रैनर वाइस
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रैनर वाइस | |
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जन्म |
साँचा:birth date and age बर्लिन, जर्मनी |
नागरिकता | संयुक्त राज्य अमेरिका |
क्षेत्र | भौतिकी, लेसर भौतिकी, प्रायोगिक गुरुत्वाकर्षण, अन्तरिक्ष किरण पृष्ठभूमि मापन |
संस्थान | एमआईटी |
शिक्षा | एमआईटी |
डॉक्टरी सलाहकार | जेरोल्ड आर॰ जकारिया |
उल्लेखनीय शिष्य | ब्रूस एलन |
प्रसिद्धि | लेसर व्यतिकारी गुरुत्वीय तरंग प्रेक्षण का अग्रणी प्रयोग |
उल्लेखनीय सम्मान |
अमेरिकी फ़ीजिकल सोसाइटी द्वारा आइंस्टीन प्राइज (2007) फंडामेंटल फीजिक्स प्राइज (2016) कोसमोलॉजी में ग्रूबर प्राइज (2016) शॉ प्राइज (2016) कावली प्राइज (2016) हार्वे प्राइज (2016) प्रिंसेज ऑफ़ ऑस्ट्रियाज अवार्ड (2017) भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (2017) |
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रैनर "राय" वाइस (/vaɪs/; German: [vaɪs]; जन्म: सितम्बर 29, 1932) अमेरिकी भौतिक विज्ञानी हैं जिन्हें भौतिकी गुरुत्वाकर्षण भौतिकी और खगोलिकी में उनके योगदानों के लिए जाना जाता है। वो मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान में भौतिकी के सेवामुक्त प्रोफेसर हैं। उन्हें लेसर व्यतिकरणमापी तकनीकी के लिए जाना जाता है जो लिगो प्रयोग की आधारभूत संक्रिया है। रैनर अन्तरिक्ष किरण पृष्ठभूमि पर काम करने वाले समूह के प्रमुख थे।[१][२][३]
उन्हें वर्ष २०१७ में किप थोर्न और बैरी बैरिश के साथ "लिगो संसूचक में उनके अमूल्य योगदान और गुरुत्वीय तरंगों के प्रेक्षण" में योगदान के लिए संयुक्त रूप से भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[४]