राबर्ट फिस्क
रॉबर्ट फिस्क | |
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रॉबर्ट फिस्क एक २००८ में क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड के एक पुस्तक मेले में | |
जन्म |
12 July 1946 मेडस्टोन, केंट, इंगलैंड |
शिक्षा |
लैंकास्टर विश्वविद्दालय (बीए, 1968) ट्रिनिटी कॉलेज़, डबलिन (पीएचडी, 1985) |
व्यवसाय | द इंडिपेंडेंट के लिए मध्य पूर्व में संवाददाता |
जीवनसाथी | लारा मार्लोवे (1994–2006) |
रॉबर्ट फिस्क (साँचा:lang-en जन्म : 12 जुलाई 1946) मेडस्टोन, केंट के रहने वाले एक ब्रिटिश पत्रकार एवं लेखक हैं, जो कि मध्य पूर्व में अपनी बहादुर पत्रकारी के लिए जाने जाते हैं। फिस्क १२ वर्षों से ज्यादा समय तक अंग्रेज़ी अख़बार द इंडिपेंडेंट के लिए मध्य पूर्व के मुख्यत: बेरुत में संवाददाता रह चुके हैं। [१] किसी भी अन्य पत्रकार कि तुलना में फिस्क को पत्रकारिता से संबन्धित कहीं अधिक ब्रिटिश व अंतरराष्ट्रिय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें ७ बार ब्रिटेन का वार्षिक अंतरराष्ट्रिय पत्रकार पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने विभिन्न युद्धों व सैन्य टकरावटों पे किताबें प्रकाशित की हैं।
अरबी भाषा बोलने वाले[२] वे उन कुछेक ऐसे पश्चिमी पत्रकारों में हैं जिन्होने ओसामा बिन लादेन का साक्षात्कार किया है। १९९३ से १९९७ के बीच में उन्होने ऐसा ३ बार किया है। [३][४]
प्रारंभिक जीवन व शिक्षा
मेडस्टोन, केंट में जन्मे फिस्क अपने पिता कि इकलौती संतान थे। उनके पिता मेडस्टोन कॉउन्सिल में खजांची थे और प्रथम विश्व युद्ध लड चुके थे।[५] उनकी प्रारंभिक शिक्षा यार्डले कोर्ट नामक विद्दालय मे हुई थी[६] सॉटन वैलेंस विद्दालय और लैंकास्टर विश्वविद्दालय,[७] जहॉं उन्होने पहली बार (साँचा:lang-en) नामक छात्र पत्रिका में पत्रकारिता में हाथ आजमाया। बाद में १९८३ में ट्रिनिटी विश्वविद्दालय, डबलिन से उन्होंने राजनीति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।[८]
पेशा
समाचारपत्र संवाददाता
जॉन जुनोर से विवाद जिसने उन्हें द टाइम्स से जुड़ने के लिए प्रेरित किया, के पहले फिस्क संडे एक्सप्रेस में दैनिक स्तम्भ लेखक के तौर पर कार्यरत थे। [९] १९७२-७५ के दौरान फिस्क ने बेलफ़ास्ट में द टाइम्स के सवांददाता के तौर पर काम किया। फिर वो पुर्तगाल में सवांददाता बने और कार्नेसन क्रांति के परिणामों के समाचार भेजे। इसके बाद उन्हें मध्य पूर्व में सवांददाता के तौर पर नियुक्ति मिलि (1976–1988). रूपर्ट मर्डोक के आने के बाद जब १९८९ में उनके एक लेख को छापने से रोक दिया गया तो वो द इंडिपेंडेंट से जुड़ गए। न्यूयार्क टाइम्स ने एक बार उन्हें ब्रिटेन का सबसे प्रसिद्ध विदेशी संवाददाता बताया। [१०] उन्होंने १९७० में द ट्रबल्स : उत्तरी आयरलैंड का गृह युद्ध पर पत्रकारिता की फिर १९७४ में कार्नेसन क्रांति, लेबनान का गृहयुद्ध, १९७९ में ईरान की इस्लामी क्रांति, अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध, बोस्निया का युद्ध, अल्जीरिया का गृहयुद्ध, कोसोवो का युद्ध, २००१ में अफगानिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय आक्रमण, २००३ में ईराक पर अमेरिकी आक्रमण, २०१० से प्रारंभ होने वाली अरब जगत की क्रांतिकारी लहर और सीरिया का गृहयुद्ध में पत्रकारिता की और संवाददाता की भूमिका निभाई।
युद्ध के संवाददाता
