वन्दे मातरम (एल्बम)
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
वंदे मातरम् | ||||
---|---|---|---|---|
चित्र:vandemataramcover.jpg | ||||
स्टूडियो एलबम ए॰आर॰ रहमान द्वारा | ||||
जारी | १२ अगस्त १९९७[१] | |||
रिकॉर्डिंग |
१९९७ पंचथन रिकॉर्ड इन् (चेन्नई, भारत) सार्म वेस्ट स्टूडियो (लंदन, यूके) मेट्रोपोलिस स्टूडियो (लंदन, यूके) रिएक्टर स्टूडियो (लंदन, यूके) सरगम स्टूडियो (लाहौर, पाकिस्तान) एक्स आई सी स्टूडियो (मुंबई, भारत) | |||
संगीत शैली | वर्ल्ड म्यूजिक,इंडियन पॉप, साँचा:nowrap[२] | |||
लंबाई | ५५:२५ | |||
लेबल | कोलम्बिया/सोनी | |||
निर्माता | ए॰आर॰ रहमान, कनीका अय्यर भरत, भरत बाला | |||
ए॰आर॰ रहमान कालक्रम | ||||
|
साँचा:italic titleसाँचा:main other
वंदे मातरम् भारतीय संगीतकार ए॰आर॰रहमान की स्टूडियो एलबम है। यह सबसे अधिक बिकने वाली भारतीय गैर-फ़िल्मी एल्बम है। इसे ९ दिसम्बर १९९७ में कॉलम्बिया रेकॉर्ड्स द्वारा जरी किया गया था। एल्बम भारत की आजादी की स्वर्ण जयंती वर्षगांठ के अवसर पर जारी किया गया था और भारत के लोगों के बीच देशभक्ति गर्व और राष्ट्रीय एकता की भावना को में भरने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गीत सूची
# | गीत | गायक | लम्बाई | बोल |
1 | "माँ तुझे सलाम" | ए. आर. रहमान | ६:११ | मेहबूब कोतवाल |
2 | "रिवाइवल" | ए. आर. रहमान | ७:४० | बंकिम चंद्र चटर्जी |
3 | "गुरूस ऑफ़ पीस" | नुसरत फतेह अली खान, ए. आर. रहमान | ६:२७ | मेहबूब कोतवाल, टिम कोडी & दिनेश कपूर |
4 | "तौबा तौबा" | ए. आर. रहमान | ६:११ | मेहबूब कोतवाल |
5 | "ओनली यू" | ए. आर. रहमान | ५:४० | मेहबूब कोतवाल |
6 | "मिसिंग" | वाद्य | ५:११ | |
7 | "थाई मन्ने वणक्कम" | ए. आर. रहमान | ६:११ | वैरमुथु |
8 | "मासूम" | ए. आर. रहमान | ६:०८ | गुलज़ार |
9 | "मुसाफ़िर" | ए. आर. रहमान, फाये | ५:४३ | टिम कोडी, कनिका अय्यर भरत |
- गीत "माँ तुझे सलाम", "रिवाइवल", और "गुरूस ऑफ़ पीस" राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों (क्रमशः भगवा, सफेद और हरा) का प्रतिनिधित्व करते हैं।[३]
- "रिवाइवल" और "मिसिंग" दोनों वंदे मातरम् की ही विभिन्न संस्करण हैं।
- "मुसाफ़िर" और "गुरूस ऑफ़ पीस", रहमान के पहले के फिल्म गाने, "ओटागाथाई कट्टिको" और 'पोराले पोन्नुथैय' के आंशिक पुन: उपयोग थे ( क्रमशः जेंटलमैन करुिथम्मा फिल्म से)।
- रहमान के लिए नुसरत फतेह अली खान द्वारा गाया गया "गुरूस ऑफ़ पीस" एकमात्र गीत था, और यह उनके अंतिम गीतों में से एक था क्योंकि इसके कुछ महीनों बाद ही उनका निधन हो गया था। बाद में श्रद्धांजलि के तौर पर रहमान ने गुरूस ऑफ़ पीस नामक एक एल्बम भी जारी किया।