लाई हारोबा
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लाइ हराओबा या लाई हारोबा, मणिपुर के मुख्य उत्सवों में से एक है। यह नृत्य का प्राचीन रूप है, जो मणिपुर में सभी शैली के नृत्य के रूपों का आधार है । इसका शाब्दिक अर्थ है- "देवताओं का आमोद-प्रमोद" । पूर्व-वैष्णव काल से इसका उद्भव हुआ था और आज भी यह मणिपुर में प्रस्तुत किया जाता है।
लाइ हराओबा पर्व श्रुति साहित्य, संगीत, नृत्य और परंपरिक अनुष्ठानों का अद्भुत संगम है। यह पारम्परिक सनमाही धर्म के देवताओं उमंग लाई को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह नृत्य तथा गीत के एक अनुष्ठानिक अर्पण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है । मायबा और मायबी (पुजारी और पुजारिनें) मुख्य अनुष्ठानक होते हैं, जो सृष्टि की रचना की विषय-वस्तु को दोबारा अभिनीत करते हैं ।