विजयगढ़

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
विजयगढ़ दुर्ग
Vijaygarh Fort
Vijay Garh Fort on the Hill top.jpg
पहाड़ पर विजयगढ़
स्थानसोनभद्र ज़िला, उत्तर प्रदेश, भारत
निर्देशांकसाँचा:coord
मरम्मत1040 ई
मरम्मत कर्ताविजय पाल
वास्तुशास्त्रीसाँचा:if empty
साँचा:template other
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 408 पर: Malformed coordinates value।

साँचा:template other

विजयगढ़ दुर्ग (Vijaygarh Fort) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र ज़िले के राबर्ट्सगंज नगर के समीप स्थित एक दुर्ग है। यह खंडहर अवस्था में है और राबर्ट्सगंज से दक्षिणपूर्व में राबर्ट्सगंज-चुर्क सड़क पर खड़ा है।[१][२]

विवरण

विजयगढ़ के दुर्ग में कई प्राचीन मन्दिर और लाल पत्थर के स्तम्भ हैं, जिनपर समुद्रगुप्त के अधीन विष्णुवर्धन का नाम लिखा है। दुर्ग शिलालेखों, गुफा चित्रों, कई मूर्तियों और तालाबों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से चार तालाब दुर्ग के भीतर हैं और कभी नहीं सूखते। दुर्ग के भीतर के क्षेत्रफल से आधे से अधिक भाग कैमूर पर्वतमाला की पहाड़ियों से भरा है। मीरा सागर और राम सागर नामक दो तालों के बीच एक रंग महल नामक महल था जिसमें कई कला मूर्तियाँ थीं और जो राजकुमारी चंद्रकांता का महल माना जाता है। देवकीनन्दन खत्री ने अपने उपन्यास चंद्रकांता में विजयगढ़ किले और राजकुमारी का वर्णनन करा है। हर वर्ष श्रावण के महीने में श्रद्धालु कांवड़ियाँ यात्री राम सागर से जल लेकर शिवद्वार धाम तक की कांवड़ यात्रा करते हैं।

चित्रदीर्घा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975