वर्गिकी (जीवविज्ञान)

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जीववैज्ञानिक वर्गीकरण की वर्गिकीय कोटियाँ

जीवविज्ञान में वर्गिकी (taxonomy) भिन्न प्रकार के जीवों के समूहों के नामकरण और वर्गीकरण करने के वैज्ञानिक अध्ययन को कहा जाता है, जिसमें जीवों को वर्गिकी में संगठित करा जाता है। जीववैज्ञानिक वर्गिकी में जीवों को टैक्सोन नामक गुटों में वर्गिकृत कर के उन वर्गों को वर्गिकीय कोटियाँ दी जाती हैं और सभी को फिर एक पदानुक्रम (हाइराआर्की) में आयोजित करा जाता है। स्वीडेन के जीववैज्ञानिक, कार्ल लीनियस, को आधुनिक जीववैज्ञानिक वर्गिकी का संस्थापक माना जता है। जीवों को इस वर्गिकी पर आधारित द्विपद नाम और त्रिपद नाम पद्धति|त्रिपद नाम]] देने की व्यवस्था लीनियस की ही बनाई हुई है।[१][२][३][४]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. Turrill, W.B. (1938). "The Expansion Of Taxonomy With Special Reference To Spermatophyta". Biological Reviews. 13 (4): 342–373. doi:10.1111/j.1469-185X.1938.tb00522.x.