राम कपूर
राम कपूर | |
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जन्म | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
व्यवसाय | अभिनेता |
कार्यकाल | 1997 – अब तक |
जीवनसाथी | गौतमी कपूर (2003 – अब तक) |
वेबसाइट http://ramprachirock.com |
राम कपूर साँचा:lang-hi ([raːm qaːpuːr]जन्म 1 सितम्बर 1973) भारतीय टेलीविजन अभिनेता हैं जो ज़ी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक कसम से में जय वालिया के किरदार के चित्रण और बड़े अच्छे लगते हैं के लिए खासे मशहूर है। वह एकमात्र अभिनेता हैं जिन्होंने इंडियन टेली अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब लगातार (2006, 2007 और 2008 में)[१] जीता है। कपूर ने हालांकि टेलीविजन पर काम के लिए प्रशंसा और मान्यता प्राप्त की है परन्तु आमतौर वह एक ऐसे कलाकार के रूप में जाने जाते हैं जो शूटिंग के दौरान सेटों पर भाव और नखरे दिखाते है।[२] उन्होंने पांच बॉलीवुड फिल्मों में सहायक अभिनेता की भूमिका निभाई है।
जीवनी
प्रारंभिक जीवन
बहन अरुणा के बड़े भाई, राम कपूर का जन्म नई दिल्ली, भारत के एक संपन्न पंजाबी खत्री परिवार में हुआ, उनके पिता अनिल कपूर विज्ञापन एवं विपणन अधिकारी और माता रीता कपूर एक गृहणी हैं। वह मुंबई, भारत में बड़े हुए जहां उनका परिवार उनके जन्म के बाद ही आ गया था।
प्राथमिक विद्यालय की पढ़ाई एक सम्मानित निजी स्कूल, कैंपियन स्कूल, मुंबई में करने के बाद कपूर ने नैनीताल[३] के जाने माने बोर्डिंग स्कूल शेरवुड कॉलेज में प्रारंभिक वर्ष बिताए जहां उन्होंने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और तैराकी, वॉलीबॉल और टेनिस टीम के सदस्य रहें. यह शेरवुड कॉलेज ही था जहां कपूर न केवल उस शरारती व्यक्ति में तब्दील हुए, जो वे आज हैं बल्कि अभिनय से उनका परिचय बड़े नाटकीय ढंग से यहीं पर हुआ जब उनके हेड कैप्टन तरुण देव ने उन्हें चुनौती भरा आदेश दिया कि वह चार्लीज आंट जो स्कूल का वार्षिक नाटक निर्माण था उसमें ऑडिशन दें और इस क्रम में उन्होंने इसमें मुख्य भूमिका अदा की। आमिर रज़ा हुसैन के संरक्षण और दिशानिर्देश में ही कपूर को अपने कैरियर का रास्ता मिला और उन्हें अभिनय के प्रति अपने प्रेम के विषय में पता चला.[३] दसवीं के बाद कपूर ने कोडाइकनाल इंटरनेशनल स्कूल में दो वर्ष शिक्षा ग्रहण की।
