विग्रहराज चौहान
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जनवरी 2020) साँचा:find sources mainspace |
सम्राट विग्रहराज चौहान या विग्रहराज चतुर्थ (1153-1163 ई) के एक हिन्दू राजपूत सम्राट थे जिन्होने भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में शासन किया। उन्होने अपने पड़ोसी राजाओं को जीतकर राज्य को एक साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया। इन्हें गजनाबियो और हगौरीयो का नाशक कहा जाता है, इन्होंने सफलतापूर्वक उन्हें अपने शासन क्षेत्र में घुसने नहीं दिया। इन राजा के राज्य में वर्तमान राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के क्षेत्र सम्मिलित थे। उनकी राजधानी अजयमेरु (वर्तमान अजमेर) थी जहाँ उन्होने अनेकों भवनों का निर्माण कराया। जब अजमेर पर मुसलमान शासकों का आधिपत्य हो गया तो उनमें से अधिकांश भवनों को या तो नष्ट कर दिया गया या उन्हें 'इस्लामी भवनों' में परिवर्तित कर दिया गया। इन्हीं में से वीसलदेव द्वारा निर्मित सरस्वतीकण्ठाभरणविद्यापीठ था जो संस्कृत अध्ययन का केन्द्र था। इसे बदलकर 'अढाई दिन का झोपड़ा' नामक मस्जिद बना दी गयी। विग्रहराज जी को 'बिसल देव' उपनाम से बेहतर जाना जाता था। [१]
इन्हें भी देखें
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।