विकेट-कीपर
क्रिकेट के खेल में विकेट-कीपर (विकेटकीपर के तौर पर भी कहा जाता है और कई बार संक्षेप में कीपर भी कहा जाता है) क्षेत्ररक्षण करने वाले दल का वह खिलाड़ी है जो विकेट या स्टंप्स के पीछे वर्तमान में स्ट्राइक पर मौजूद बल्लेबाज के पीछे खड़ा होता है। क्षेत्ररक्षण करने वाले दल के सदस्यों में सिर्फ विकेट-कीपर को ही अपने पैरों में गार्ड और दस्ताने पहनने की अनुमति होती है।[१]
मुख्य रूप से यह एक विशेषज्ञ की भूमिका है, हालाँकि कभी-कभी उसे गेंदबाजी के लिए भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति में क्षेत्ररक्षण दल के किसी अन्य सदस्य को कुछ समय के लिए विकेट कीपर की भूमिका निभानी पड़ती है। क्रिकेट के नियमों में कीपर की भूमिका नियम 40 से नियंत्रित होती है।[१]
उद्देश्य
कीपर का प्रमुख काम उन गेंदों को पकड़ना होता है, जो बल्लेबाजों के पास से गुजर कर विकेट के पीछे चली आती हैं (जिससे कि रन बनने से रोका जा सके), लेकिन वह विभिन्न तरीकों से बल्लेबाज को आउट करने की भी कोशिश कर सकता है:
- कीपर द्वारा बल्लेबाज को आउट करने का सबसे आम तरीका है बल्ले के किनारे से लग कर आ रही गेंद को जमीन पर गिरने से पहले लपक लेना। कई बार कीपर उन गेंदों को भी लपकने की स्थिति में होते हैं जब उसे बल्लेबाज द्वारा बल्ले से मारकर काफी ऊँचाई पर उड़ा दिया गया हो। किसी अन्य स्थान पर क्षेत्ररक्षण करने वाले खिलाड़ियों के मुकाबले विकेट-कीपर ही सबसे ज्यादा कैच लेते हैं।
- गेंद फेंके जाने के बाद अगर बल्लेबाज अपने क्रीज से बाहर चला जाता है और गेंद विकेट कीपर के पास आ जाती है तो वो स्टंप की गिल्लियां गिराकर बल्लेबाज को स्टंप आउट कर सकता है।
- जब गेंद को दूर मैदान पर मारा जाता है तो कीपर स्टंप्स के नजदीक पहुंच जाता है जिससे कि वह क्षेत्ररक्षक द्वारा फेंकी गई गेंद को लपक सके, साथ ही अगर संभव हो तो बल्लेबाज को रन आउट भी कर सके।
एक कीपर की स्थिति गेंदबाज पर निर्भर करती है: तेज गेंदबाजी हो रही हो तो वह स्टंप्स से थोड़ी दूर पर खड़ा होता है, जिससे कि बल्ले का किनारा लगकर आ रही गेंद को लपकने का उसे समय मिल सके, जबकि धीमी गेंदबाजी के वक्त वह स्टंप्स के काफी नजदीक पहुँच जाता है (इसे स्टैंडिंग अप भी कहा जाता है), जिससे कि बल्लेबाज पर यह दबाव रहे कि वो क्रीज के अंदर ही रहे या फिर स्टंप आउट होने का जोखिम उठाए। कीपर जितना ज्यादा सक्षम होगा, उतनी ही तेज गेंदबाजी को लपकने में वह कामयाब रहेगा, उदाहरण के लिए आपको बता दें कि गॉडफ्रे इवान्स अक्सर एलेक बेडसर के लिए विकेट कीपिंग करते थे। [१]
विकेट-कीपिंग एक विशेषज्ञ काम है और इसके लिए उसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत होती है जैसे कि किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज या गेंदबाज से उम्मीद की जाती है। हालाँकि आज के समय में एक विकेट-कीपर से उम्मीद की जाती है कि वह एक अच्छा बल्लेबाज भी हो जो कम से कम मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर सके। जो विकेट-कीपर ऊपर के क्रम में बल्लेबाजी में दक्ष होते हैं उन्हें अनौपचारिक रूप से कीपर/बल्लेबाज भी कहा जाता है।