स्कूल से उत्तीर्ण होने के बाद अपने अभिनय के प्रति प्रेम को जानकर, कपूर ने मनोरंजन उद्योग को अपनाने का निर्णय लिया और यूसीएलए में फिल्म निर्माण के अध्ययन के इरादे से लॉस एंजिल्स, अमरीका के लिए रवाना हुए. यह उनका अभिनय के प्रति प्रेम था जिसने उन्हें स्तैनिस्लावास्की मेथड एक्टिंग एकैडमी लॉस एंजिल्स, संयुक्त राज्य अमरीका[३] में शामिल होने के लिए मजबूर किया और यहां से अठाईस छात्रों की कक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने वाले बारह विद्यार्थियों में से एक थे। कपूर की मां उनकी सबसे बड़ी समर्थक थी, हालांकि उनके पिता को उनकी प्रतिबद्धता पर शक था और वह चाहते थे कि कपूर उनके ही नक्शेकदम पर चल कर कॉर्पोरेट जगत में शामिल हो जाएं. अभिनय के प्रति अपने पिता को अपनी प्रतिबद्धता सिद्ध करने के लिए कपूर ने पहले छह महीने स्तैनिस्लावास्की स्कूल ऑफ मेथड एक्टिंग में भाग लिया और फिर अपने माता पिता को इसकी सूचना दी कि वह यूसीएलए में नहीं वरन अभिनय स्कूल में पढ़ रहें है। अपनी जीविका के लिए कपूर ने छोटे मोटे काम जैसे गाड़ियां, क्रेडिट कार्ड, केबल सदस्यता आदि बेचने का काम और स्टारबक्स में भी काम किया। अभिनय अकादमी से स्नातक होने के बाद, कपूर अपने घर, भारत लौट आए।
निजी जीवन
प्लेबॉय और कैसेनोवा जैसे उपनाम मिलने के बाद कपूर की मुलाकात घर एक मंदिर की अपने सह कलाकार गौतमी गाडगिल से हुई। सबसे अच्छे दोस्त बनने के बाद इस युगल ने 14 फ़रवरी 2003 में शादी की। इनके दो बच्चे हैं: एक बेटी, सिया जिसका जन्म 12 जून 2006 में हुआ और बेटा अक्स कपूर जो 12 जनवरी 2009 को पैदा हुआ।
कैरियर
पारंपरिक रूप से प्रशिक्षित राम कपूर का प्रथम स्क्रीन प्रदर्शन समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित सुधीर मिश्र[३] द्वारा निर्देशित टेलीविजन धारावाहिक न्याय (1997) था। यह कार्यक्रम महिलाओं के भावनात्मक कशाकशी और संघर्ष से सम्बन्धित था, राम ने इसमें गौरव का किरदार निभाया था जो कि, मुख्य नायिका की बहन का प्रेमी था। हालांकि इस शो को लोकप्रिय मान्यता प्राप्त नहीं हुई, परन्तु कपूर के काम की सराहना हुई और उनके पास नए प्रस्तावों की बाढ़ लग गयी। रचनात्मक संतुष्टि की लालसा में, कपूर ने तीन और शो ले लिया, कविता (1998), हिना (1998) और संघर्ष (1999).[३][४]
यदि न्याय ने समीक्षकों की प्रशंसा प्रदान की तो कविता (1998), अमीर व्यवसायी के पुत्र और एक मेहनतकश ईमानदार मध्यमवर्गीय लड़की के बीच की प्रेम कथा का चित्रण, ने कपूर को मुख्य रूमानी भूमिका अदा करने का मौका प्रदान किया। इस चरित्र का नाम ऋषि ग्रोवर था और यह भूमिका स्मृति इरानी के विपरीत थी। यह बालाजी टेलीफिल्म्स के साथ कपूर का पहला संबंध था। 1999 में कपूर ने संघर्ष और हिना दो नए दैनिक नाटकों में अभिनय किया। हिना एक महिला उन्मुख शो था जो एक महिला के संघर्ष की कहानी थी जो अपने खुशियों को फिर से प्राप्त करना चाहती थी। कपूर ने इस धारावाहिक में डॉ॰आमिर के चरित्र को निभाया है। साथ ही साथ उन्होंने एक और धारावाहिक संघर्ष में भी अभिनय शुरू किया।
