व्यवस्थात्मक जोखिम (वित्त)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

व्यवस्थात्मक जोखिम वित्त की अवधारणा है जिसका अर्थ है ऐसा जोखिम जो कि संपूर्ण व्यवस्था में ही व्याप्त हो तथा विशाखन (विभिन्न विकल्पों में निवेश) करने से भी उससे बचा नहीं जा सकता।[१] ब्याज दरें, मंदी, युद्ध आदि एसे जोखिमों के कुछ उदाहरण हैं। साँचा:asbox

सन्दर्भ