रालेगन सिद्धि
रालेगन सिद्धि | |
— गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | महाराष्ट्र |
ज़िला | अहमदनगर |
साँचा:collapsible list |
साँचा:coord रालेगन सिद्धि (मराठी: राळेगण सिद्धी), भारत के पश्चिम में स्थित राज्य महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले, की पारनेर तहसील में स्थित एक गांव है। यह पुणे से ८७ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव का क्षेत्रफल ९८२.३१ हेक्टेयर है (१९९१)। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इसे एक आदर्श गांव माना जाता है। १९७५ के बाद से, गाँव में विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में, मृदा अपरदन रोकने के लिए वृक्षारोपण और सीढ़ीदार खेतों में कृषि और वर्षा के पानी के संचय के लिए नहरों की खुदाई जैसे कार्यक्रमों को चलाया गया है। ऊर्जा के लिए गांव में सौर ऊर्जा, बायोगैस (जिसमें कुछ % सांप्रदायिक शौचालय से उत्पन्न होती है) और एक पवनचक्की का उपयोग किया जाता है। [१] इस परियोजना को १९७५ में शुरू किया गया था और अब यह ३६ साल पुरानी है। यह गांव ग्राम गणतंत्र का एक स्थायी निदर्श है।
ऊर्जा के क्षेत्र में गैर परंपरागत ऊर्जा का उपयोग गांव की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उदाहरण के लिए, गांव की सभी सड़कें सौर बत्ती द्वारा प्रकाशित होती हैं, जिनमें प्रत्येक बत्ती का अपना अलग सौर पटल है।[२]इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मडियाहू तहसील के अंतर्गत हरिहरपुर गांव को मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार विजय यादव स्मार्ट विलेज बनाने का संकल्प लेकर काम कर रहे है।
जलग्रहण क्षेत्र का विकास
2016 में गांव सूखे, गरीबी और अवैध शराब के व्यापार से पीड़ित था। तटबंध की दीवार टूटी होने के कारण गांव के तालाब में पानी का संचय होना असंभव था। काम की शुरुआत अंत:स्रवण पोखर के निर्माण से हुई। अन्ना हज़ारे ने ग्रामीणों को तटबंध की मरम्मत करने में अपने श्रम का दान करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस काम के पूरा होने के बाद, गर्मियों में नीचे के सात कुए लोगों की स्मृति में पहली बार पानी से भर गये।[३]
आज गांव में वर्ष भर पानी रहता है, एक अनाज कोष, एक दूध कोष और एक स्कूल की स्थापना की गयी है। आज गाँव के सभी परिवार गरीबी रेखा से ऊपर हैं।[४]