वर्ष 2000 कपूर के लिए सिर्फ व्यस्त वर्ष ही नहीं, एक सफल वर्ष भी था। यह वो साल भी था जब कपूर ने एक बार फिर बालाजी टेलेफिल्म्स के साथ घर एक मंदिर में जोड़ी बनायीं. यह शो -जिसने कपूर को घर-घर में लोकप्रिय बनाया - दो पात्रों की कहानी थी, राहुल, जो भूमिका राम कपूर ने निभाई और आंचल (गौतमी गाडगिल) - जिन्होने अव्यवहारिक शादी के बाद एक दूसरे के प्यार को पहचाना. इस समय कपूर चार शो में एक साथ काम कर रहे थे। थकान और ऊब के साथ अपने चरित्र के निर्देशन को लेकर अप्रसन्नता की वजह से उन्हें कविता और संघर्ष जैसे दो धारावाहिकों से अलग होना होना पड़ा.[३] तब तक धारावाहिक हिना अपनी अंतिम कड़ी प्रसारित कर चुका था और कपूर घर एक मंदिर पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे थे। यह वही साल था जब कपूर आमिर रज़ा हुसैन के साथ एक बार फिर जुड़ गए और वो भारत में सबसे बड़े नाटकीय शो का हिस्सा बन गए, जिसमे 140 कलाकारों ने भाग लिया था। ये शो नई दिल्ली में 10 दिनों तक चला जिसमे कारगिल के नायकों को श्रद्धांजलि दी गयी थी। यह शो जिसका नाम था, द फिफ्टी डेज़ ऑफ वार - कारगिल[५] में राम ने पांच अलग-अलग किरदारों को बहुत आत्मविश्वास से निभाया। यह कपूर का पहला और एकमात्र रंगमंचीय अनुभव था।
सन् 2001 में कपूर को जी टीवी के धारावाहिक रिश्ते में देखा गया। यह धारावाहिक मानवीय भावनाओं और विभिन्न परिस्थितियों में लोगों की पारस्परिक सदभाव को दर्शाता था। धारावाहिक में फिर एक बार कपूर ने सुजॉय नामक एक जवान आदमी के किरदार को निभाया, जो अपनी पत्नी को धोखा देता है और प्रायश्चित के लिए फिर एक बार लौटता है। कभी आये ना जुदाई धारावाहिक में कपूर ने मुख्य भूमिका अदा की है जिसमें उन्होंने राजेश्वर अग्निहोत्री के किरदार को निभाया है जो एक सिद्धांतवादी व्यक्ति है जिसके परिवार में उस समय वैचारिकी क्लेश उत्पन्न होता है जब इस परिवार का सामना सबसे बड़े प्रलोभन, धन से होता है। 2001 वह साल था जब कपूर पहली बार फिल्म मॉनसून वेडिंग[६] के साथ बॉलीवुड में नज़र आये। उन्होंने 'चुनरी-चुनरी' गीत पर प्रदर्शन किया था।
इसके बाद कपूर ने अपने कार्य श्रंखला में कार्यक्रम कहता है दिल (2002) शामिल किया; यह पिकेट फेंसेस का भारतीय हिंदी रूपांतरण था। पिकेट फेंसेस की तरह ही यह भी कहानी थी एक छोटे शहर, आनंद नगर की जहां ज्यादातर लोग एक दूसरे को जानते थे। यह कहानी उन आम लोगों की है जिनका जीवन आकस्मिक परिस्थितियों में नाटकीय मोड़ लेता है। राम कपूर ने जय सिंह नामक एक वकील की भूमिका निभाई.
