रामदेवी चौधरी
रामदेवी चौधरी | |
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रामदेवी चौधरी | |
जन्म |
०३ १८९९ सत्यभमपुर गांव, कटक जिला |
मृत्यु |
22 १९८५साँचा:age) कटक, उड़ीसा | (उम्र
राष्ट्रीयता | भारतीय |
रामदेवी चौधरी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थीं। उड़ीसा के लोग उन्हें माँ कहते थे।[१] वह गोपाल बल्लाव दास की बेटी थीं और १५ वर्ष की आयु में, उनकी गोपाबन्धु चौधरी से शादी हुई।[२] वह और उनके पति दोनों एक साथ १९२१ में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए। वह महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थीं। वह महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गाँव-गाँव भ्रमण करती थीं। १९२१ में, गांधी जी के साथ उनकी पहली मुलाकात हुई और अपने पति के साथ वे असहयोग आंदोलन में शामिल हुईं। उसी वर्ष वे दोनों भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और खादी पहनना शुरू कर दिया। वर्ष १९३० में रामदेवी ने उड़ीसा स्तर पर नमक सत्याग्रह आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
राष्ट्र के लिए उनकी सेवाओं को देखते हुए, रामदेवी को नवम्बर १९८२ में जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। १६ अप्रैल १९८४ को उन्हें उत्कल विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ फिलॉसॉफी की उपाधि दी गयी।[३][४]
उनकी २२ जुलाई १९८५ रामदेवी का निधन हुआ।
उड़ीसा के भुवनेश्वर में "रामदेवी महिला विश्वविद्यालय" का नाम उनकी स्मृति में रखा गया है।
सन्दर्भ
- ↑ Women pioneers in India's renaissance, as I remember her, by Sushila Nayar, Kamla Mankekar. National Book Trust, India, 2002. ISBN 81-237-3766-1. Page 216.
- ↑ साँचा:cite book. Rama Devi Rama Devi along with her husband Gopabandu Choudhury joined the Freedom Movement in 1921
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite book. JAMNALAL BAJAJ AWARDS, 1981 The Jamnalal Bajaj Awards are given every year for outstanding contributions in any one or more ... Award III was awarded to Smt. Ramadevi Gopabandhu Choudhuri ofCuttackfor her outstanding contribution to the ...