क्रिकेट के किसी एक दल में सिर्फ एक ही कीपर की जगह होती है, ऐसे में चयनकर्ताओं को (खासकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर) अक्सर दो या उससे अधिक दक्ष कीपरों में से किसी एक को चुनने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। अक्सर ऐसा होता है कि दो कीपरों में से एक काफी बेहतरीन कीपर होता है, लेकिन वह सिर्फ एक औसत बल्लेबाज होता है, जबकि दूसरा कीपर/बल्लेबाज होता है जो बल्लेबाजी में तो बेहतर है लेकिन वह अपने प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले उतना अच्छा कीपर नहीं है। 1990 के दशक में इंग्लैंड के चयनकर्ताओं के सामने एक ऐसी ही चयन दुविधा सामने आई थी, जब उन्हें जैक रसेल (शुद्ध विकेट-कीपर) और एलेक स्टीवर्ट (कीपर/बल्लेबाज) के बीच किसी एक को चुनने की चुनौती मिली। वे इन दोनों में से किसी एक को लगातार चुनने में तब तक कभी कामयाब नहीं हुए जब तक कि 1998 में रसेल सुस्त पड़ने लगे: इससे पहले तक दोनों की भूमिकाएं बदली जाती रहीं, अच्छी बल्लेबाजी की वजह से अक्सर स्टीवर्ट टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहते थे। इसी तरह पाकिस्तानी विकेट कीपर कामरान अकमल भी एक और उदाहरण है जो एक ऐसे विकेट कीपर के तौर पर जाना जाता है जो आसान मौकों को गंवाता है, लेकिन वह पिछले एक दशक से टीम में अपनी जगह बनाए हुए हैं, क्योंकि उनकी बल्लेबाजी वैकल्पिक कीपर से अच्छी है। आज क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी, कुमार संगाकारा, ब्रैंडन मैक्कुलम और मार्क बाउचर जैसे बेहतरीन कीपर/बल्लेबाज हैं।
कीपर की कप्तानी की भूमिका भी हो सकती है। खास बात ये हैं कि वह किसी पारी की प्रत्येक गेंद में शामिल होते हैं और हो सकता है कि चीजों को वह जितनी बारीकी से देखने की स्थिति में होता है, उतनी कप्तान नहीं भी हो सकता है। उन्हें अक्सर गेंदबाजों को उत्साहित करते हुए देखा जा सकता है और वह बल्लेबाजों को उनकी क्षमता, व्यक्तित्व और निजी आदतों पर सटीक टिप्पणियों से "अपशब्द" कहने में भी लिप्त में होता है।
कीपर ही एकमात्र क्षेत्ररक्षक है जिसे रक्षात्मक उपकरण से गेंद को पकड़ने की इजाजत होती है, जो कि आमतौर पर एक बड़ा गद्दीदार दास्ताना होता है जिसकी तर्जनी और अंगूठे के बीच (लेकिन और कहीं नहीं) जाली लगी होती है। दस्ताने से जो सुरक्षा मिलती है वह हमेशा पर्याप्त नहीं होती है। इंग्लैंड के कीपर एलन नॉट अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कभी-कभी अपने दस्ताने के अंदर गद्दी लगाया करते थे। विकेट-कीपर पैरों की सुरक्षा के लिए लेग पैड़्स और कमर के नीचे वाले हिस्से की रक्षा के लिए बॉक्स का इस्तेमाल करते हैं।
विकेट-कीपरों को अपने पैड उतारकर गेंदबाजी करने का मौका दिया जाता है और ऐसा तब अक्सर होता है जब कोई मैच बराबरी की ओर बढ़ रहा हो या फिर क्षेत्ररक्षण दल एक विकेट लेने के लिए बेताब हो। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दो विकेट-कीपरों ने अपना पैड उतारा और फिर हैट्रिक ली है: 1954-55 में कटक में खेले गए उड़ीसा बनाम बंगाल के मैच में प्रोबिर सेन और ए॰सी॰ (एलन) स्मिथ ने 1965 में क्लैक्टन में वारविकशायर बनाम एसेक्स के मैच में; स्मिथ एक बेहद ही असामान्य खिलाड़ी थे, क्योंकि वो मुख्य तौर पर एक विकेट-कीपर थे, लेकिन कभी-कभी उनका चयन मुख्य गेंदबाज के रूप में भी होता था।
स्थानापन्न खिलाड़ी
क्रिकेट के नियमों के नियम 2 के मुताबिक एक स्थानापन्न खिलाड़ी (किसी बीमार या चोटिल खिलाड़ी की जगह लेने वाला) विकेट कीपिंग नहीं कर सकता है।[२]
बल्लेबाजी दल के कप्तान की सहमति से कभी-कभी इस नियम को रद्द भी किया जा सकता है, हालाँकि नियम 2 में इस तरह की किसी सहमति की इजाजत नहीं देता है। उदाहरण के लिए, 1986 में लॉर्ड्स में खेले जा रहे इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच की पहली पारी के दौरान इंग्लैंड के विशेषज्ञ विकेट-कीपर ब्रूस फ्रेंच चोटिल हो गए थे। तब इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड की पहली पारी में चार खिलाड़ियों को विकेट-कीपर के तौर पर इस्तेमाल किया: बिल एथे ने पहले दो ओवरों के लिए कीपिंग की; 45 साल के वरिष्ठ खिलाड़ी बॉब टेलर को प्रायोजकों के टेंट से बुलाकर कीपिंग कराई गयी और उन्होंने 3 से 76 ओवरों तक बिना गलती के बढ़िया कीपिंग की; 77 से 140 ओवरों तक के लिए हैंपशायर के कीपर बॉबी पार्क्स को बुलाया गया; और फिर ब्रूस फ्रेंच ने पारी की आखिरी गेंद तक विकेट कीपिंग की।
टेस्ट मैच के अग्रणी विकेट-कीपर
निम्नलिखित विकेट-कीपरों ने टेस्ट क्रिकेट में 200 या उससे अधिक शिकार बनाए हैं।[२]
विकेट1 की संख्या के हिसाब से टेस्ट मैच के शीर्ष विकेट-कीपर | ||||||
संख्या | नाम | देश | मैच | कैच | स्टम्प्ड | कुल विकेट |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | मार्क बाउचर2* | दक्षिण अफ्रीका | 131 | 472 | 22 | 494 |
2 | एडम गिलक्रिस्ट | ऑस्ट्रेलिया | 96 | 379 | 37 | 416 |
3 | इयान हीली | ऑस्ट्रेलिया | 119 | 366 | 29 | 395 |
4 | रॉड मार्श | ऑस्ट्रेलिया | 96 | 343 | 12 | 355 |
5 | जेफरी डुजोन | वेस्ट इंडीज | 81 | 267 | 5 | 272 |
6 | एलन नॉट | इंग्लैंड | 95 | 250 | 19 | 269 |
7 | एलेक स्टीवर्ट | इंग्लैंड | 82 | 227 | 14 | 241 |
8 | वसीम बरी | पाकिस्तान | 81 | 201 | 27 | 228 |
9 | रिडले जैकब्स | वेस्ट इंडीज | 65 | 207 | 12 | 219 |
10 | गॉडफ्रे इवांस | इंग्लैंड | 91 | 173 | 46 | 219 |
11 | एडम परोरे | न्यूजीलैंड | 78 | 197 | 7 | 204 |
तालिका संबंधित टिप्पणियां
- 6 अप्रैल 2010 तक ये आंकड़े सही हैं
- मौजूदा खिलाड़ी को इंगित करता है
अग्रणी वन डे विकेट-कीपर
निम्नलिखित विकेट-कीपरों ने वन डे क्रिकेट में 200 या उससे अधिक शिकार बनाए हैं।[३]
विकेट1 की संख्या के हिसाब से वन डे शीर्ष विकेट-कीपर | ||||||
संख्या | नाम | देश | मैच | कैच | स्टम्प्ड | कुल डिस्मिसल |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | एडम गिलक्रिस्ट | ऑस्ट्रेलिया | 287 | 417 | 55 | 472 |
2 | मार्क बाउचर2* | दक्षिण अफ्रीका | 291 | 399 | 22 | 421 |
3 | कुमार संगकारा2* | श्रीलंका | 267 | 235 | 66 | 301 |
4 | मोइन खान | पाकिस्तान | 219 | 214 | 73 | 287 |
5 | इयान हीली | ऑस्ट्रेलिया | 168 | 194 | 39 | 233 |
6 | रशीद लतीफ | पाकिस्तान | 166 | 182 | 38 | 220 |
7 | रोमेश कालूविथार्ना | श्रीलंका | 189 | 131 | 75 | 206 |
8 | एमएस धोनी* | भारत | 162 | 154 | 52 | 206 |
9 | जेफरी डुजोन | वेस्ट इंडीज | 169 | 183 | 21 | 204 |
तालिका संबंधित टिप्पणियां
- 6 अप्रैल 2010 तक ये आंकड़े सही हैं
- मौजूदा खिलाड़ी को इंगित करता है
इन्हें भी देखें
- ऑल-राउंडर
- बल्लेबाज
- गेंदबाज
- कप्तान
- कैच पकड़ने वाला
- क्रिकेट शब्दावली
- फील्डर
- बैठी हुई स्थितितुकोहाइजी