2003 में कपूर छोटे और बड़े दोनों परदे पर नज़र आये। छोटे परदे पर वह चिकित्सीय नाटक धड़कन (2003) में नज़र आये इसमें राम कपूर ने डॉ॰ राजीव अग्रवाल का किरदार निभाया जो मुख्य मनोचिकित्सक था। इस शो में हर सप्ताह एक नयी कहानी होती थी हालांकि चंचल (गौतमी गाडगिल) जो मानसिक रूप में विकलांग लड़की थी और डॉ॰ अग्रवाल के बीच, डॉक्टर और मरीज़ के बीच सम्बन्ध को दर्शाती कथावस्तु जारी रही। राम आवाज़ दिल से दिल तक में भी नज़र आये। [७] यह धारावाहिक मानवीय पारस्परिक प्रभाव की जटिलता को रेखांकित करता है जब अठारह यात्री एक निर्जन द्वीप पर फंस जाते हैं पर बाद में उन्हें बचा लिया जाता है। कपूर ने एक सिपाही का किरदार निभाया और उत्तम समीक्षाएं प्राप्त की, एक समीक्षक ने कहा कि, "राम कपूर जिन्होंने एक पुलिस ऑफिसर की भूमिका अदा की है पूरे समूह में सबसे अच्छे थे, अपने बच्चे के अपहर्ताओं से निपटने का प्रदर्शन काफी नियंत्रित था।" बड़े परदे पर कपूर समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्म हज़ारों ख्वाईशें ऐसी में नज़र आये, सुधीर मिश्र द्वारा निर्देशित और प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशन द्वारा निर्मित इस फिल्म की कथावस्तु सामाजिक एवं राजनैतिक थी। कपूर ने इसमें अरुण मेहता का किरदार दर्शाया है, यह एक व्यक्ति है जो अपने जीवन के विभिन्न चरणों में भावनात्मक अशांति से रूबरू होता है।
हजारों ख्वाईशें ऐसीं के बाद कपूर ने टेलीफिल्म बालि (2004) में काम किया, इसमें उन्होंने पृथ्वी नामक चरित्र को निभाया। बालि की कहानी पृथ्वी की पत्नी, जो गर्भपात की वजह से टूट गयी है और पृथ्वी के चारों ओरे घूमती है। पृथ्वी सिंह एक ऐसा व्यक्ति हैं जो अपनी बीमार/नाज़ुक पत्नी के प्यार से निकल कर तान्या नाम की एक आकर्षक महिला से प्यार करने लगा है। अपनी आंतरिक अशांति को झेलते हुए पृथ्वी को एक सीरियल किलर बालि का सामना भी करना है। 2004 में कपूर को मंशा में भी देखा गया जिसमें उन्होंने मुख्य नायिका के पति विनय का किरदार निभाया था।
2005 में कपूर को तीन बॉलीवुड फिल्मों, देवकी[८], कल: यस्टरडे एंड टूमौरो[९] और मिस्ड कॉल[१०] में देखा गया था। देवकी ने भारत के ग्रामीण और शहरी महिलाओं की दुर्दशा को रेखांकित कर उनके तकदीर के समानता की तुलना की। इस फिल्म को सामान्यतः प्रतिकूल प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और यह एक समीक्षात्मक विफलता थी। बहरहाल, राहुल के चरित्र में कपूर के प्रदर्शन की सराहना की गयी। अपनी अगली फिल्म कल: यस्टरडे एंड टूमौरो[९] में कपूर ने चित्रांगदा सिंह, शाइनी आहूजा और बोमन ईरानी के साथ काम किया, यह रिश्तों, दोस्ती, बदलाव और प्रेम त्रिकोण में गुथी हुई ह्त्या की कहानी है। इस फिल्म को मिश्रित समीक्षाएं प्राप्त हुईं. इसके बाद कपूर मिस्ड कॉल[१०] में नज़र आयें, फिल्म फेस्टिवल्स में इस फिल्म को बिलकुल विपरीत प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। लॉस एंजिल्स भारतीय फिल्म समारोह में इस फिल्म की समीक्षात्मक सराहना की गयी और आलोचकों ने इसकी कथावस्तु को असाधारण रूप से मौलिक और निराशापूर्ण रूप से हस्यास्कर[११] बताया। हालांकि, कान फिल्म समारोह में यह फिल्म समालोचनात्मक और साधारण ढंग से विफल रही। [१२]
