रासायनिक संदीप्ति
रासायनिक अभिक्रिया के अंतर्गत ऊष्मा के साथ-साथ दीप्ति का निकलना रासायनिक संदीप्ति (Chemiluminescence) कहलाता है। इसे रासायनिक उत्पत्ति (origin) का ठंडा प्रकाश भी कह सकते हैं। इसमें सब प्रकार के विकिरण दृश्यमान - अवरक्त तथा पराबैंगनी - संम्मिलित हैं।
रासायनिक संदीप्ति अधिकांश ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं में उत्पन्न होती है। अमोनियम डाइक्रोमेट के गरम करने पर यह संदीप्ति देखी जा सकती है। गंधकवाले यौगिकों तथा फॉर्मेल्डिहाइड, एक्रोलीन, ग्लूकोज़ आदि पदार्थो का ऑक्सीकरण करने पर भी यह संदीप्ति उत्पन्न होती है।
रासायनिक संदीप्ति में उत्पन्न प्रकाश उन अणुओं के ऑक्सीकरण के स्थानांतरण के कारण होता है, जो ऑक्सीकृत नहीं होते हैं।
रासायनिक संदीप्ति साधारण प्रकाश अभिक्रियाओं में उत्पन्न होती है। अमोनियम डाइक्रोमेट के गरम करने पर यह संदीप्ति देखी जा सकती है। गंधकवाले यौगिकों तथा फॉर्मेल्डिहाइड, एक्रोलीन, ग्लूकोज़ आदि पदार्थों का ऑक्सीकरण करने पर भी यह संदीप्ति उत्पन्न होती है।
रासायनिक संदीप्ति में उत्पन्न प्रकाया उन अणुओं के ऑक्सीकरण के स्थानांतरण के कारण होता है, जो ऑक्सीकृत नहीं होते हैं।
रासायनिक संदीप्ति साधारण प्रकाश अभिक्रियाओं (photoreaction) की उल्टी होती है। रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप प्रकाश अभिक्रिया में तो प्रकाश का अवशोषण होता है, पर रासायनिक संदीप्ति में प्रकाश निकलता है।
अँधे में श्वेत फॉस्फ़ोरस के चमकने का कारण रासायनिक संदीप्ति ही है। सिलोक्लीन (Siloxen) भी इसी के उदाहरण हैं।