लीतुल गोगोई

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मेजर लीतुल गोगोई (अंग्रेजी: Major Leetul Gogoi)भारतीय सेना के एक अधिकारी हैं। 2017 में कश्मीर के उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजों की भारी भीड़ के बीच से चुनावदल और सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षित निकालने के लिए किसी सख्त विकल्प को चुनने की बजाय एक पत्थरबाज को मानव कवच के रूप में प्रयोग करने की वजह से मेजर गोगोई चर्चा में आए। बिना खूनखराबे के एक विकट परिस्थिति को संभालने के लिए जहाँ उनकी प्रशंसा की गई, वहीं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अलगाववादियों द्वारा उनकी आलोचना भी की गई। [१] 22 मई 2017 को मेजर गोगोई को सेना प्रमुख के प्रशस्ति पत्र "चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ कमेंडेशन कार्ड " [२] के साथ "आतंकवाद विरोधी अभियान में अपने निरंतर प्रयासों" के लिए सम्मानित किया गया था[३]। ये मेडल खुद चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की तरफ से प्रस्तावित किया जाता है। कुछ दिन पहले सेना ने ह्यूमन शील्ड मामले में जांच पूरी कर ली थी और जांच के बाद मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित करने का फैसला हुआ। उन्हें मेडल मिला है। मेजर गोगोई आर्मी सर्विस कोर के ऑफिसर है[४]। मेजर 53 राष्ट्रीय राइफल्स में जम्मू में तैनात हैं। मेजर गोगोई असम की अहोम समुदाय से है जो अत्यंत बहादुर निडर और स्वाभिमानी समुदाय माना जाता है।

टिप्पणियां

  • पंजाब के मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह ने आर्मी चीफ के इस फैसले का जोरदार स्वागत किया।
  • पूर्व जनरल वी पी मालिक ने की मेजर गोगोई की बहादुरी और दूरदर्शिता की तारीफ।[५]

सन्दर्भ

  1. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/india/budgam-incident-no-reason-for-major-action-against-nitin-gogoi-army-chief-bipin-rawat/articleshow/58817530.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
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  3. https://navabharat.net.in/2017/05/22/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%9C%E0%A4%B0-%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B2-%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%88-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%AA/साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
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