वर्ष 2005 कपूर के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण था जब एक बार फिर उन्होंने बालाजी टेलेफिल्म्स के साथ जोड़ी बनाई, ज़ी टीवी के प्रेम कहानी आधारित धारावाहिक कसम से के लिए जिसमें कपूर ने अमीर, शिष्ट, परिष्कृत, करुणा शून्य और अभिमानी उद्योगपति जय वालिया के किरदार को बखूबी निभाया। जय वालिया का चरित्र दर्शकों के बीच उपासना का प्रतिरूप बन गया। कपूर को एक अमीर, क्रूर, अभिमानी उद्योगपति, जो ना चाहते हुए भी अपनी शर्मीली अप्रिय पत्नी से प्रेम कर बैठता है, के बखूबी प्रदर्शन के लिए आलोचकों की प्रशंसा और लोकप्रिय मान्यता प्राप्त हुई।
2007 में कपूर ने भारतीय टीवी पर चल रहे सबसे लम्बे सास बहू धारावाहिक, क्योंकि सास भी कभी बहू थी, में जस ठकराल के किरदार में शामिल हो गए। यह एक सनकी, पागल, सजीला खलनायक था जो निराशावादी विनोदी था तथा हरे रंग के प्रति उसकी विशेष रूची थी। उसे बिल्लियों और पड़ोसी की पत्नी से प्यार था। शो के नियमित दर्शकों द्वारा जस ठकराल के चरित्र को स्वीकृति नहीं मिली।
2009 में कसम से का तीन वर्षों की अवधि समाप्त हो गई। कपूर जय वालिया जैसे किरदारों में ढलना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने बसेरा[१३] को चुना, यह धारावाहिक भारत में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सामना कर रहे मुद्दों से सम्बंधित था। संपरिधान अभिनेता वर्ग में कपूर ने मुख्य नायक केशु भाई संघवी की भूमिका अदा की है जो अशिक्षित, हरफनमौला, सिद्धांतवादी, उच्च नैतिक मूल्यों एवं विनोदी स्वाभाव वाला एक दादा हैं जिसने कड़ी मेहनत और ईमानदारी के माध्यम से सफलता हासिल की है। 17 अगस्त 2009 को एनडीटीवी इमैजिन पर इस कार्यक्रम का प्रसारण शुरू हुआ और टीआरपी सूची में प्रथम 100 में शामिल हो गया। 2009 में कपूर ने दो रियेलिटी शो में भी हिस्सा लिया, जिसमे झलक दिखला जा[१४] में एक भागीदार के रूप में और राखी का स्वयंवर में परिचारक[१५] के रूप में नज़र आये।
स्वयंवर 1 (राखी का स्वयंवर)[१५] को भारी व्यावसायिक सफलता मिली और इस वजह से कपूर को स्वयंवर 2 (राहुल दुल्हनिया ले जायेगा) में भी दोबारा परिचारक बनाया गया।इस शो की शूटिंग दिसंबर के अंत में होगी और 2010 में इसका प्रसारण शुरू होगा. बसेरा के अलावा 2010 में कपूर दो और फिल्मों में भी नज़र आयेंगे .पहली एक व्यावसायिक फिल्म है कार्तिक कॉलिंग कार्तिक जिसमें फरहान अख्तर और दीपिका पादुकोण के साथ कपूर कामथ नामक भूमिका अदा करेंगे. दूसरा, उहान एक समान्तर सिनेमा फिल्म है जिसे पुरुस्कृत निर्देशक अनुराग कश्यप ने निर्देशित किया है, इस फिल्म में कपूर जिम्मी नामक किरदार में नज़र आयेंगे . वह वर्तमान में हिट टीवी रियलिटी शो राहुल दुल्हनिया ले जाएगा में परिचारक है।
फ़िल्मों की सूची
वर्ष | फिल्म/शो | भूमिका | नोट्स |
---|---|---|---|
1997 | न्याय | गौरव | डेब्यू |
1998 | कविता | रिशी ग्रोवर | मुख्य पात्र |
1998 | हिना | डॉ॰ आमिर | |
1999 | संघर्ष | ||
2000 | घर एक मंदिर | राहुल | मुख्य पात्र |
2000 | 50 डे वॉर-कारगिल[५] | 5 अलग अलग भूमिका | थियेटर |
2001 | कभी आये ना जुदाई | राजेश्वर अग्निहोत्री | मुख्य पात्र |
2001 | रिश्ते | सुजॉय | मुख्य पात्र |
