लोकलुभावनवाद

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"द 99%" (लोगों) की "1%" (अभिजात वर्ग) के खिलाफ बयानबाजी के साथ, अंतर्राष्ट्रीय कब्जे का आंदोलन एक लोकलुभावन सामाजिक आंदोलन का एक उदाहरण था।
जैसा कि नोलन चार्ट द्वारा परिभाषित किया गया है, लोकलुभावनवाद (और अधिनायकवाद) निचले बाएं हिस्से में स्थित है।
1896 का एक कार्टून जिसमें लोकलुभावनवाद के कट्टर समर्थक विलियम जेनिंग्स ब्रायन अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतीक को निगल रहे हैं।

लोकलुभावनवाद (Populism) वह राजनीतिक दर्शन है जिसमें नेता या राजनीतिक दल साधारण लोगों को किसी वास्तविक या काल्पनिक संभ्रांत वर्ग के विरुद्ध संघर्ष करवा कर उन्हें अधिकार, धन या सम्मान दिलवाने का दावा करता है।[१] लोकलुभावनवादी राजनेताओं का सम्बन्ध वामपन्थी राजनीति या दक्षिणपन्थी राजनीति दोनों से हो सकता है।[२]

इस विचारधारा के समर्थक इसके प्रयोग द्वारा किसी समाज में गहरे रूप से स्थापित अन्याय को तेज़ी से तोड़ने के लिये इसकी सराहना करते हैं। इसके आलोचक इसमें अक्सर होने वाली हानियों का उल्लेख करते हैं - नेताओं द्वारा स्वयं को अत्यंत शक्तिशाली और अमीर बना लेना, समाज में वर्गों को आपस में लड़वाने के कारण द्वेश का फैल जाना और अर्थव्यवस्था का लड़खड़ा जाना।[३] राजनीतिक दल समय-समय पर अपने विरोधी दलों पर लोकलुभावनवादी होने का आरोप लगाते हैं, और दावा करते हैं कि वास्तव में वे केवल जनोत्तेजक (demagogue) हैं जो ऊपर से तो साधारण नागरिकों के लिये अत्याधिक सहानुभूति दिखाते हैं लेकिन उनका ध्येय किसी की मदद करना नहीं बल्कि समाज को आपस में लड़ने वाले खण्डों में बांटकर स्वयं के लिये कुछ खण्डों का स्थायी समर्थन प्राप्त कर लेना है।[४] ऐसे जनोत्तेजक नेता वास्तव में यह नहीं चाहते कि उनके समर्थक सामाजिक अंशों की कठिनाईयाँ समाप्त हों क्योंकि उनका समर्थन वंचित स्थिति में रखे जाने तथा उस नेता पर निर्भर रहने से ही बना रहता है।[५]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Cas Mudde, "The populist zeitgeist." Government and opposition 39.4 (2004): 542–563 at p. 560.
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite journal
  4. साँचा:cite web
  5. The Irish Times. O'Halloran, Marie. साँचा:cite web 21 January 2013.