विवाह और स्वास्थ्य

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विवाह और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हैं।[१] वैवाहित लोग कम ही रोग और मृत्यु को न्यौता देने वाली परिथितियों को झेलते हैं जैसे कि कैंसर, हृदय रोग और शल्यचिकित्सा[२] इस बात में लैंगिक भिन्नता है कि यह परिवर्तन कैसे संभव हो रहे हैं, जिसके कारण पुरुषों और महिलाओं के परस्पर संबंधित स्थान हो सकते हैं।[३] विवाह और स्वास्थ्य पर अधिकांश शोध इतरलैंगिक जोड़ों पर आधारित हैं और इस बात के लिए अधिक कार्य की आवश्यकता है कि उभयलिंगी विवाह पर स्वास्थ्य प्रभाव कैसा होता है[१]। केवल वैवाहित होना और किसी व्यक्ति के विवाह की गुणवत्ता स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं से जोड़कर देखी गई है। शोध के दौरान सामाजिक-संज्ञानात्मक, भावनात्मक, स्वभावजन्य और जीव-विज्ञान संबंधी प्रक्रियाओं का अध्ययन किया गया है।

अन्य सम्बंधों की तुलना में

विवाह के अलावा सामाजिक सम्बंध विस्तृत रूप से स्वास्थ्य पर शक्तिशाली प्रभाव डालते हैं। १४८ अध्ययनों के विस्तृत विश्लेषण से पता चला है कि ऐसे लोग जिनके सामाजिक सम्बंध शक्तिशाली हैं किसी मृत्यु के कारण पीड़ित होने की सम्भावना ५० प्रतिशत कम रखते हैं। [४] इसके विपरीत अकेलापन ह्रदवाहिनी रोग और अन्य सभी मृत्यु के कारणों से जुड़ा है।[५] इस बात पर शायद ही कोई प्रयास किया गया है कि विवाह के स्वास्थ्य प्रभाव को ग़ैर-रूमानी सम्बंधो के साथ तुलनात्मक अध्ययन किए जाएँ जैसे कि मित्रों और सहकर्मियों के सम्बंधों का अध्ययन किया जाए। [१] फिर भी ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से विवाह अन्य सम्बंधों की तुलना में अधिक प्रभाव डाल सकता है, जिनमें लिव-इन सम्बन्ध भी शामिल हैं: वैवाहित जोड़े विविध गतिविधियों के दौरान अधिक समय बिताते हैं, जैसे कि साथ खाना, घूमना, घर का प्रबंधन, बच्चों की देख-रेख और नींद।[१] जीवन-साथी संसाधनों और निवेश को भी साझा करते हैं जैसे कि साझा वित्तीय प्रबंधन या घर पर मालिकाना अधिकार। अन्य सम्बंधों की तुलना में विवाह की अत्याधिक अंतरनिर्भरता और गहरे समर्थन के साधन के तौर पर काम करता है।[१]

सन्दर्भ