2001 | मानसून वेडिंग | शैली | कैमियो |
2001 | इंडियन टेली अवॉर्ड्स | परिचारक | गौतमी गाडगिल के साथ |
2002 | कहता है दिल | जय सिंह | |
2002 | कमज़ोर कड़ी कौन | प्रतियोगी | गेम शो |
2002 | चलती का नाम अन्ताक्षरी | प्रतियोगी | गौतमी गाडगिल के साथ |
2003 | आवाज़, दिल से दिल तक | विशाल | |
2003 | हजारों ख्वाइशें ऐसी | अरुण मेहता | सुधीर मिश्रा द्वारा निर्देशित |
2003 | धड़कन | डॉ॰ राजीव अग्रवाल | मुख्य पात्र |
2003 | खुल जा सिम सिम | प्रतियोगी | गेम शो |
2003 | इंडियन टेली अवॉर्ड्स | परिचारक | गौतमी गाडगिल के साथ |
2004 | बाली | पृथ्वी सिंह | मुख्य पात्र |
2004 | मंशा | विनय | मुख्य पात्र |
2005 | देवकी[८] | राहुल | सुधीर मिश्रा द्वारा निर्देशित |
2005 | कल: यस्टरडे एंड टूमारो[९] | रोहन सहगल | |
2005 | मिस्ड कॉल[१६] | विनय मूर्ति | फिल्म समारोहों में खेला |
2006-2009 | कसम से | जय वालिया | विजेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए आईटीए (ITA) अवॉर्ड विजेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए एचएचआईटीए (HHITA) अवॉर्ड विजेता, सैंसुई टेलीविजन अवॉर्ड्स पर ज्यूरी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता अवॉर्ड[१७] |
2006 | अस्तित्व अवॉर्ड्स | परिचारक | रोशनी चोपड़ा के साथ |
2006 | जोड़ी कमाल की | प्रतियोगी | गौतमी गाडगिल के साथ |
2006 | कम या ज्यादा | प्रतियोगी | गेम शो |
2007 | क्योंकि सास भी कभी बहू थी | जस ठकराल | कैमियो |
2007 | इंडियन टेली अवॉर्ड्स | परिचारक | रोशनी चोपड़ा के साथ |
2009 | बसेरा[१३] | केशु भई संघवी | मुख्य पात्र |
2009 | झलक दिखला जा[१४] | प्रतियोगी | 5 दौर में निकाला गया |
2009 | राखी का स्वयंवर[१५] | परिचारक | आरकेएस (RKS) और मन की बात |
2010 | स्वयंवर 2 - राहुल दुल्हनिया लेजायेंगे | परिचारक | रियलिटी शो |
2010 | कार्तिक कॉलिंग कार्तिक | कामथ | दीपिका पादुकोण और फरहान अख्तर के साथ |
2010 | उड़ान | जिमी | अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित |
पुरस्कार
इंडियन टेली अवॉर्ड्स [१]
2006
कसम से के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता लोकप्रिय की श्रेणी
कसम से प्राची देसाई के साथ टेलिविज़न पर सर्वश्रेष्ठ युगल
2007
कसम से के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता लोकप्रिय की श्रेणी
2008
कसम से के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता लोकप्रिय की श्रेणी- नामांकित
सैंसुई टेली अवॉर्ड्स
2007
कसम से के लिए समीक्षक चुनाव पर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
2008
कसम से के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता लोकप्रिय की श्रेणी[१८]
एचएचआईटीएए (HHITAA) (हीरो हौंडा इंडियन टेलीविजन अकादमी अवॉर्ड्स) [१९]
2006
कसम से के लिए समीक्षक चुनाव पर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
गोल्ड अवॉर्ड्स
2008
कसम से के लिए समीक्षक चुनाव पर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
सन्दर्भ
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ इ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ इ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।