना | ||
निघूदा रहस्य | कन्नड़ | अंतिम फिल्म | ||
होसा जीवन | कन्नड़ | |||
1991 | पुंडा प्रचंड | कन्नड़ | रमेश अरविंद के साथ | |
सुन्दर कांडा | कन्नड़ | निदेशक के। वी. राजू के साथ | ||
नागिनी | कन्नड़ | |||
1993 | कन्नड़ | रामकृष्ण के साथ | ||
अज्ञात | जयाभेरी | कन्नड़ | अम्बरीश के साथ | |
अज्ञात | हल्लिया सुरसुरारू | कन्नड़ |
एक लेखक के रूप में
- 22 जून 1897, मराठी
सन्दर्भ
- https://web.archive.org/web/20110524202745/http://www.ourkarnataka.com/Articles/sreesha/shankarnag.htm
- https://web.archive.org/web/20101112005651/http://www.viggy.com/english/current_rangashankara.asp