वीर मेघमाया

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वीर मेघमाया गुजरात के पाटण स्थित सरोवर मे पानी आये इसके लिये अपना बलिदान दिया था। गुजरात के धोलका गांव के अपने माता पिता के एक मात्र पुत्र थे ।वीर मेघमाया गुजरात राज्य के धोलका तहेसील के रनोडा गाँव में 12वीं सदी में जन्म हुआ था, तब गुजरात का पाटनगर पाटण था।12 वीं सदी में पाटन राज्य का राजा सिध्धराज सोलंकी था। धोलका गांव सोलंकी वंश के साम्राज्य का एक छोटा गांव था । सिद्धराज सोलंकी के राज मे प्रजा को पीने की पानी की काफी दिक्कते हुआ करती थी, उस समय पाटन राज्य में लगातार तिन साल से बारिश नही हो रही थी। पूरा पाटन पानी सेे तरस रहा था। इस बात से व्यथित होकर महाराज सिद्धराज जयसिंह ने अपनी राजधानी अणहिलपुर पाटण मे एक बडा सरोवर बनाने की इच्छा बनाइ। बडा सरोवर बनाने की मंशा से सिद्धराज जयसिंह ने अपनी राज्य सभा मे अपनी बात को रख्खा जिसे मंत्रीमंडल ने पारित कर दिया। प्रस्ताव के पारित होने के बाद सिद्धराज जयसिंह ने मजदूरो को बुलाकर यह सरोवर बनाने की कारवाइ शुरु की। नये बनने वाले सरोवर का नाम सहस्त्रलिंग सरोवर रखा। उस सरोवर में पानी नही आने की वजह से वीर मेघमाया ने अपना बलिदान दिया।

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