राजेश अग्रहरि

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राजेश कुमार अग्रहरि उत्तर प्रदेश के जाने माने एक उद्योगपतिसमाजवादी पार्टी के पूर्व नेता हैं।[१][२] वे स्पाइस ब्रांड राजेश मसाला के चेयरमैन व डायरेक्टर हैं, जिसकी स्थापना १९९७ में हुआ था। २८ दिसंबर, २०१४ को अग्रहरि भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

राहुल गांधी के गढ़ होने के बावजूद अमेठी से सपा समर्थित इनकी पत्नी चन्द्रमा देवी अग्रहरि अमेठी नगर पालिका से नगर पालिका चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार अध्यक्षा निर्वाचित हुई हैं।[३][४]

उद्योग

वें १३ फ़रवरी २००४ से राजेश मसाला प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं, जो मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफ़ इंडिया (एम्.सी.ए.) से पंजीकृत हैं। साथ ही वें २६ अप्रैल २०१२ से राजेश मिल्क प्राइवेट लिमिटेड के भी डायरेक्टर हैं।[५][६] इस उद्योग की शुरुवात इनके पिता स्व. आर. आर. अग्रहरि ने की थी।[७]

२००७ विधान सभा चुनाव

समाजवादी पार्टी मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आग्रह पर राजेश अग्रहरि राजनीति के अखाड़े में उतर आये और वर्ष २००७ में सुल्तानपुर जिला के अमेठी विधान सभा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा।[८][९] इस चुनाव में उन्हें २०८०४ मत मिला और वो हार गए।[१०][११] वे सपा से जुलाई २०१४ तक जुड़े रहे।[१२]

विवाद और सपा से निष्काशन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के नेता व उद्योगपति राजेश अग्रहरि को पार्टी विरोधी गतिविधि, पार्टी के नियमो के उल्लंघन के कारण जुलाई २०१४ को समाजवादी पार्टी से ६ साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।[१३][१४][१५][१६]

विधायक और कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के मुताबिक लोकसभा चुनाव २०१४ के दौरान भाजपा नेता व वर्तमान केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जब अमेठी जिला आए थे उस समय राजेश मसाला उर्फ़ राजेश अग्रहरि ने उन्हें माला पहनायी थी।[१७]

भाजपा में शामिल

२८ दिसंबर, २०१४ को राजेश अग्रहरि उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपाई और केंद्रीय राज्य मंत्री रामशंकर कठारिया की उपस्तिथि में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की[१८][१९]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