वीर लोरिक पत्थर

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साँचा:asbox वीर लोरिक पत्थर, जिसे अंग्रेजी मे(Veer Lorik Stone) के नाम से भी जाना जाता है , उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के मार्कुंडी हिल पर रॉबर्ट्सगंज से लगभग 5 किमी दूर स्थित है । यह लोरिक और मंजरी के प्रेम और बहादुरी का प्रतीक है, जो स्थानीय लोकगीत 'लोरिकी' के मुख्य पात्र हैं। लोक कथा के अनुसार, वीर लोरिक ने अपने सच्चे प्यार के सबूत के रूप में, एक ही झटके में, अपनी तलवार का उपयोग करते हुए इस पत्थर को काट दिया था। कई लोक गीत, देशी लोकगीतकारों द्वारा गाए गए, लोरिकी पर आधारित हैं| मंजरी ने वीर लोरिक से शर्त के रुप मे पत्थर काटने को कहा था । पहली बार मे पत्थर कट कर नीचे गिर गया, जिसे मंजरी ने नही माना और दूसरी बार काटने को कहा, तब लोरिक ने अपने बिजुरिया नामक तलवार से पत्थर को एक ही वार मे ऐसा काटा कि पत्थर दो टुकड़ो मे कट कर खड़ा रह गया।

महत्व

गोवर्धन पूजा , एक हिंदू त्योहार है, जो हर साल यहां मनाया जाता है।

संदर्भ