फिस्क बेरुत में १९७६ से पूरे लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान रहे।[११] लेबनान में शाबरा और शतिला और सीरिया में हमा के नरसंहार की जगह पहुंचने वाले वो पहले पत्रकार थे। लेबनान के गृहयुद्ध पर उनकी किताब (पिटी द नेशन) १९९० मे प्रकशित हुई थी। उन्होने अरब बनाम इज़रायल के युद्ध, बोस्निया का युद्ध, कोसोवो का युद्ध, अल्जीरिया का गृहयुद्ध के साथ साथ कई युद्धों में पत्रकरिता की है। इराक-इरान के युद्ध के दौरान इराकी युद्ध क्षेत्र के अत्यधिक नजदीक होने के कारण वो लगभग बहरे भी हो गये थे।[१२]
२००१ में अफगानिस्तान पर अमेरिकी सेनाओं के आक्रमण के बाद उस क्षेत्र की सूचनाऍ भेजने के लिए उन्हें पाकिस्तान भेजा गया। इस दौरान वहॉं पर अफगानी शरणार्थीयों के एक समूह जो कि अमेरिकी सेना की भारी बमबारी से बच के भाग रहा था, ने उन पर हमला कर दिया। उन्हें इस हमले से एक दूसरे अफगान शरणार्थी ने बचाया। इस पिटाई का चित्रण करते हुए फिस्क कहते हैं कि[१३]
हिंदी अनुवाद:
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अंग्रेजी में:
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व्यक्तिगत जीवन
फिस्क ने १९९४ में अमेरिकी पत्रकार लारा मार्लोवे[१४] से शादी की और २००६ में दोनो ने तलाक ले लिया और अलग हो गए।
कार्य
किताबें
उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। किताबें अंग्रेज़ी में हैं और उन का अभी तक हिन्दी में अनुवाद होना बाकी है। नीचे उन किताबों के नाम हैं -
- फिस्क, रॉबर्ट, (1975). द प्वांट ऑफ नो रिटर्न: द स्ट्राइक विच ब्रोक द ब्रिटिश इन अल्स्टर साँचा:en
- फिस्क, रॉबर्ट, (1983). इन टाइम ऑफ वार: आयरलैंड, अल्स्टर एंड द प्राइस ऑफ न्युट्रालिटी १९३९-४५ साँचा:en
- फिस्क, रॉबर्ट, (2001). पिटी द नेशन : लेबनान एट वार साँचा:en
- फिस्क, रॉबर्ट, (2005). द ग्रेट वार ऑफ सिविलाइज़ेशन: द कॉन्क्वेस्ट ऑफ द मिडिल ईस्ट, हार्पर पेरेनियल, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ISBN 978-1-84115-008-6 साँचा:en
चलचित्र दस्तावेज़
फिस्क ने १९९३ में फ्रॉम बेरूत टू बोस्निया नामक एक तीन हिस्सों वाली ऋँखला का निर्माण किया। फिस्क के अनुसार इस ऋँखला का उद्देश्य यह पता लगाना था की मुस्लिम लोग आखिर इतनी भारी संख्या मे पश्चिम जगत से घृणा क्यों करते हैं।"[१५] फिस्क कहते है कि डिस्कवरी चैनल ने शुरु में इन्हें पूरा दिखाने के बाद भी इज़रायल समर्थक गुटों द्वारा पत्र आधारित अभियान चलाए जाने के कारण इन चलचित्रों का दोबारा प्रसारण नही किया।[१५][१६]
फिस्क ने २००४ मे निर्मित चलचित्र पीस, प्रोपैगेंडा & द प्रॉमिस्ड लैंड में अभिनय भी किया है।[१७]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ राबर्ट फिस्क: द ग्रेट वार ऑफ सिविलाइज़ेशन: द कॉन्क्वेस्ट ऑफ द मिडिल ईस्टpp. 1–39 ISBN 1-84115-007-X
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ "रॉबर्ट फिस्क लेक्चर". एल यू न्यूज. लैंकास्टर विश्वविद्दालय. नवम्बर 2006. Archived from the original on 10 दिसंबर 2008. Retrieved 14 October 2008.
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(help) - ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ रॉबर्ट फिस्क, द ग्रेट वार फॉर सिविलाइज़ेसन स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 2005, p.224.
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite web