वंशराज पाँडे
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
श्री देवान साहेब
वंशराज पाँडे | |
| |
नेपालको देवान
| |
जन्म | सन् १७३९ गोरखा राज्य |
---|---|
मृत्यु | सन् १७८५ भण्डारखाल बगैंचा, वसन्तपुर राजदरबार, काठमाडौँ |
संबंधी | भाइ दामोदर पाँडे, ज्वाइँ केहरसिंह बस्न्यात, भान्जा कीर्तिमान् सिंह बस्न्यात |
धर्म | हिन्दु |
Military service | |
युद्ध | नेपाल एकिकरण |
वंशराज पाँडे नेपाली सेनाका उच्च पदस्थ अधिकारी और प्रशासकीय अधिकारी थे । गोरखा के पाँडे वंशके काजी कालु पांडेके ज्येष्ठ पुत्र थे। उनको राजा प्रतापसिंह शाहने देवान (प्रधानमंत्री) बनाया था। राजा रणबहादुर शाहके समयमें काजी स्वरुप सिंह कार्की के दरबारिया षड्यन्त्र में राजमाता रानी राजेन्द्र लक्ष्मी ने वंशराज को मृत्यदण्ड दिया था ।
प्रसिद्धि
संस्कृत श्लोक उनपर आधारित: साँचा:quote पाँडे वंशके उत्तम क्षत्रिय महिन्द्र (महान इन्द्र) समान वंशराज [पाँडे] मन्त्री (देवान/प्रधानमन्त्री) हैं और शत्रुके घमण्ड नाश करनेवाले बस्न्यात वंशके (बस्न्यायिता) नाहर सिंह और केहर सिंह भी वहाँ मौजूद अग्रजों में से हैं ।