लीला नायडू
लीला नायडू | |
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व्यवसाय | अभिनेत्री |
कार्यकाल | १९६०-१९९२ |
जीवनसाथी |
तिलक राज ओबराय डॉम मॉरिस |
लीला नायडू (१९४०-२८ जुलाई, २००९) हिन्दी चलचित्र की पुरानी अभिनेत्री रही हैं। ये १९५४ में मिस इंडिया भी रही हैं। इन्हें मधुबाला एवं सुचित्रा सेन के अपवाद को छोड़कर अपने समय में किसी भी हिन्दी फिल्म अभिनेत्री से अधिक सुंदर कहा गया है।[१] इन्हें १९५४ में ही वॉग पत्रिका द्वारा गायत्री देवी के साथ विश्व की दस सर्वश्रेष्ठ सुंदरियों में शामिल किया गया। इनके पिता प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक रमैया नायडू (आंध्र प्रदेश) से एवं माता आयरिश थीं। हिन्दी फिल्मों में लीला नायडू का सफर १९६० में ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा बनाई गई फिल्म अनुराधा से शुरू हुआ। १९६३ में आर के नैय्यर द्वारा निर्देशित फिल्म ये रास्ते हैं प्यार के ने इन्हें ख्याति दिलाई, फिल्म में सुनील दत्त के साथ उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसी साल मर्चेंट आइवोरी प्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म 'द हाउसहोल्डर' में अभिनय किया, जिसका निर्देशन जेम्स आइवोरी ने किया था। १९६९ में द गुरू फिल्म में काम करने के बाद फिल्मी दुनिया को अलविदा कह होटल व्यवसायी तिलक राज ओबराय (टिक्की ओबराय) से शादी कर ली। बाद में दोनों में तलाक हो गया।[२]
कुछ समय बाद इन्होंने अपने बचपन के मित्र और साहित्यकार डॉम मॉरिस से शादी कर ली एवं हांग कांग चली गईं। दस वर्ष वहाँ बिताने के बाद फिर भारत वापस आ गईं। १९८५ में श्याम बेनेगल की फिल्म त्रिकाल से इन्होंने हिंदी फिल्मी दुनिया में फिर प्रवेश किया। १९९२ में प्रदीप कृष्णन द्वारा निर्देशित फिल्म 'इलेक्ट्रिक मून' में इन्होंने आखिरी बार अभिनय किया था।
लंबी बीमारी के बाद मुंबई में २८ जुलाई, २००९ को इनकी मृत्यु हो गई।[१][३]
प्रमुख फ़िल्में
- अनुराधा (1960 फ़िल्म)
- उम्मीद (1962 फ़िल्म)
- द गुरु (1969 फ़िल्म)
- त्रिकाल (1985 फ़िल्म)
- ये रास्ते हैं प्यार के (1963 फ़िल्म)
- द हाउसहोल्डर (1963 फ़िल्म)
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ लीला नायडू इज़ डेड स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। आईबीएन लाइव, २८ जुलाई, २००९.